भारत में आंतरिक सुरक्षा के दो महत्वपूर्ण स्तंभ हैं पुलिस बल और होमगार्ड, जिनमें डिप्टी इंस्पेक्टर जनरल (DIG) का पद महत्वपूर्ण है. पुलिस बल में DIG का कार्य कानून व्यवस्था बनाए रखना, अपराधों की रोकथाम करना और सुरक्षा सुनिश्चित करना होता है, जबकि होमगार्ड में DIG का कार्य पुलिस सहायता और सामुदायिक सेवाओं में योगदान देना होता है. पुलिस बल के DIG को अधिक अधिकार, शक्ति और वेतन मिलता है, जबकि होमगार्ड के DIG का कार्यक्षेत्र सीमित और कम जिम्मेदारीपूर्ण होता है. इस प्रकार, दोनों पदों में महत्वपूर्ण अंतर होता है.
सीनियर आईपीएस की DIG के पद पर होती है नियुक्ति
पुलिस DIG: पुलिस सेवा में DIG एक वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी होता है, जिसे आमतौर पर 14-16 वर्षों के अनुभव के बाद प्रमोशन किया जाता है. यह पद सुपरिंटेंडेंट ऑफ पुलिस (SP) से ऊपर और इंस्पेक्टर जनरल (IG) से नीचे होता है.
होमगार्ड DIG: होमगार्ड में DIG की नियुक्ति राज्य सरकारों द्वारा की जाती है और यह पद अक्सर प्रतिनियुक्ति पर पुलिस अधिकारियों को दिया जाता है.
अधिकार क्षेत्र और शक्तियां
पुलिस DIG:
– कानून और व्यवस्था बनाए रखने की प्राथमिक जिम्मेदारी
– अपराध जांच और निवारण अधिकार
– गिरफ्तारी और जांच का संवैधानिक अधिकार
– कई जिलों के पुलिस प्रशासन का पर्यवेक्षण
– आपराधिक मामलों में अभियोजन की निगरानी
होमगार्ड DIG:
– मुख्य रूप से सहायक बल के रूप में कार्य
– आपदा प्रबंधन और राहत कार्यों की जिम्मेदारी
– सार्वजनिक समारोहों में सुरक्षा व्यवस्था
– स्वयंसेवकों का प्रशिक्षण और प्रबंधन
– सीमित कानूनी शक्तियां
सैलरी स्ट्रक्चर और लाभ
पुलिस DIG:
– वेतन स्तर: 13A (1,31,100-2,16,600 रुपये)
– विशेष भत्ते और जोखिम भत्ता
– सरकारी आवास, वाहन और चालक की सुविधा
– उच्च पेंशन लाभ
होमगार्ड DIG:
– वेतन स्तर: आमतौर पर 12 या 13 (78,800-2,09200 रुपये)
– सीमित भत्ते और लाभ
– आवास सुविधा राज्य नीतियों पर निर्भर
जानिए कौन अधिक पावरफुल?
वेतन, कानूनी शक्तियों और अधिकार क्षेत्र के संदर्भ में, पुलिस DIG होमगार्ड DIG की तुलना में अधिक शक्तिशाली पद है. पुलिस DIG के पास अधिक व्यापक अधिकार, उच्च वेतन और बेहतर करियर विकास के अवसर होते हैं. हालांकि, दोनों पद राष्ट्रीय सुरक्षा और नागरिक सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. होमगार्ड DIG आपदा प्रबंधन और समुदाय सेवा में विशेष महत्व रखता है, जबकि पुलिस DIG कानून और व्यवस्था बनाए रखने में प्रमुख भूमिका निभाता है. विशेषज्ञों का मानना है कि दोनों संगठनों के बीच बेहतर समन्वय और सहयोग से देश की आंतरिक सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत किया जा सकता है.
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