India Trade Data: सोने के इंपोर्ट में तेजी से बढ़ी मुश्किलें! खाने के तेल, चांदी और फर्टिलाइजर आयात बढ़ने से ऑलटाइम हाई पर व्यापार घाटा

Business

India Trade Data: भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए संकट की घ़ड़ी है. निर्यात पर भारी मार पड़ी है. आयात ने सारी सीमाएं तोड़ दी है. इस कारण व्यापार घाटा चरम पर पहुंच गया है. सोने ने भी आयात के पिछले सारे रिक़ॉर्ड तोड़ दिए हैं. ऐसे में खजाने से विदेशी मुद्रा भंडार खाली होगा. डॉलर के मुकाबले रुपया टूटेगा. रोजगार से लेकर करोबार तक पर इसकी मार पड़ने वाली है. भारत सरकार के वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़े इसकी गवाही देते हैं. इसके मुताबिक, भारत का व्यापार घाटा पिछले सारे रिकॉर्ड तोड़ते हुए नवंबर में 37.84 अरब डॉलर पर पहुंच गया है. वहीं सोने का आयात भी रिकॉर्ड ऑल टाइम हाई पर है. नवंबर में 14.8 अरब डॉलर के सोने का आयात हुआ है. 

सोने के आयात में उछाल से गड़बड़ाया गणित

जानकारों की मानें तो व्यापार घाटे यानी आयात का निर्यात से अधिक होने की स्थिति इस तरह भयानक हो जाने का सब बड़ा कारण सोने की आयात में उछाल है. क्योंकि 37.84 अरब डॉलर के आयात में अकेले सोने की हिस्सेदारी 14.8 अरब डॉलर की है. पिछले साल नवंबर महीने की तुलना में भारत का निर्यात 4.85 फीसदी गिरकर 32.11 अरब डॉलर पर पहुंच गया है. केंद्रीय वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, पिछले साल नवंबर महीने की तुलना में भारत का आयात 27 फीसदी बढ़कर 69.95 अरब डॉलर पर चला गया है. खाद्य तेल, चांदी और उर्वरक की काफी अधिक मांग होने के कारण आयात इस तरह बढ़ रहा है.

आखिर जनता पर क्या होगा असर

व्यापार घाटे के इस कदर बढ़ने यानी निर्यात के मुकाबले अधिक आयात होने का सबसे बड़ा कारण यह है कि देश अपनी जनता की जरूरतों के लिए पर्याप्त मात्रा में वस्तओं और सेवाओं का उत्पादन नहीं कर पा रहा है. इसलिए दूसरे देशों से इसकी भरपाई करनी पड़ रही हैं. जाहिर है कि ये वस्तुएं और सेवाएं देशवासियों के लिए महंगी पड़ेंगी. इससे देश में महंगाई बढेगी. आयात के लिए विदेशी मुद्रा की झोली खोलनी होगी. इससे विदेशी मुद्रा भंडार कम होगा, इसकी भरपाई के लिए डॉलर जुटाने होंगे और रुपया कमजोर होगा. जिन सेक्टर में अधिक आयात हो रहा है, उन क्षेत्रों की भारतीय कंपनियां कमजोर पड़ेंगी और वहां रोजगार का संकट पैदा हो सकता है.

ये भी पढ़ें: 

HDFC Bank-SEBI Update: एचडीएफसी बैंक को सेबी ने लगाई फटकार! क्यों रेगुलेटर को देनी पड़ी बैंक को ये चेतावनी

SHARE NOW