Logout Review: बाबिल खान के शानदार परफॉर्मेंस वाली ये फिल्म आपको INFLUENCERS की असली जिंदगी के बारे में कायदे से बताती है

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Logout Review: इन दिनों हम सबको एक खराब आदत है. हम मोबाइल में घुसे रहते हैं. बाहर खाना खाने इसलिए जाते हैं कि खाने की फोटो लेंगे. घूमने इसलिए जाते हैं कि सोशल मीडिया पर पोस्ट करेंगे. हम कहीं मौजूद भी होते हैं तो हमारा ध्यान फोन पर होता है. हम किसी ना किसी इन्फ्लूएंसर से इन्फ्लूएंस रहते हैं या फिर कुछ लोग इंफ्लूएंसर बनना चाहते हैं. आज के दौर में ये एक जरूरी फिल्म है. ये फिल्म जी 5 पर आई है और इसे हर हाल में देखा जाना चाहिए.

कहानी- ये कहानी है एक इन्फ्लूएंसर की जिसके 10 मिलियन फॉलोअर होने वाले हैं. ये होने पर उसे एक बड़ा ब्रांड मिल सकता है लेकिन इसका एक कंपीटीटर है जो इसी रेस में है. लेकिन फिर अचानक उसके साथ कुछ ऐसा हो जाता है कि उसकी जिंदगी बदल जाती है. उसका सब कुछ दांव पर लग जाता है. क्या होता है, कैसे होता है, और इसका आपसे क्या कनेक्शन है, ये जानने के लिए करीब 2 घंटे की ये फिल्म जरूर देखिए.

कैसी है फिल्म- ये एक अच्छी फिल्म है. मोबाइल आज हम सब इस्तेमाल करते हैं और ये फिल्म बताती है कि कैसे हम मोबाइल के गुलाम हो चुके हैं. ये फिल्म बताती है कि कैसे इन्फ्लूएंसर्स के चक्कर में कुछ लोग अपनी जिंदगी खराब कर देते हैं, फिर चाहे उन्हें फॉलो करने की बात हो या फिर इन्फ्लूएंसर बनने की.

ये फिल्म आपको स्क्रीन से नजरें हटाने का मौका नहीं देती. काफी कुछ स्क्रीन पर लिखा हुआ आता है. चैटिंग होती है तो वो भी आपको पढ़नी पड़ती है. इस फिल्म से आप रिलेट करते हैं, ये आपको अपनी या अपने आसपास किसी की कहानी लगती है और यही इस फिल्म की ताकत है. ये फिल्म आपको आपकी फैमिली के करीब ले जाती है जिनसे हम मोबाइल की वजह से दूर हो गए हैं.

एक्टिंग- बाबिल खान ने कमाल का काम किया है. ये फिल्म उन्हीं के कंधे पर है क्योंकि ज्यादातर फिल्म में आपको वही स्क्रीन पर दिखते हैं. बाबिल ने दिखा दिया है कि वो कमाल के एक्टर हैं. इस तरह का किरदार बाबिल निभा सकते हैं ये शायद फिल्म देखने से पहले आप यकीन ना करें लेकिन जिस शिद्दत से बाबिल इन्फ्लूएंसर बने हैं वो काबिले तारीफ है. रसिका दुग्गल छोटे से रोल में इम्प्रेस करती हैं.

डायरेक्शन- बिस्वपति सरकार ने कहानी लिखी है और अमित गोलानी ने डायेरक्ट किया है और ये दोनों कमाल का काम कर गए हैं. कैसे एक किरदार के सहारे पूरी फिल्म में दर्शक को बांधा जाता है, ये कमाल राइटिंग के जरिए ही किया जा सकता है. फिल्म कहीं आपको बोर नहीं करती. कहीं खिंची हुई नहीं लगती और इसका पूरा क्रेडिट राइटर और डायरेक्टर को ही जाता है.

कुल मिलाकर ये फिल्म जरूर देखिए 

रेटिंग -3.5 स्टार्स

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