क्या डाइटिंग भी ले सकती है जान? अगर आप पर भी है दुबले होने का भूत सवार तो जान लें ये काम की बात

Life Style

Dieting Risk : क्या डाइटिंग से भी किसी की मौत हो सकती है. सुनकर अटपटा जरूर लग सकता है लेकिन केरल में ऐसा ही कुछ हुआ है. जहां फिट रहने की सनक की वजह से एक 18 साल की लड़की की मौत हो गई. कन्नूर के कूथुपरंबा की रहने वाली श्रीनंदामृतक श्रीनंदा ने ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर वीडियो देखकर सख्त डाइटिंग फॉलो कर रही थी, उसने कई दिनों से खाना छोड़ दिया था. वजन घटाने के लिए लगातार कठिन एक्सरसाइज कर रही थी और लिक्विड डाइट पर ही थी. इससे उसका शरीर कमजोर हो गया और हालत बिगड़ गई. जिसके बाद उसे हॉस्पिटल ले जाया गया. जहां वेटिंलेटर सपोर्ट पर रखा गया लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका.

डाइटिंग से मौत कैसे

डॉक्टरों ने बताया कि लड़की का वजन सिर्फ 24 किलो ही रह गया था. वह इतनी कमजोर हो गई थी कि बिस्तर से भी उठ नहीं पा रही थी. उसका शुगर लेवल, सोडियम और ब्लड प्रेशर लगातार गिरने लगा था. वेंटिलेटर पर भी उसकी हालत में किसी तरह का सुधार नहीं हुआ और रविवार को उसकी मौत हो गई.

डॉक्टरों के मुताबिक, लड़की एनोरेक्सिया  (Anorexia) नाम की बीमारी से ग्रसित थी. यह एक तरह का मेंटल डिसऑर्डर है, जिसमें वजन और खानपान को लेकर बहुत ज्यादा चिंता होती रहती है. इस बीमारी से पीड़ित को लगता है कि उसका वजन ज्यादा है और उसे खाने से बचना चाहिए. भले ही वह दुबला-पतला क्यों न हो.

यह भी पढ़ें : साल में दो बार बोर्ड परीक्षाओं से बच्चों की मेंटल हेल्थ पर पड़ सकता है असर?

एनोरेक्सिया के लक्षण क्या हैं

1. हमेशा मोटापा-वजन बढ़ने की टेंशन

2. शरीर का आकार बिगड़ना

3. उम्र के हिसाब से वजन मेंटेन न कर पाना

4. दिनभर डाइटिंग करना, खाना न खाना

5. समय से पीरियड्स न आना

6. किसी पार्टी में दोस्तों से दूरी बनाना

7. वजन को बार-बार चेक करते रहना

8. जरूरत से ज्यादा एक्सरसाइज करना

एनोरेक्सिया का खतरा किसे ज्यादा

डॉक्टर्स का कहना है कि एनोरेक्सिया डिसऑर्डर लड़कों की तुलना में लड़कियों को ज्यादा होता है. 13 साल की उम्र से लेकर 30 साल की उम्र तक लड़कियों और महिलाओं में इसका खतरा ज्यादा रहता है. इस बीमारी से 95% महिलाएं ही प्रभावित होती हैं.

Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.

यह भी पढ़ें: ‘मुझे जीना ही नहीं है अब…’ दीपिका पादुकोण ने छात्रों को सुनाई अपने डिप्रेशन की कहानी

 

SHARE NOW