आपने स्लीप पैरालिसिस के बारे में सुना होगा, लेकिन सोते समय हाथ-पैरों में सुन्नपन एक और आम समस्या है जो कई लोगों को होती है. यह स्थिति कुछ समय के लिए हो सकती है, लेकिन अगर यह बार-बार होती है, तो यह किसी गंभीर स्वास्थ्य समस्या का संकेत हो सकता है.जब हाथ-पैर सुन्न हो जाते हैं, तो व्यक्ति को झुनझुनी, चुभन या जलन महसूस होती है, जिससे नींद में खलल पड़ता है और आराम कम हो जाता है. यह नसों में दबाव के कारण ब्लड सर्कुलेशन में प्रॉब्लम हो सकती है. यह कई सारी गंभीर परेशानी का कारण हो सकता है.
लंबे समय तक एक ही पोजीशन में सोने से डायबिटीज, विटामिन की कमी या नर्वस सिस्टम से जुड़ी समस्याएं भी कुछ प्रमुख कारण हैं. आइए आपको बताते हैं कि नींद के दौरान अक्सर शरीर सुन्न क्यों हो जाता है और आप इस सुन्नपन की अनुभूति से कैसे राहत पा सकते हैं.
गलत नींद की पोजीशन
अगर आप लंबे समय तक एक ही पोजीशन में सोते हैं. तो इससे आपकी नसों और रक्त संचार पर दबाव पड़ सकता है. जिससे हाथ और पैर सुन्न हो सकते हैं.जब आप अपने हाथों को सिर के नीचे रखकर सोते हैं, तो इससे ब्लड सर्कुलेशन में रुकावट हो सकती है.पैरों को मोड़कर या किसी भारी चीज के नीचे दबाकर सोने से भी नसों पर दबाव बढ़ सकता है.अगर आपका तकिया और गद्दा सही नहीं है, तो इसका असर गर्दन और रीढ़ की हड्डी पर पड़ सकता है, जिससे हाथ और पैर सुन्न भी हो सकते हैं.
नसों का दबाव
नसों पर दबाव उनके सामान्य कार्य को प्रभावित कर सकता है, जिससे झुनझुनी और सुन्नता हो सकती है.
कार्पल टनल सिंड्रोम: यह तब होता है जब कलाई में नसों पर दबाव पड़ता है, जिससे उंगलियां सुन्न हो जाती हैं.
साइटिक नर्व कम्प्रेशन: अगर रीढ़ की हड्डी से निकलने वाली साइटिक नर्व पर दबाव पड़ता है, तो इससे पैरों में सुन्नपन हो सकता है.
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उलनार नर्व कम्प्रेशन: इससे कोहनी में नसों पर दबाव पड़ने के कारण हाथों में झुनझुनी हो सकती है.
क्या करें: लंबे समय तक एक ही मुद्रा में बैठने या सोने से बचें. शरीर को तनाव मुक्त रखने के लिए हल्का व्यायाम करें. अगर समस्या बनी रहती है, तो डॉक्टर से सलाह लें.
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