RBI MPC Meeting Update: भारतीय रिजर्व बैंक ने कर्ज लेने वालों को बड़ी सौगात दी है. आरबीआई की मॉनिटरी पॉलिसी कमिटी की बैठक में लिए गए फैसलों का एलान करते हुए नए गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा कि कमिटी ने रेपो रेट में एक चौथाई फीसदी की कटौती करने का फैसला लिया है. आरबीआई का रेपो रेट 6.50 फीसदी से घटकर 6.25 फीसदी हो जाएगा. सेंट्रल बैंक के इस फैसले के बाद बैंकों के लिए होमलोन, कारलोन, एजुकेशन लोन, कॉरपोरेट लोन से लेकर पर्सनल लोन के ब्याज दरों में कटौती करने का रास्ता साफ हो गया है. इससे पहले मई 2020 में कोरोना महामारी के चलते देश में लॉकडाउन लगा था जब आरबीआई ने ब्याज दरों को घटाने का फैसला लिया था. यानी 5 सालों के बाद आरबीआई ने ब्याज दरों में कटौती की है.
5 सालों में पहली बार कर्ज हुआ सस्ता
दिसंबर 2024 में आरबीआई गवर्नर का पदभार संभालने वाले संजय मल्होत्रा की अध्यक्षता में हुआ पहली मॉनिटरी पॉलिसी कमिटी की बैठक तीन दिनों तक चली. संजय मल्होत्रा ने एमपीसी की बैठक में लिए गए फैसलों का एलान करते हुए रेपो रेट में 0.25 फीसदी या 25 बेसिस प्वाइंट घटाने का एलान किया. रेपो रेट अब 6.25 फीसदी हो गया है. आरबीआई के इस फैसले के साथ बैंकों के लिए कर्ज लेना सस्ता हो गया है और उम्मीद की जा रही है कि इसका फायदा जल्द ही बैंक नए कर्ज लेने वाले ग्राहकों से लेकर पुराने कस्टमर्स तक पहुंचायेंगे.
2025-26 में 6.7 फीसदी जीडीपी ग्रोथ रेट का अनुमान
आरबीआई ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए जीडीपी ग्रोथ रेट 6.4 फीसदी रहने का अनुमान जताया है. जबकि पहले 6.6 फीसदी रहने का अनुमान जताया गया था. वित्त वर्ष 2025-26 में आरबीआई ने 6.7 फीसदी जीडीपी ग्रोथ रेट का अनुमान जताया है.
आरबीआई गवर्नर ने कहा, जब से महंगाई दर का टोलरेंस बैंड फिक्स किया गया है औसत महंगाई दर लक्ष्य के मुताबिक रहा है. खुदरा महंगाई दर ज्यादातर समय कम रहा है. केवल कुछ मौकों पर ही खुदरा महंगाई दर आरबीआई के टोलरेंस बैंड के ऊपर रहा है. आरबीआई गवर्नर ने कहा, अर्थव्यवस्था की मजबूती के लिए काम करते रहेंगे. साथ ही सभी इकोनॉमी के स्टेकहोल्डर्स के साथ कंसलटेशन का दौर जारी रहेगा. संजय मल्होत्रा ने कहा, वैश्विक अर्थव्यवस्था के हालात चुनौतीपूर्ण बने हुए हैं. भारतीय अर्थव्यवस्था में मजबूती बनी हुई है लेकिन वैश्विक हालात का असर भारतीय अर्थव्यवस्था पर भी पड़ा है.