Covid-19 New Variant : कोरोना वायरस के एक नए वैरिएंट ने एक बार फिर दुनिया की टेंशन बढ़ दी है. नया वैरिएंट चुपके से दस्तक दे रहा है. जिससे साइंटिस्ट और मेडिकल एक्सपर्ट्स अलर्ट हो गए हैं. ये नया वैरिएंट ऑस्ट्रेलिया के कुछ शहरों में पाया गया है, जो LP.8.1 है. रिपोर्ट्स के अनुसार, ऑस्ट्रेलिया में इसके मामले तेजी से बढ़ रहे हैं.
न्यू साउथ वेल्स में कोविड-19 के 5 में से एक मामले के लिए नए वैरिएंट को ही जिम्मेदार बताया जा रहा है. यूनाइटेड किंगडम (UK) के भी कुछ शहरों में इसके केस सामने आए हैं. ऐसे में आइए जानते हैं कि नया वैरिएंट कितना खतरनाक है, इसे लेकर चिंता करने की जरूरत है या नहीं.
पाकिस्तानी राष्ट्रपति कोरोना के शिकार
कोविड का नया वैरिएंट पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान (Pakistan) तक पहुंच गया है. पाकिस्तानी राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी के कोरोना संक्रमित होने की खबर है. ‘द डॉन’ की रिपोर्ट के अनुसार, कोविड पॉजिटिव पाए जाने के बाद से जरदारी आइसोलेट हैं. डॉक्टरों का कहना है कि उन्हें सांस से जुड़ी परेशानी और बुखार के बाद कराची के एक अस्पताल ले जाया गया था, जहां इस संक्रमण की जानकारी हुई. जरदारी पहले भी जुलाई 2022 में कोरोना की चपेट में आ चुके हैं. हालांकि, कोरोना के किस वैरिएंट के शिकार हुए हैं, इसकी जानकारी नहीं है.
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कोरोना का नया वैरिएंट LP.8.1 कितना खतरनाक
LP.8.1 का पता पहली बार जुलाई 2024 में पता चला था. तब साइंटिस्ट्स ने बताया था कि यह ओमिक्रॉन के KP.1.1.3 का ही सब-वैरिएंट है, जिसके मामले पहले भी देखे जा चुके हैं. वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (WHO) के अनुसार, जनवरी 2025 में LP.8.1 को ‘वैरिएंट अंडर मॉनिटरिंग’ के तौर पर कैटेगराइज किया गया ता. ओमिक्रॉन और इसके सब-वैरिएंट्स शरीर की इम्यूनिटी पावर को आसानी से चकमा देकर लोगों को संक्रमित करते हैं. हालांकि ओमिक्रॉन को ज्यादा गंभीर बीमारियां फैलाने वाला नहीं माना गया है.
नया वैरिएंट कितना नुकसान पहुंचा सकता है
एक्सपर्ट्स के अनुसार, LP.8.1 के स्पाइक प्रोटीन में 6 म्यूटेशन हैं, इस आधार पर वैज्ञानिक मान रहे हैं कि यह हमारे कोशिकाओं से ज्यादा आसानी से बाइंड हो सकता है. इसमें V445R नाम का एक म्यूटेशन देखा गया है जो इसे बाकी वैरिएंट की तुलना में ज्यादा आसानी से फैलने की क्षमता देता है.
V445R फेफड़ों की कोशिकाओं को नुकसान पहुंचा सकता है. शुरुआती रिपोर्ट्स से पता चला है कि एलपी.8.1 के लक्षण बाकी सब-वैरिएंट्स की तुलना में ज्यादा गंभीर नहीं हैं, ऐसे में इसे फिलहाल इसे ज्यादा खतरनाक नहीं माना जा रहा है.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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