Spurious Drugs: केंद्रीय दवा मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) ने अक्टूबर महीने की लेटेस्ट रिपोर्ट जारी की है. इसमें ऐसा खुलासा हुआ है, जो आपके होश उड़ा देगा. दरअसल, बाजार में 56 दवाएं खराब क्वालिटी की मिली हैं, जिनमें रोजाना इस्तेमाल होने वाली मेडिसिन भी शामिल हैं. इसके अलावा तीन नकली दवाएं भी बाजार में धड़ल्ले से बिक रही हैं. आइए आपको इसके बारे में पूरी जानकारी देते हैं.
यह है पूरा मामला
नियमित नियामक निगरानी गतिविधि के अनुसार, गैर-मानक गुणवत्ता (एनएसक्यू) और नकली दवाओं की सूची सीडीएससीओ पोर्टल पर हर महीने जारी की जाती है. अक्टूबर की रिपोर्ट के हिसाब से केंद्रीय औषधि प्रयोगशालाओं ने जांच में 56 दवा के नमूनों की क्वालिटी नॉन स्टैंडर्ड बताई. वहीं, तीन दवाएं जांच में नकली पाई गईं.
इन दवाओं की क्वालिटी खराब
गौरतलब है कि सीडीएससीओ की तरफ से हर महीने यह जांच होती है, जिसमें बाजार में मौजूद दवाइयों के सैंपल लिए जाते हैं और उनका टेस्ट किया जाता है. अक्टूबर महीने की लिस्ट में 56 दवाइयां नॉन स्टैंडर्ड क्वालिटी की निकलीं, जिनमें कैल्शियम 500, विटामिन डी3 250, आईयू टेबलेट्स आईपी, सिप्रोफ्लाक्सासिन टैबलेट यूएसपी 500, एसेक्लोफेनाक, पैरासिटामोल टेबलेट्स जैसी दवाइयां शामिल हैं. फिलहाल, नकली दवाओं के नाम पता नहीं लगे हैं.
पिछले महीने ये दवाएं हुई थीं फेल
हर महीने होने वाली इस जांच के बाद बहुत सी दवाइयां सामने आती हैं, जिसके बाद उन कंपनियों का जवाब भी आता है. जिन दवाओं के सैंपल लिए जाते हैं, उनके बैच बाजार में बिक्री के लिए मौजूद होते हैं. पिछले महीने भी टॉप सेलिंग कफ सिरप, मल्टीविटामिन , एंटी एलर्जी समेत 49 दवाएं CDSCO की सितंबर माह की रिपोर्ट में क्वालिटी पैरामीटर पर फेल हुई थीं. DCGI राजीव सिंह रघुवंशी ने बताया कि टेस्टिंग पैरामीटर्स में अगर कोई दवाएं फेल होती है तो उसे स्टैंडर्ड क्वालिटी का नहीं कहा जाता. इससे यह समझा जाता है कि जिस कंपनी ने यह दवाई बनाई है, उस कंपनी की उस बैच की दवा स्टैंडर्ड के मुताबिक नहीं है. ऐसी कंपनियों को नोटिस जारी किया जाता है.
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