UP उपचुनाव में अखिलेश-मायावती की नींद उड़ाने आए ओवैसी, जानें कैसे एक तीर से दो शिकार करने वाले हैं AIMIM चीफ

    UP By Elections 2024: उत्तर प्रदेश की 9 विधानसभा सीटों के लिए 13 नवंबर को मतदान होगा. इसके नतीजे 23 नवंबर को आएंगे. नामांकन की आखिरी तारीख 25 अक्टूबर है. ऐसे में सभी राजनीतिक दलों ने अपने-अपने उम्मीदवारों का ऐलान कर दिया है. खास बात ये है कि इस उपचुनाव के दंगल में असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम ने भी अपनी ताल ठोक दी है.

    उन्होंने मुस्लिम बाहुल्य 2 सीटों पर अपने उम्मीदवारों की घोषणा की है. कुंदरकी सीट से मोहम्मद वारिस और मीरापुर सीट से अरशद राणा को मैदान में उतारा गया है. ये दोनों ही सीटें पश्चिम उत्तर प्रदेश में आती हैं. कुंदरकी मुरादाबाद जिले में है तो मीरापुर मुजफ्फरनगर जिले में. इन सीटों पर ओवैसी की पार्टी ने सपा प्रमुख अखिलेश यादव और बसपा प्रमुख मायावती की नींद उड़ाने का काम किया है.

    मुसलमानों के वोट में सेंध लगाएंगे ओवैसी?

    दरअसल, इस लोकसभा चुनाव और 2022 के विधानसभा चुनाव पर नजर डालें तो मुसलमानों ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को वोट नहीं किया. लोकसभा चुनाव में ये वोट एक मुश्त सपा-कांग्रेस के पक्ष में गया और विधानसभा चुनाव में सपा-बसपा को. ऐसे में असदुद्दीन ओवैसी की एंट्री होने पर मुसलमान वोट में बंटवारा देखने को मिल सकता है, जिसका सीधा नुकसान अखिलेश यादव और मायावती को होगा.

    मीरापुर सीट पर 4 मुसलमान उम्मीदवार

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    एक तरफ जहां, ओवैसी ने मुसलमान उम्मीदवार उतारे हैं तो सपा-बसपा ने भी मुसलमान उम्मीदवारों पर ही अपना भरोसा जताया है. मीरापुर सीट पर सपा ने पूर्व सांसद कादिर राणा की बहू सुम्बुल राणा को मैदान में उतारा है और बसपा ने शाहनजर पर भरोसा किया है. इतना ही नहीं चंद्रशेखर आजाद की पार्टी आसपा ने भी मुसलमान कैंडिडेट जाहिद हुसैन को उतार दिया है. इस सीट पर विपक्ष की पार्टियों ने मुसलमान उम्मीदवारों पर दांव खेला है तो सत्ता पक्ष की बात की जाए तो ये सीट गठबंधन के तहत आरएलडी के खाते में गई है और उसने अभी उम्मीदवार घोषित नहीं किया है.

    कुंदरकी सीट का क्या है मिजाज?

    इसी तरह कुंदरकी सीट पर भी विपक्षी दलों ने मुसलमानों पर विश्वास जताया है. हालांकि समाजवादी पार्टी ने अपने उम्मीदवार की घोषणा अभी नहीं की लेकिन उम्मीद जताई जा रही है कि हाजी रिजवान को पार्टी टिकट दे सकती है. बहुजन समाज पार्टी की ओर से रफतउल्ला को अपना उम्मीदवार घोषित किया है. वहीं, चंद्रशेखर की आसपा ने हाजी चांद बाबू को कैंडिडेट बनाया है. इस सीट पर भी मुसलमानों के बीच लड़ाई देखने को मिलेगी. इसके साथ ही बीजेपी ने भी इस सीट पर उम्मीदवार घोषित नहीं किया है.

    कौन सा मुसलमान, किस मुसलमान को देगा वोट?

    मीरापुर सीट पर करीब 35 प्रतिशत और कुंदकरी सीट पर लगभग 50 प्रतिशत मुसलमान मतदाता हैं. इन दोनों सीटों पर विपक्षी दलों की ओर से मुसलमान उम्मीदवारों पर दांव खेला गया है, जाहिर है कि वोट भी बंटेगा. ऐसे में सत्ताधारी दल बीजेपी और उसकी सहयोगी पार्टी आरलडी को इसका फायदा मिलने की संभावना दिख रही है.

    हालांकि लोकसभा चुनाव 2024 में मुसलमानों ने बीजेपी के खिलाफ एक मुश्त वोट किया था और सपा कांग्रेस गठबंधन के अलावा बाकी मुसलमान उम्मीदवारों को नजरंदाज कर दिया था. फिर लोकसभा चुनाव और उपचुनाव के वोटिंग पैटर्न में अंतर भी देखने को मिलता है. ऐसे में सपा और बसपा के लिए टेंशन हो सकती है.   

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