World Mental Health Day: मानसिक रूप से कमजोर शख्स से कैसा होना चाहिए व्यवहार, इससे पीड़ित को होगा फायदा?

World Mental Health Day 2024: पूरी तरह सेहतमंद  रहने के लिए जरूरी है कि शरीर के साथ साथ मानसिक स्वास्थ्य (mental health) भी सही रहे. आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में काम का प्रेशर और समय की कमी इस कदर हावी हो चुके हैं कि मेंटल हेल्थ गड़बड़ा रही है. ऐसे में केवल वयस्क ही नहीं बच्चे भी मानसिक बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं.

हर साल 10 अक्टूबर को विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस (World Mental Health Day) मनाया जाता है.  वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (WHO) की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इंटरनेशनल लेवल पर आठ में एक शख्स मेंटल डिसऑर्डर (mental disorder) का शिकार है. वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन के दिन दुनियाभर में इसे लेकर लोगों के बीच जागरूकता फैलाई जाती है.

मेंटल हेल्थ से गुजर रहे लोग डिप्रेशन, स्ट्रेस, एंजाइटी परेशानियों से गुजरते हैं और ऐसे में मरीज के साथ अच्छा और इमोशनली व्यवहार उसके इलाज में मदद कर सकता है. चलिए आज जानते हैं कि मेंटल हेल्थ से जुड़ी परेशानियों से गुजर रहे लोगों के साथ कैसे डील करें ताकि मरीज को फायदा मिल सके.

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मेंटल स्ट्रेस से जूझ रहे लोगों के साथ करें ऐसा बर्ताव 
अक्सर देखा जाता है कि जो व्यक्ति मानसिक रूप से कमजोर है, वो अक्सर अपने व्यवहार पर काबू नहीं रख पाता है. गुस्सा, चिड़चिड़ापन, कभी इंट्रोवर्ट हो जाना, बात बात पर रोना,चिल्लाना उसकी आदतों में शुमार हो जाता है.

ऐसे में परिवार के लोगों को उस व्यक्ति के साथ नरमी से पेश आना चाहिए. उसकी बात सुनें, उसके साथ ढेर सारी बातें करें. इससे व्यक्ति का मन शांत होता है. ऐसे में उस व्यक्ति की परिस्थिति को समझना चाहिए और उसका हल निकालने की कोशिश करना चाहिए. मानसिक तनाव झेल रहे व्यक्ति का आत्मविश्वास बढ़ाने की कोशिश करनी चाहिए.

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मरीज के साथ बिताएं क्वालिटी टाइम 

मानसिक रूप से कमजोर व्यक्ति के साथ क्वालिटी समय बिताएं. उसकी बातों को सुनने से उसे महसूस होगा कि कोई उसके साथ है. उसकी रुचियों को बढ़ावा दें, वो जिन हॉबीज को पसंद करता है, उसके साथ उन्हीं हॉबीज के लिए वक्त निकालें. इससे मरीज में आत्मविश्वास बढ़ेगा और उसका तनाव कम होगा. ऐसे मरीज को अपनी भावनाओं को खुलकर व्यक्त करने का मौका देना चाहिए.

इससे उनके तनाव और एंजाइटी  के स्तर में कमी आएगी. मरीज की छोटी छोटी बातों को बुरा नहीं मानना चाहिए. मरीज को समय पर सोने, खाने और समय पर काम करने की आदत डालने में मदद करना चाहिए. मरीज को भरोसा दिलाना चाहिए कि वो जल्द ठीक हो सकता है और सामान्य जिंदगी जी सकता है.

Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.

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