बिहार विधानसभा का बजट सत्र चल रहा है. गुरुवार को बजट सत्र का 5वां दिन था, जब सदन की कार्यवाही सुबह 11 बजे शुरू हुई. इस दौरान सदन में पक्ष-विपक्ष के बीच कई मुद्दों पर जोरदार हंगामा हुआ. सत्र के दौरान विशेष रूप से मोतिहारी के एसपी स्वर्ण प्रभात की चर्चा हुई, जो सदन में छा गए. आइए जानते हैं कौन हैं आईपीएस स्वर्ण प्रभात?
इस लिए स्वर्ण प्रभात आए चर्चा में
आरजेडी विधायक सतीश कुमार ने सरकार पर हमला करते हुए कहा कि आज लोग बीपीएससी को ‘बिहार पेपर स्कैम कमिशन’ कहते हैं. उन्होंने बताया कि बीपीएससी के छात्र महीनों से धरना दे रहे हैं और परीक्षा रद्द कर दोबारा परीक्षा की मांग कर रहे हैं, लेकिन इस मांग को स्वीकार नहीं किया जा रहा है. उन्होंने बापू परीक्षा परिसर के 12 हजार छात्रों को विशेष अवसर देने का भी उल्लेख किया.
विधायक सतीश कुमार ने यह भी आरोप लगाया कि बिहार की स्थिति ऐसी हो गई है कि बेरोजगार नौजवान स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड लेने के बाद नौकरी ढूंढ रहा है, और सर्टिफिकेट केस होने पर पुलिस उसे खोज रही है. उन्होंने कहा कि यह हर स्टूडेंट को कर्जदार बना रहा है.
इन आरोपों के जवाब में भाजपा विधायक पवन जायसवाल ने विपक्ष को घेरते हुए एसपी स्वर्ण प्रभात की जमकर तारीफ की. उन्होंने कहा, “इनके (आरजेडी) समय जंगलराज था. सीएम हाउस में अपराधी बैठते थे. अपहरणकर्ता को संरक्षण मिलता था. सुशासन की सरकार में अपराधियों की कोई जगह नहीं है. जाइए मोतिहारी में… स्वर्ण प्रभात एसपी हैं. एक दिन में 200-200 घर की कुर्की जब्ती होती है.”
कौन हैं IPS स्वर्ण प्रभात?
स्वर्ण प्रभात 2017 बैच के बिहार कैडर के IPS अधिकारी हैं, जो मूल रूप से भोजपुर जिले के रहने वाले हैं. उन्होंने 105 रैंक के साथ UPSC की परीक्षा पास की थी. वे भोजपुर के तरारी प्रखंड के मोआप कला के कौशलेश कुमार सिन्हा और ललिता देवी के पुत्र हैं.
आईआईटी से की है पढ़ाई
UPSC में सफलता से पहले वे IITian थे. स्वर्ण प्रभात ने IIT खड़गपुर से कंप्यूटर साइंस में इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की थी. उसके बाद उन्होंने माइक्रोसॉफ्ट कंपनी में नौकरी की. अच्छे पैकेज पर दो साल नौकरी करने के बाद उन्होंने यह नौकरी छोड़ दी और UPSC की तैयारी में जुट गए.
दूसरे अटेम्प्ट में निकाला UPSC
पहले प्रयास में उन्हें सफलता नहीं मिली, लेकिन हार न मानते हुए वे पूरे मन से तैयारी में लगे रहे. दूसरे प्रयास में उन्होंने UPSC की परीक्षा पास करते हुए 105वां रैंक हासिल किया. पटना में कई संगीन मामलों में उन्होंने बेहतरीन कार्य किया है.
मोतिहारी में कार्यकाल और प्रभाव
सितंबर 2024 में स्वर्ण प्रभात को मोतिहारी का एसपी नियुक्त किया गया. इससे पहले वे गोपालगंज के एसपी थे, जहां उन्होंने अपराधियों के बीच खौफ पैदा किया था. उनके सख्त एक्शन की वजह से अपराधी थर-थर कांपते थे. गोपालगंज में उनके कार्यकाल के दौरान कई बड़े शराब माफियाओं को सलाखों के पीछे भेजा गया था.
मोतिहारी में एसपी के रूप में उनके कार्यकाल में मादक पदार्थों की तस्करी, जमीन माफिया, बालू माफिया और शराब माफिया पर कड़ी नजर रखी जा रही है. नेपाल सीमा से सटे इस जिले में तस्करी की चुनौतियों का सामना करते हुए, उन्होंने खुफिया तंत्र को मजबूत किया है.
इस प्रकार, बिहार विधानसभा के बजट सत्र में स्वर्ण प्रभात का नाम चर्चा का विषय बना, जिन्हें एक सख्त और प्रभावशाली पुलिस अधिकारी के रूप में जाना जाता है, जिनका नाम सुनकर अपराधी थर-थर कांपते हैं.
यह भी पढ़ें: होमगार्ड के DIG और पुलिस के डीआईजी में कौन ज्यादा पावरफुल, जानें किसकी सैलरी ज्यादा?