भारत में बजट पेश करने की परंपरा काफी पुरानी है. 1 फरवरी को देश का बजट पेश किया जाता है, और इस साल वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला पूर्णकालिक बजट पेश करेंगी. बजट का यह भाषण 11 बजे शुरू होगा और वित्त मंत्री इस साल अंतरिम बजट पेश करेंगी, क्योंकि चुनाव भी इस साल होने हैं. चुनाव के बाद नई सरकार पूर्ण बजट पेश करेगी.
क्या था आज़ादी के बाद का पहला बजट
भारत को स्वतंत्रता 15 अगस्त 1947 को मिली, और इसके ठीक तीन महीने बाद 26 नवंबर 1947 को स्वतंत्र भारत का पहला बजट पेश किया गया. यह बजट तत्कालीन वित्त मंत्री आर.के. शनमुखम चेट्टी ने पेश किया. यह एक अंतरिम बजट था, जो 31 मार्च 1948 तक साढ़े सात महीने की अवधि को कवर करता था. इस बजट में कुल अनुमानित व्यय ₹197.29 करोड़ था, जबकि राजस्व का लक्ष्य ₹171.15 करोड़ था. खास बात यह थी कि ₹92.74 करोड़, यानी लगभग 46% रक्षा सेवाओं के लिए आवंटित किया गया था, जो स्वतंत्रता के बाद की तत्काल प्राथमिकताओं को दर्शाता था.
2025 का बजट: क्या होगी कुल राशि
2025 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण वित्त वर्ष 2025-26 के लिए केंद्रीय बजट पेश करेंगी. इस बार बजट 50 लाख करोड़ रुपये से भी ज्यादा का होने की संभावना है, जो पिछले साल से करीब 3 लाख करोड़ रुपये अधिक होगा. भारत के बजट के मुकाबले पाकिस्तान का बजट इससे बहुत छोटा है. पाकिस्तान में पिछले साल 5.65 लाख करोड़ रुपये का बजट पेश किया गया था.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और उनके सहयोगियों ने 50 लाख करोड़ रुपये से अधिक का बजट तैयार किया है, जिसमें कई महत्वपूर्ण मुद्दों का समाधान करना होगा, जैसे कि आर्थिक वृद्धि में कमी, अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये की कमजोरी, और उपभोग मांग में कमी. वित्त वर्ष 2024-25 में भारत की आर्थिक वृद्धि दर 6.4 प्रतिशत रहने का अनुमान है, जो पिछले 4 सालों में सबसे कम वृद्धि दर होगी.
2024 का बजट कितना था
2024 में भारत का बजट 47.65 लाख करोड़ रुपये का था, जो पिछले वर्ष से थोड़ा कम था. यह बजट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार के दूसरे कार्यकाल का पूर्ण बजट था, और इसमें किसानों, श्रमिकों, और अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्रों के लिए कई योजनाएं और घोषणाएं की गईं.
1947 का बजट और 2024 का बजट में खास अंतर
आज़ादी के बाद से भारत के बजट में काफी बदलाव आए हैं. जहां स्वतंत्र भारत का पहला बजट ₹197.29 करोड़ का था और रक्षा पर लगभग 46% खर्च किया गया था, वहीं 2024 में यह राशि 47.65 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच चुकी थी. भारत की बढ़ती अर्थव्यवस्था, बदलते वैश्विक हालात और बढ़ती जनसंख्या ने बजट के आकार को कई गुना बढ़ा दिया है.
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