Premanand Ji Maharaj: सफल दाम्पत्य जीवन के लिए पति-पत्नी किन-किन बातों का ध्यान रखें, प्रेमानंद जी महाराज से जानें उनके विचार

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Premanand Ji Maharaj Vachan: प्रेमानंद जी महाराज एक महान संत और विचारक हैं जो जीवन का सच्चा अर्थ समझाते और बताते हैं. प्रेमानंद जी के अनमोल विचार जीवन को सुधारने और संतुलन बनाएं रखने में मार्गदर्शन करते हैं.

सफल दाम्पत्य जीवन के लिए पति-पत्नी को किन-किन बातों का ख्याल रखना चाहिए, इस पर प्रेमानंद जी महाराज का मानना है कि दोनों यानि पति-पत्नी को चाहिए बॉयफ्रेंड गर्लफ्रेंड अगर पूर्व में बनाया था तो एक दूसरे को शादी के बाद बताना नहीं है. अब शादी के बाद इन बातों की चर्चा ना करें. नया जीवन शादी के बाद शुरु होता है, इन बातों को पूर्व जन्म की मान कर छोड़ देना चाहिए और अपनी लाइफ में आगे बढ़ें. नए जीवन में खटास ना पैदा हो इसीलिए इन पुरानी बातों को छोड़ देना चाहिए.

नए जीवन में अपनी पत्नी सें अनुराग करें, अपनी पति से अनुराग करें. एक दूसरे की घर-गृहस्थी की गलतियों को क्षमा करें. कोई बात हो जाती है और एक नाराज हो जाए तो दूसरा शांत हो जाएं, शांत होने बाद उस बात का निर्णय कर लें, मार-पीट लड़ाई-झगड़ा ना करें. पत्नी को चाहिए की पति की प्रशंसा, सास सुसर की सेवा करें. घर में सभी का मान रखें और अपने धर्म को अच्छे से पूरा करें. जिससे पति को प्रशंसा प्राप्त हो. पति को चाहिए की अपने अर्धांगिनी की हर इच्छा की पूर्ति करें. पत्नी का पति ने जिंदगी भर के लिए लिया है पति का यह फर्ज है उसकी लाख गलतियों को क्षमा करके प्यार दे.डांट-फटकार नहीं लगाएं इससे संबंध कभी खराब हो ही नहीं सकता.

अगर अचानक आपने देखा एकांत में किसी से बात कर रहें हैं भले ही आप सही हैं लेकिन एक शक जो दिमाग में आ जाता है उससे रिश्ते खराब होने लगते हैं. इसीलिए इस रिश्ते में किसी भी बात को पति या पत्नी से छुपाएं नहीं. पति की अनुमति के बिना किसी काम को ना करें. हमारे किसी भी आचरण से पति या पत्नी को संयश ना हो. आपकी अधिनता पति या पत्नी के प्रति हो, तो हमाका जीवन निर्वाह हो जाएगा. आजकल छोटी-छोटी बातों से रिश्ते खराब हो जाते हैं. जीवन खराब हो जाता है. मनमुटाव वाला कार्य ना करें. यह बातें जब अंतर मन में बैठ जाती है तो प्यार करते समय भी मन में संयश रहता है, और मन मलीन हो जाता है. इसीलिए दोनों लोग सावधान रहें जो पीछे हुआ उसको भूलकर आगे बढ़ें. नया जीवन मंगलमय हो ऐसा जीवन बिताएं. अधारना करें, भगवान का नाम जप करें और अच्छा सोचे. आप ही आगे आने वाली पीढ़ी की नींव हैं. संतान आपकी तेज बनेगी.

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