Trump Tariff Threats: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कनाडा, चीन और मैक्सिको पर टैरिफ लगा दिया है. भारत ट्रंप के इस टैरिफ वॉर से अब तक काफी हद तक बचने में कामयाब रहा है. अब सवाल यह आता है कि क्या भारत इस खतरे से बचा रह सकता है या इससे निपटने के लिए कुछ कूटनीतिक उपाय हैं? आइए इस पर एक नजर डालते हैं.
अमेरिकी टैरिफ से बचने में भारत की सबसे बड़ी ताकत
भारत का बड़े पैमाने पर निर्यात अमेरिका की टैरिफ लगाने की धमकियों से उसे बचाने के मामले में इम्युन सिस्टम के रूप में काम करता है. एक तरफ चीन और मेक्सिको जैसे देशों की टेक्नोलॉजी और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में अमेरिकी इंडस्ट्री के साथ प्रतिस्पर्धा है. वहीं दूसरी ओर भारत फार्मास्यूटिकल्स, ऑटो कॉम्पोनेंट्स, केमिकल, टेक्सटाइल्स और जेम्स जैसी चीजों का निर्यात करता है, जिनका वैश्विक बाजार में अमेरिकी उद्योगों के साथ कोई लेना-देना नहीं है.
फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गनाइजेशन (FIEO) के डायरेक्टर जेनरल अजय सहाय ने फाइनेंशियल एक्सप्रेस से बात करते हुए कहा, अमेरिका के टैरिफ वॉर का एहसास भारत को कम ही होगा क्योंकि हम आम तौर पर अमेरिकी कंपनियों के साथ प्रतिस्पर्धा नहीं कर रहे हैं.
भारत को डरा सकता है अमेरिका
जिन सेक्टर्स पर भारत की पैठ है, उनसे अमेरिकी कंपनियों को कोई खतरा नहीं है. इसके चलते टैरिफ लगने की संभावना भी काफी हद तक कम हो जाती है. उन्होंने आगे कहा कि अमेरिका भारत को टैरिफ का डर दिखा सकता है, लेकिन टैरिफ लगाएगा नहीं. इस डर का फायदा उठाते हुए भारतीय बाजारों में अमेरिकी वस्तुओं और सेवाओं की अधिक व बेहतर पहुंच की बात शुरू की जा सकती है. घरेलू हितों की बलि दिए बिना तनाव कम करने के लिए चुनिंदा रूप से टैरिफ में कमी करते हुए भारत बैलेंस बना रहा है.
भारत-अमेरिका के बीच रिश्ता मजबूत
भारत और अमेरिका के बीच कूटनीतिक संबंध मजबूत बने हुए हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और डोनाल्ड ट्रंप ने नियमित रूप से अपने द्विपक्षीय संबंधों के रणनीतिक महत्व पर जोर दिया है, खासकर रक्षा, प्रौद्योगिकी और सुरक्षा जैसे क्षेत्रों में. इधर, अमेरिका में अवैध रूप से रह रहे भारतीय नागरिकों को वापस अपने देश भेजने की तैयारियां भी जोरो पर है, जिसमें भारत का विदेश मंत्रालय भी निरंततर सहयोग कर रहा है. बहरहाल, यह अभी एक संवदेनशील मुद्दा बना हुआ है. इस बीच दोनों देश यह सुनिश्चित करने के प्रयास में लगे हुए हैं कि इसका असर उनके व्यापक व्यापार संबंधों पर न पड़े.
ट्रंप ने ब्रिक्स देशों पर 100 परसेंट टैरिफ लगाने की धमकी दी है, जिसमें भारत का नाम अब तक नहीं लिया गया है. यह इस बात का सबूत है कि आपसी विश्वास और साझा रणनीतिक उद्देश्यों के चलते टैरिफ की धमिकयों से भारत-अमेरिका परे है.
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