Mutual Fund Return: म्यूचुअल फंड में निवेश करने वाले मालामाल हो रहे हैं. इस तरह छप्परफाड़ रिटर्न मिल रहा है कि नया-नवेला निवेशक भी इसकी ओर दौड़ा चला आ रहा है. म्यूचुअल फंड में निवेश की इसी चाहत ने इसके बाजार को 10 साल में 6 गुना बढ़ा दिया है. कुल एयूएम में 60.19 फीसदी हिस्सा इक्विटी फंडों का है. जबकि डेट फंडों का हिस्सा 26.77 फीसदी हाइब्रिड फंडों का 8.58 फीसदी और बाकी का 4.45 फीसदी है.
मोतीलाल ओसवाल ‘व्हेयर द मनी फ्लो’ नामक रिपोर्ट के मुताबिक, म्यूचुअल फंड के इस विस्तार का कारण इकोनॉमिक ग्रोथ के साथ ही फाइनेंशियल लिटरेसी, इनोवेशन, टेक्नोलॉजी और भारत में बढ़े सॉल्यूशन प्रोसेस को जाता है. इसके अलावा बाजार के प्रसार ने भी इसमें बड़ा योगदान दिया है.
इक्विटी फंडों के प्रति है निवेशकों का सबसे अधिक रुझान
म्यूचुअल फंड के निवेशकों का सबसे अधिक रुझान इक्विटी फंड के लिए है. दिसंबर की तिमाही में एक लाख 99 हजार का नया निवेश म्यूचुअल फंड में हुआ है. इनमें एक लाख पांच हजार करोड़ अकेले इक्विटी फंडों में निवेश किए गए. निष्क्रिय इक्विटी में भी 29 हजार करोड़ के निवेश हुए. म्यूचुअल फंड में निवेश करने वाले आम निवेशकों का भी मानना रहता है कि वहां कुशल लोगों की टीम इन्वेस्टमेंट की प्लानिंग करती है, इसलिए पैसा डूब नहीं सकता है.
फंड एक्टिविटी समझे बिना निवेश उचित नहीं
हालांकि म्यूचुअल फंड के प्रति लोगों का रुझान दिनोंदिन बढ़ रहा है, लेकिन इसके जानकारों का मानना है कि फंड की एक्टिविटी समझे बिना कहीं पर भी निवेश उचित नहीं है. कम से कम यह जरूर जान लेना चाहिए कि उस फंड को किस तरह से मैनेज किया जाता है.
उस फंड का कहां-कहां निवेश किया जा रहा है. जिन कंपनियों में निवेश किए जा रहे हैं, उनके बेसिक फंडामेंटल कितने मजबूत हैं. उसके अलावा उस फंड के पोर्टफोलियो में किस तरह की विविधता है. म्यूचुअल फंड से अधिक से अधिक कमाई के लिए इन सभी पहलुओं पर गौर फरमाना बहुत जरूरी है.
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