जब हार्ट अटैक आए तो इस पोजिशन में रखें खुद को, खतरा टालने के लिए मिल जाएगा इतना वक्त

अगर आपको दिल का दौरा पड़ रहा है तो आपको आरामदायक स्थिति में आने की कोशिश करनी चाहिए. चाहे वह लेटना हो या बैठना. लेटना भी है तो आपको अपनी पीठ के बल लेटें और अपने पैरों को ऊपर उठाएं ताकि आपका डायाफ्राम खुल जाए और सांस लेना आसान हो जाए. आप अपने पैरों को तकिए या किसी दूसरी चीजों पर टिका सकते हैं. बैठना अपने घुटनों को मोड़कर और अपनी पीठ को दीवार से सटाकर फर्श पर बैठें. इसे आधा बैठने की स्थिति कहा जाता है.

आप कुर्सी या दीवार के सहारे भी झुक सकते हैं. अगर आप किसी ऐसे व्यक्ति की मदद कर रहे हैं जिसे दिल का दौरा पड़ रहा है. तो आपको चाहिए कि इमरजेंसी में कॉल करें. उन्हें आरामदायक स्थिति में आने में मदद करें. उनके सिर और कंधों को सहारा देने के लिए उनके पीछे या घुटनों के नीचे कुशन रखें. दिल का दौरा तब पड़ता है जब हृदय में रक्त का प्रवाह अवरुद्ध हो जाता है, जिससे हृदय की ऑक्सीजन की आपूर्ति कम हो जाती है। चिकित्सा सहायता प्राप्त करना महत्वपूर्ण है क्योंकि कभी-कभी दिल के दौरे से कार्डियक अरेस्ट हो जाता है.

ज़्यादातर मामलों में दिल के दौरे की शुरुआत हल्की बेचैनी और दर्द के साथ धीरे-धीरे होती है. जो हमला करने से पहले चेतावनी के संकेत देते हैं. अगर आपको निम्नलिखित में से कोई भी लक्षण महसूस होता है. तो 911 पर कॉल करें या किसी को तुरंत 911 पर कॉल करने के लिए कहें.

हार्ट अटैक आने के बाद क्या करना चाहिए

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अगर आपके सामने किसी व्यक्ति को हार्ट अटैक आज जाए तो सबसे पहले किसी समतल जगह पर उसे सीधा लेटाएं. अगर कोई व्यक्ति बेहोश हो गया है तो नब्ज चेक करें. अगर नब्ज बिल्कुल नहीं महसूस हो रही है तो समझ लें कि व्यक्ति को हार्ट अटैक पड़ा है. क्योंकि हार्ट अटैक में दिल की धड़कन रुक जाती है, इसलिए नब्ज नहीं मिल पाती. ऐसे दो से तीन मिनट के अंदर उसके हार्ट को रिवाइव करना जरूरी होता है, नहीं तो ऑक्सीजन के कमी के चलते उसका ब्रेन डैमेज हो सकता है. ऐसे में हार्ट अटैक आने पर तुरंत सीने पर जोर-जोर से मुक्का मारें. तब तक मारे जब तक वब होश में नहीं आ जाता है. इससे उसका दिल फिर से काम करना शुरू कर देगा. 

बिहोश व्यक्ति को तुरंत सीपीआर दें 

अगर कोई बिहोश हो गया है और उसका नब्ज नहीं चल रहा है तो उसको तुरंत अपने हाथ से सीपीआर दें. सीपीआर में मुख्य रूप से दो काम किए जाते हैं. पहला छाती को दबाना और दूसरा मुंह से सांस देना जिसे माउथ टु माउथ रेस्पिरेशन कहते हैं. पहले व्यक्ति के सीने पर बीचोबीच हथेली रखें. पंपिंग करते समय हथेली को एक हाथ को दूसरे हाथके ऊपर रख कर उंगलियों को अच्छे से बांध लें और हाथ और कोहनी दोनों सीधा रखें. उसके बाद छाती को पंपिंग करते हुए छाती को दबाया जाता है. ऐसे करने से धड़कनें फिर शुरू हो जाती हैं. हथेली से छाती को 1 -2 इंच तक दबाएं ऐसा एक मिनट में सौ बार करें.

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ये दिल के दौरे के संकेत हो सकते हैं:

छाती में बेचैनी, खास तौर पर बीच में, जो कुछ मिनटों से ज़्यादा समय तक रहती है या आती-जाती रहती है. बेचैनी भारीपन, भरापन, दबाव या दर्द जैसी महसूस हो सकती है.

शरीर के ऊपरी हिस्सों जैसे कि हाथ, पीठ, गर्दन, जबड़े या पेट में बेचैनी. यह दर्द या सामान्य बेचैनी जैसा महसूस हो सकता है.

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सांस फूलना. यह सीने में बेचैनी के साथ या उसके बिना भी हो सकता है.

असामान्य संवेदनाएं जैसे कि ठंडा पसीना आना, मतली, उल्टी, चक्कर आना या चक्कर आना। पुरुषों की तुलना में महिलाओं में इस तरह के लक्षण होने की संभावना ज़्यादा होती है.

Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.

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