कहां से आती हैं IPL की चीयरलीडर्स? कौन उठाता है कपड़ों का खर्च? जानें सैलरी समेत सबकुछ

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Cheerleaders Salary in IPL: IPL में जरूरी नहीं कि गेंद और बल्ले के दम पर ही मैच में रोमांच भरा जा सकता है. किसी भी लाइव मैच के दौरान चीयरलीडर्स की मेहनत मुकाबले में चार चांद लगा रही होती है, वहीं हर एक चौके-छक्के या विकेट पर चीयरलीडर्स द्वारा किया गया डांस मनोरंजन का एक बढ़िया स्रोत साबित होता रहा है. यह बड़ा सवाल बना रहा है कि आखिर आईपीएल में चीयरलीडर कैसे चुनी जाती, उनके कपड़ों का खर्चा कौन उठाता है और उन्हें कितनी सैलरी दी जाती है? यहां आपको इन सारे सवालों का जवाब मिलेगा.

कैसे होता है चीयरलीडर का चयन?

मीडिया रिपोर्ट्स अनुसार चीयरलीडर की चयन प्रक्रिया बेहद जटिल है. पहले ऑडिशन होता है, फिर आवेदाकों का इंटरव्यू लिया जाता है और स्किल्स का आंकलन करने के बाद ही कोई चीयरलीडर बन पाता है. एक चीयरलीडर बनने के लिए जरूरी है कि आवेदको को डांस करना आना चाहिए, उनकी मॉडलिंग स्किल्स का आंकलन किया जाता है और साथ ही ऐसी परीक्षा भी ली जाती है कि वो स्टेज पर परफॉर्म करने के दबाव को झेल पाते हैं या नहीं.

कौन उठाता है कपड़ों का खर्चा?

ईएसपीएन क्रिकइन्फो पर छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक चीयरलीडर जिन कपड़ों को पहनते हैं, उसका खर्चा टीम के स्पॉन्सर उठाते हैं. चीयरलीडर्स की यूनिफॉर्म पर बड़ी कंपनियों के लोगो छपे होते हैं. आमतौर पर टीम मैनेजमेंट भी स्पॉन्सर्स के साथ मिलकर चीयरलीडर्स के कपड़ों को डिजाइन करने में मदद करती है.

कितनी होती है IPL चीयरलीडर्स की सैलरी?

इंडियन प्रीमियर लीग के लीग स्टेज में एक टीम को 14 मैच खेलने होते हैं. यदि कोई चीयरलीडर पूरे सीजन में परफॉर्म करती है तो वह साढ़े 3 लाख रुपये तक की कमाई कर सकती है. वहीं यदि कोई टीम फाइनल तक का सफर तय करती है तो एक चीयरलीडर 4 लाख रुपये तक कमा सकती है.

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