उत्तराखंड बोर्ड परीक्षा 2025 की 12वीं के नतीजों में प्रदेशभर में टॉप करने वाली अनुष्का राणा ने अब जेईई मेन परीक्षा में भी शानदार प्रदर्शन करके अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है. देहरादून के बंजारावाला क्षेत्र में रहने वाली अनुष्का ने जेईई मेन में 98.8 पर्सेंटाइल स्कोर करके प्रदेश का नाम रोशन किया है. अनुष्का की इस दोहरी उपलब्धि से परिवार, विद्यालय और क्षेत्रवासियों में खुशी की लहर है.
इतने मार्क्स लाकर 12वीं की परीक्षा में बनीं टॉपर
उत्तराखंड बोर्ड की 12वीं की परीक्षा में अनुष्का ने 98.6 प्रतिशत अंक हासिल कर प्रदेश में प्रथम स्थान प्राप्त किया था. अनुष्का जीआईसी बड़ासी देहरादून की छात्रा हैं. खास बात यह है कि जिस विद्यालय से अनुष्का ने पढ़ाई की है, वहीं उनके पिता रामेंद्र राणा भौतिकी विज्ञान के प्रवक्ता हैं. उनकी माता कुमुद राणा हाउसवाइफ हैं. मूल रूप से टिहरी गढ़वाल जिले के जामणीखाल क्षेत्र के भल्डियाना गांव की रहने वाली अनुष्का अपने परिवार के साथ दून के बंजारावाला क्षेत्र में रहती हैं.
क्या बनना चाहती हैं अनुष्का?
अनुष्का ने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता और शिक्षकों को दिया है. उन्होंने कहा कि परिवार में शुरू से ही पढ़ाई का माहौल रहा है, जिसका उन्हें भरपूर लाभ मिला. अनुष्का का सपना डॉक्टर बनकर देश की सेवा करना है. उन्होंने बोर्ड परीक्षा की तैयारी के साथ-साथ जेईई मेन की भी तैयारी की थी और दोनों में उत्कृष्ट परिणाम हासिल किए.
शिक्षा मंत्री ने खुद फोन करके दी गुड न्यूज
बोर्ड परीक्षा का परिणाम देखने के लिए अनुष्का सुबह से ही प्रयास कर रही थीं. सर्वर बार-बार डाउन हो जाने और इंटरनेट की समस्या के चलते वह अपना रिजल्ट नहीं देख पा रही थीं. इसी बीच सुबह करीब 11 बजे शिक्षा निदेशालय से उत्तराखंड के शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने अनुष्का को फोन कर उनके टॉप करने की सूचना दी. मंत्री से मिली इस खबर से अनुष्का और उनके परिवार की खुशी का ठिकाना नहीं रहा. पूरे घर में जश्न का माहौल छा गया.
सरकारी स्कूल से की 12वीं की पढ़ाई
अनुष्का ने 10वीं तक की पढ़ाई देहरादून के एक प्रतिष्ठित निजी विद्यालय से की थी, लेकिन 11वीं के बाद उन्होंने सरकारी विद्यालय में पढ़ाई का निर्णय लिया. उनके पिता रामेंद्र राणा खुद एक सरकारी विद्यालय में प्रवक्ता हैं, इसलिए उन्होंने महसूस किया कि सरकारी विद्यालयों में भी बेहतर शिक्षा मिल सकती है. अनुष्का ने 11वीं और 12वीं की पढ़ाई उत्तराखंड बोर्ड से संबद्ध जीआईसी बड़ासी से पूरी की.
सरकारी स्कूलों के बारे में कही यह बात
अनुष्का का कहना है कि अंग्रेजी माध्यम के निजी विद्यालयों की तुलना में सरकारी विद्यालय कहीं अधिक बेहतर हैं. यहां का शैक्षणिक माहौल, शिक्षकों की मेहनत और विद्यार्थियों के प्रति उनकी लगन निजी विद्यालयों से कहीं अधिक है. बस छात्रों को खुद में लगन और मेहनत की भावना लानी होगी.
अनुष्का की मां ने यूं जताई खुशी
अनुष्का की मां कुमुद राणा ने कहा कि समाज में अक्सर यह धारणा बन गई है कि सरकारी विद्यालयों में शिक्षा का स्तर कमजोर है, लेकिन यह बिल्कुल गलत है. उन्होंने कहा कि उनकी बेटी ने सरकारी विद्यालय में पढ़ाई कर प्रदेश में टॉप कर यह साबित कर दिया कि मेहनत और लगन के साथ सरकारी विद्यालयों में भी बड़ा मुकाम हासिल किया जा सकता है. अनुष्का ने 10वीं तक की पढ़ाई जिस निजी विद्यालय से की थी, वह उनके घर के नजदीक था, लेकिन जब सरकारी विद्यालय में दाखिले की बात आई तो अनुष्का ने 20 किलोमीटर दूर स्थित जीआईसी बड़ासी में प्रवेश लिया. रोजाना लंबी यात्रा करके पढ़ाई करना आसान नहीं था, लेकिन अनुष्का ने कभी हार नहीं मानी और अपने लक्ष्य पर डटी रहीं.
अनुष्का ने दिए पढ़ाई करने के टिप्स
अनुष्का का बड़ा भाई इस समय भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) रुड़की से इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहा है. भाई से भी अनुष्का को पढ़ाई के प्रति प्रेरणा मिली. परिवार का शैक्षणिक वातावरण और परस्पर सहयोग अनुष्का की सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं. भविष्य में अनुष्का डॉक्टर बनकर देश की सेवा करना चाहती हैं. उन्होंने कहा कि मेडिकल क्षेत्र में काम कर जरूरतमंदों की सेवा करना उनका सपना है. इसके लिए वह नीट (NEET) परीक्षा की तैयारी कर रही हैं. अनुष्का का मानना है कि कठिन परिश्रम, आत्मविश्वास और सही मार्गदर्शन से किसी भी सपने को साकार किया जा सकता है. उन्होंने सभी छात्रों से आग्रह किया कि वे किसी भी विद्यालय या संसाधन की कमी को अपनी कमजोरी न बनाएं. लक्ष्य निर्धारित कर ईमानदारी और मेहनत से पढ़ाई करें, सफलता अवश्य मिलेगी. उन्होंने कहा कि सरकारी विद्यालयों के छात्र भी अगर लगन से मेहनत करें तो वे भी राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपना नाम रोशन कर सकते हैं.
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