IPL ‘मेगा’ और ‘मिनी’ ऑक्शन एक नहीं! जानिए दोनों में क्या हैं तीन बड़े अंतर?

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IPL Mega vs Mini Auction: आईपीएल 2025 मेगा ऑक्शन की तैयारियां जोरों पर हैं और इसके साथ ही क्रिकेट प्रेमियों में रोमांच का लेवल भी बढ़ गया है. इस मेगा ऑक्शन में कई बड़े बदलाव होने की उम्मीद है, जिसमें रिटेंशन के नए नियम और कुछ पुराने रोमांचक नियमों की वापसी शामिल है. इसके साथ ही कई बड़े खिलाड़ियों के ऑक्शन में उतरने की संभावना ने इस ऑक्शन को और भी खास बना दिया है. लेकिन मेगा ऑक्शन के साथ-साथ मिनी ऑक्शन भी होता है और दोनों के बीच कई अहम अंतर होते हैं, जिनके बारे में जानना जरूरी है. आइए जानते हैं इन दोनों में क्या हैं तीन बड़े अंतर.

राइट टू मैच कार्ड का उपयोग
मेगा ऑक्शन में टीमों को राइट टू मैच कार्ड (RTM कार्ड) का इस्तेमाल करने की अनुमति होती है, जिसके जरिए वे नीलामी में रिलीज किए गए खिलाड़ी को सबसे ऊंची बोली के बराबर बोली लगाकर अपनी टीम में वापस ला सकते हैं. लेकिन मिनी ऑक्शन में ऐसा कोई विकल्प नहीं होता. आरटीएम कार्ड केवल मेगा ऑक्शन के दौरान ही उपलब्ध होता है, लेकिन इस बार इसमें थोड़ा बदलाव किया गया है, जिससे यह और भी रोमांचक हो गया है.
रिटेंशन नियमों में बदलाव
मेगा और मिनी ऑक्शन के बीच रिटेंशन नियम भी एक बड़ा अंतर है. मेगा ऑक्शन में, टीमों को अधिकतम 6 खिलाड़ियों को रिटेन करने की अनुमति है, जिसमें 5+1 पॉलिसी लागू होती है. इसका मतलब है कि टीमें 5 कैप्ड (भारतीय या विदेशी) और 1 अनकैप्ड खिलाड़ी को रिटेन कर सकती हैं. जबकि मिनी नीलामी में, रिटेंशन पर कोई विशेष सीमा नहीं है, लेकिन कम स्लॉट के कारण खिलाड़ियों को अधिक कीमत पर बेचा जाता है.
ट्रेड विंडो का अंतर
सबसे बड़ा अंतर ट्रेड विंडो है. मेगा ऑक्शन 2025 के लिए ट्रेड विंडो की अफवाहें थीं, लेकिन यह सच नहीं है. ट्रेड विंडो केवल मिनी ऑक्शन के दौरान उपलब्ध है. यह विंडो आईपीएल सीजन खत्म होने के एक महीने बाद खुलती है और मिनी ऑक्शन से एक हफ्ते पहले तक चलती है. यह फिर से नीलामी के बाद खुलती है और नए सीजन से एक महीने पहले बंद हो जाती है. दूसरी ओर, मेगा ऑक्शन के दौरान ट्रेड विंडो का कोई प्रावधान नहीं है.

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