India Medical Tourism: तनावपूर्ण रिश्ते और वीजा प्रतिबंध के चलते भारत में बांग्लादेश से आने वाले मरीजों की संख्या में गिरावट आई है. पर्यटन मंत्रालय की एक नई डेटा के अनुसार, , नवंबर 2024 में भारत का मेडिकल वैल्यू टूरिज्म (MVT) में साल-दर-साल (YoY) 43 परसेंट और दिसंबर 2024 में 59 परसेंट की कमी आई है, जो पिछले साल के अपने सबसे निचले मासिक स्तर 30,800 पर पहुंच गई है.
MVT सुधरने में लगेगा वक्त
बिजनेस टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, BNP परिबास सिक्योरिटीज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के एनालिस्ट तौसिफ शेख ने कहा, हमने जितना सोचा था उतनी ही गिरावट आई है. उन्होंने अपने फर्म के पल्स फ्रॉम द ग्राउंड: अनपैकिंग द बांग्लादेश क्राइसिस रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा, नौ महीने के बाद बांग्लादेश और भारत के बीच ट्रेन सेवा शुरू होना एक पॉजिटिव संकेत है, लेकिन MVT में पूरी तरह से सुधार होने में अभी वक्त लगेगा. तौसिफ ने वित्त वर्ष 25 की चौथी तिमाही में भी इसी तरह का रुझान जारी रहने का अनुमान लगाया है.
नए वीजा के लिए एप्लीकेशन भी सीमित
तौसिफ शेख ने आगे कहा, स्थिति चुनौतीपूर्ण बनी हुई है क्योंकि भारत ने बांग्लादेश के लिए वीजा ऑपरेशन कम कर दिया है और फ्लीट ऑपरेटर्स ने सीमित क्षमता के साथ काम करना जारी रखा है. वर्तमान समय में ट्रैवल कर रहे कई मरीजों ने संकट गहराने से पहले ही वीजा के लिए अप्लाई कर दिया था और उन्हें वीजा मिल भी गया, लेकिन नए एप्लीकेशन सीमित हैं.
इन अस्पतालों पर सबसे ज्यादा असर
MVT में गिरावट का असर उन अस्पतालों पर ज्यादा पड़ा है, जो अंतर्राष्ट्रीय मरीजों पर ज्यादा निर्भर हैं, खासकर कोलकाता और पूर्वोत्तर राज्यों में. BNP Paribas द्वारा कवर किए जाने वाले हॉस्पिटल चेन में अपोलो हॉस्पिटल्स (एपीएचएस) पर अधिक प्रभाव पड़ने की संभावना है, जबकि एस्टर डीएम हेल्थकेयर (एएसटीईआरडीएम) और फोर्टिस हेल्थकेयर (एफओआरएच) पर कम प्रभाव पड़ने की संभावना है. 2022 में ICRIER की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत के मेडिकल टूरिस्ट में 69 परसेंट बांग्लादेश से आए हुए थे. भारत के MVT में बांग्लादेश का 70 परसेंट योगदान है.
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