Holashtak Kab Se Hai 2025: होलाष्टक में कौन-कौन से काम नहीं किए जाते, क्यों है ये डरावना काल

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Holashtak Kab Se Hai 2025: सनातन धर्म कि तो होलाष्टक को बिलकुल भी शुभ नहीं माना गया है. वहीं, इस दौरान कोई भी शुभ और मांगलिक कार्यों को करने कि भी पूर्ण रूप से मनाही होती है. होलाष्टक होली से आठ दिन पहले लगते हैं और फाल्गुन पूर्णिमा यानी होलिका दहन पर इसका समापन होता है. होलाष्टक में कौन-कौन से कार्य वर्जित हैं. होलाष्टक कब से शुरू हो रहे हैं

क्यों डरावना काल है होलाष्टक ?

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार होलाष्टक के 8 दिन बहुत डराने वाले माने जाते हैं, क्योंकि इस दौरान ग्रहों का स्वभाव उग्र रहता है, ऐसे में जीवन में कई तरह के बदलाव आते हैं. यही वजह है कि होलाष्टक में शुभ कार्य करने की मनाही होती है. क्योंकि इसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है. संघर्ष बढ़ जाता है, असफलता का सामना करना पड़ता है.

होलाष्टक में 9 ग्रह उग्र रहते हैं

होलाष्टक में अष्टमी को चंद्रमा, नवमी को सूर्य, दशमी को शनि, एकादशी को शुक्र, द्वादशी को गुरु, त्रयोदशी को बुध, चतुर्दशी को मंगल और पूर्णिमा को राहु उग्र रहते हैं और नकारात्मकता की अधिकता रहती है. इसलिए व्यक्ति को इस दौरान फूंक-फूंककर किसी कार्य को करना चाहिए.

होलाष्टक में कौन-कौन से कार्य वर्जित ?

विवाह, गृह प्रवेश, नामकरण, मुंडन, नामकरण और उपनयन संस्कार इत्याधि जैसे 16 अनुष्ठानों पर रोक लग जाती है. पारिवारिक कलह, धन हानी और बीमारी इत्यादि का भय बढ़ जाता है.
होलाष्टक की अवधि में नया मकान, चल-अचल सम्पत्ति जैसे गहने और गाड़ी की खरीदारी नहीं करनी चाहिए साथ ही इस दौरान मकान का निर्माण भी नहीं शुरू करना चाहिए.
होलाष्टक के आठ दिन की अवधि में हवन और यज्ञ पर भी रोक लग जाती है.
इस दौरान नौकरी बदलना भी सही नहीं माना गया है. न ही कोई नई नौकरी ज्वाइन करना चाहिए.

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