Dadi-Nani Ki Baatein: हिंदू धर्म में अमावस्या तिथि को महत्वपूर्ण माना जाता है. बता दें कि हर महीने के कृष्ण पक्ष की आखिरी या 15वीं तिथि को अमावस्या होती है. आज 29 जनवरी 2025 को माघ महीने की अमावस्या है, जिसे मौनी अमावस्या (Mauni Amavasya) के नाम से जाना जाता है. मौनी अमावस्या को विशेष तिथि माना जाता है और इस दिन स्नान, दान, तर्पण और मौन व्रत का महत्व होता है.
महत्वपूर्ण होने के साथ ही अमावस्या के दिन कई कार्य वर्जित भी होते हैं. अमावस्या को लेकर ऐसी मान्यता है कि, इस दिन नकारात्मक ऊर्जा अधिक सक्रिय हो जाती है, अमावस्या के दिन काले वस्त्र पहनने, बाल खुले रखने और सुनसान जगहों पर जाने जैसे कार्य वर्जित होते हैं.
इसी के साथ यह भी कहा जाता है कि, अमावस्या के दिन किसी के घर भोजन नहीं करना चाहिए. घर के बड़े-बुजुर्ग या दादी-नानी भी अक्सर यह कहती हैं कि अमावस्या तिथि पर किसी दूसरे से ना ही भोजन लेने चाहिए और ना ही किसी के घर भोजन करना चाहिए. आइये जानते हैं आखिर क्या है इसका कारण और धार्मिक महत्व.
दादी-नानी की ये बातें आपको अटपटी या मिथक लग सकती है. लेकिन शास्त्रो और हिंदू धर्म में भी इसके कारण और महत्व बताए गए हैं. अगर आप दादी-नानी की बताई बातों को फॉलो करेंगे तो सुखी रहेंगे और भविष्य में होनी वाली अशुभ घटना से बच जाएंगे. आइये जानते हैं आखिर क्यों अमावस्या पर दूसरों के घर खाना नहीं खाना चाहिए. इस मान्यता है के पीछे क्या है कारण.
क्या कहता है शास्त्र
शास्त्रों में कुछ ऐसे दिनों के बारे में बताया गया है, जब दूसरों के घर भोजन नहीं करना चाहिए. इन दिनों में दूसरों के घर या दूसरों का अन्न ग्रहण करना अशुभ माना जाता है. इन्हीं में एक है अमावस्या का दिन. मान्यता है कि अमावस्या के दिन किसी दूसरे का या दूसरे के घर का भोजन करने से पुण्य फल नष्ट होते हैं. स्कंद पुराण के अनुसार जो लोग अमावस्या को दूसरे का अन्न खाते हैं उसके महीने भर का पुण्य नष्ट हो जाता है और जिनका अन्न खाते हैं उसे वह पुण्य फल मिल जाता है. इसके साथ ही ग्रहण के दिनों में भी किसी दूसरे के घर भोजन नहीं करना चाहिए.
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