UPSC की सिविल सेवा परीक्षा को देश की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक माना जाता है. हर साल लाखों छात्र इस परीक्षा में भाग लेते हैं, लेकिन सफलता कुछ ही को मिलती है. सफलता के लिए मेहनत तो जरूरी है, लेकिन सही रणनीति और आंसर लिखने का तरीका भी बहुत महत्वपूर्ण है. हम आपके लिए एक खास सीरीज ‘सक्सेस मंत्रा’ लेकर आए हैं, जिसमें आज हम बात कर रहे हैं UPSC CSE 2023 में सफलता पाने वाली रीतिका ऐमा की. उन्होंने एक इंटरव्यू में अपने अनुभव साझा किए और बताया कि कैसे सही आंसर लेखन टेकनीक से इस परीक्षा को पास किया जा सकता है.
पहली बार में बनी आईपीएस
डॉ. रितिका ऐमा पेशे से एक डॉक्टर हैं और हल्द्वानी के डॉ. सुशीला तिवारी मेडिकल कॉलेज से अपनी एमबीबीएस की पढ़ाई पूरी की है. डॉ. रितिका ने दूसरी बार UPSC परीक्षा पास की है और उन्हें 33वीं रैंक प्राप्त हुई है. साल 2022 भी उन्होंने अच्छा प्रदर्शन करते हुए 186वीं रैंक हासिल की थी और उन्हें आईपीएस (IPS) सेवा के लिए चयनित किया गया था. उन्हें गुजरात कैडर आवंटित हुआ था, और फिलहाल वह हैदराबाद में पुलिस सेवा की ट्रेनिंग ले रही हैं, लेकिन अब वह IAS अधिकारी बनने की तैयारी करेंगी.
देहरादून से की पढ़ाई, पिता भी रहे हैं सिविल सर्वेंट
रितिका ने अपनी स्कूली शिक्षा देहरादून के ब्राइटलैंड स्कूल से की है. वह नागालैंड कैडर के सेवानिवृत्त भारतीय वन सेवा (IFS) अधिकारी, डॉ. रमेश ऐमा की बेटी हैं, और इस प्रकार वह अपने परिवार में दूसरी पीढ़ी की प्रशासनिक अधिकारी हैं. उनका परिवार 1987 से देहरादून में रह रहा है. उनकी मां, रेखा ऐमा, और उनकी छोटी बहन, रिया ऐमा भी चिकित्सक हैं. डॉ. रितिका का कहना है कि उनका लक्ष्य समाज की सेवा करना है और सिविल सेवाओं के माध्यम से वह देश की नीति निर्माण प्रक्रिया में भागीदार बनना चाहती हैं.
इन टिप्स को आंसर लिखने में किया यूज
रीतिका ने एक इंटरव्यू में बताया कि जब उन्होंने UPSC की तैयारी शुरू की, तो सबसे पहले परीक्षा के पैटर्न और आंसर लिखने की बारीकियों को समझा. उन्होंने कहा कि यह परीक्षा केवल ज्ञान का नहीं, बल्कि उसे सही तरीके से प्रेजेंट करने की भी होती है. आंसर लिखते समय यह ध्यान रखना जरूरी है कि परीक्षक को जवाब आसानी से समझ में आए और उसमें लॉजिकल फ्लो हो. एक अच्छे आंसर की शुरुआत शॉर्ट और स्पष्ट परिचय से करनी चाहिए. इसके बाद मुख्य आंसर में सवाल से जुड़ी जानकारी देनी चाहिए और अंत में एक इफेक्टिव कन्क्लूजन लिखना चाहिए. इससे आंसर बैलेंस्ड और सिस्टमैटिक लगता है.
इस मेथड से मिलते हैं ज्यादा नंबर
उन्होंने बताया कि कई उम्मीदवार आंसर लिखते समय अनावश्यक लंबाई बढ़ा देते हैं, जिससे मेन पॉइंट्स छूट सकते हैं. UPSC ऐसे आंसर को पसंद करता है, जो सरल, स्पष्ट और शॉर्ट हो. कठिन और जटिल भाषा के बजाय आसान शब्दों में अपनी बात रखना ज्यादा बेहतर होता है. आंसर को और इफेक्टिव बनाने के लिए डायग्राम, चार्ट और फ्लोचार्ट का उपयोग भी किया जा सकता है. इससे परीक्षक को आंसर जल्दी समझ में आता है और अच्छे नंबर मिलने की संभावना बढ़ जाती है.
2W 1H की स्ट्रैटेजी से लिखने चाहिए आंसर
आंसर लिखते समय यह भी जरूरी है कि उसमें बैलेंस्ड अप्रोच हो. रीतिका कहती हैं कि परीक्षा में यह नहीं देखा जाता कि आपकी निजी राय क्या है, बल्कि यह देखा जाता है कि आप कितनी लॉजिकल और फेयर सोच रखते हैं. इसलिए आंसर में विभिन्न पहलुओं को शामिल करना चाहिए, ताकि वह ज्यादा प्रभावी लगे. कई छात्र परीक्षा में रटे-रटाए आंसर लिखने की गलती कर बैठते हैं. यह तरीका गलत है क्योंकि हर सवाल का नेचर अलग होता है. सवाल के अनुसार ही आंसर देना चाहिए. रीतिका कहती हैं कि परीक्षा में यह समझना जरूरी है कि सवाल “क्या”, “कैसे” और “क्यों” पूछ रहा है. उसी के अनुसार आंसर तैयार करना चाहिए.
ये आदत आपको पास करा सकती है UPSC
रीतिका ने बताया कि आंसर राइटिंग में सक्सेस पाने के लिए प्रैक्टिस बहुत जरूरी है. उन्होंने हर दिन कम से कम एक आंसर लिखने की आदत बनाई थी और नियमित रूप से मॉक टेस्ट दिए थे. इससे उनकी स्पीड और सटीकता में सुधार हुआ. उन्होंने कहा कि UPSC की तैयारी लंबी और चुनौतीपूर्ण होती है, लेकिन अगर इसे पैशन्स और कॉन्फिडेंस के साथ किया जाए तो सफलता जरूर मिलती है. मानसिक रूप से मजबूत रहना और तैयारी की प्रक्रिया का आनंद लेना भी बहुत जरूरी है. उन्होंने सभी उम्मीदवारों को सलाह दी कि हार न मानें और लगातार प्रयास करते रहें.
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