टैरिफ डर के बीच ग्रीन जोन में शेयर बाजार, 200 अंक चढ़ा सेंसेक्स, निफ्टी 23200 के पार

डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन की तरफ से 2 अप्रैल को टैरिफ लगाने का आदेश आज से प्रभावी होने जा रहा है. कई महीने से चली रही कयासबाजी और बातचीत के बाद ट्रंप सरकार आज से रेसिप्रोकल टैरिफ लागू करने जा रहा है. व्हाइट हाउस ने पुष्टि कर दी है. दूसरी तरफ घरेलू शेयर बाजार में बुधवार 2 अप्रैल को सेंसेक्स 150 अंक ऊपर चढ़ा है. जबकि निफ्टी 23,200 के ऊपर खुला है.

शेयर बाजार में निवेशकों की चिंताएं काफी बढ़ी हुई हैं. एक दिन पहले मंगलवार की बात करें तो बीएसई सेंसेक्स 76024.51 पर बंद हुआ था. जबकि निफ्टी 1.50% की गिरावट के साथ 23,165.70 पर बंद हुआ.

एक दिन पहले, दूरसंचार कंपनी वोडाफोन आइडिया लिमिटेड (वीआईएल) का शेयर मंगलवार को 19 प्रतिशत से अधिक चढ़ गया.  उसके शेयर में यह उछाल सरकार द्वारा स्पेक्ट्रम नीलामी बकाया के बदले कंपनी के 36,950 करोड़ रुपये के शेयर खरीदने के फैसले के बाद आया है. इसके बाद सरकार की हिस्सेदारी दोगुनी से अधिक होकर 48.99 प्रतिशत हो जाएगी.

बीएसई पर कंपनी का शेयर 18.94 प्रतिशत बढ़कर 8.10 रुपये पर बंद हुआ. दिन के दौरान यह 25.84 प्रतिशत बढ़कर 8.57 रुपये पर पहुंच गया था।एनएसई पर कंपनी का शेयर 19.11 प्रतिशत बढ़कर 8.10 रुपये पर बंद हुए। कारोबार के दौरान कंपनी का शेयर 25.88 प्रतिशत बढ़कर 8.56 रुपये पर पहुंच गया था. कंपनी का बाजार मूल्यांकन 9,209.71 करोड़ रुपये बढ़कर 57,828.36 करोड़ रुपये हो गया है.

मात्रा के लिहाज से, बीएसई पर कंपनी के 3,521.06 लाख शेयरों और एनएसई पर 23,006.70 लाख शेयरों का कारोबार हुआ. सरकार पहले से ही कर्ज में डूबी वोडाफोन आइडिया में 22.6 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ सबसे बड़ी शेयरधारक है और इस नए कदम से इसकी कुल हिस्सेदारी कंपनी की प्रवर्तक फर्मों – वोडाफोन और आदित्य बिड़ला समूह की संयुक्त हिस्सेदारी से अधिक हो जाएगी.

वर्तमान में वीआईएल के दो प्रवर्तकों के पास कंपनी में क्रमशः 14.76 प्रतिशत और 22.56 प्रतिशत हिस्सेदारी है. कंपनी ने सोमवार को शेयर बाजार को दी सूचना में कहा, “संचार मंत्रालय ने दूरसंचार क्षेत्र के लिए सितंबर, 2021 के सुधार और सहायता पैकेज के अनुरूप, बकाया स्पेक्ट्रम नीलामी बकाया को भारत सरकार को जारी किए जाने वाले इक्विटी शेयरों में बदलने का फैसला किया है. इक्विटी शेयरों में परिवर्तित की जाने वाली कुल राशि 36,950 करोड़ रुपये है.” 

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Gold Price Today: आज फिर चढ़ा सोने का भाव, चांदी ने भी लगाई छलांग, जानें अपने शहर के नए रेट्स

अमेरिकी टैरिफ का सीधा असर बाजारों का पड़ता हुआ दिख रहा है. सोने की कीमत में एक दिन देखे गए भारी उछाल के बाद दूसरे दिन बुधवार भी सोने की शुरुआत कीमत में तेजी दिखी. वहीं, चांदी में भी शुरुआती उछाल देखने को मिल रहा है. सोने के वायदा भाव 91,200 रुपये प्रति ग्राम के हिसाब से करीब कारोबार कर रहे थे, जबकि चांदी के भाव 99,900 रुपये के करीब कारोबार कर रहे थे. इंटरनेशनल मार्केट में सोने-चांदी के वायदा भाव में तेजी देखी जा रही है. Comex पर सोना 3,147.50 डॉलर प्रति औंस के भाव पर खुला है. 

जबकि,  बुधवार को सुबह साढ़े नौ बजे के आंकड़ों के मुताबिक, 24 कैरेट सोना प्रति 10 ग्राम 89 हजार 340 रुपये बिक रहा है. जबकि, चांदी की कीमत प्रति किलो 1,00,160 बिक रही है. अब आइये जानते हैं कि आपके शहर में किस रेट से गोल्ड बिक रहा है:-

दिल्ली-
सोना- 89,030/ प्रति 10 ग्राम
चांदी- 99,830/ प्रति किलो

मुंबई-
सोना- 89,180/ प्रति 10 ग्राम
चांदी- 1,00,000/प्रति किलो

हैदराबाद
सोना- 89,320/प्रति 10 ग्राम
चांदी- 1,00,180/ प्रति किलो

चेन्नई
सोना- 89,440 प्रति 10 ग्राम
चांदी- 1,00,320 प्रति किलो

कोलकाता
सोना- 89,060 प्रति 10 ग्राम
चांदी- 99,890 प्रति किलो

बेंगलुरू
सोना- 89,250 प्रति 10 ग्राम
चांदी- 1,00,100 प्रति किलो

गौरतलब है किशुक्रवार को 99.9 प्रतिशत शुद्धता वाला सोना 92,150 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था। विश्लेषकों ने कहा कि शेयर बाजारों में गिरावट के बीच वैकल्पिक निवेश की मजबूत मांग के कारण विदेशी बाजारों में सोने में तेजी के कारण कारोबारी धारणा मजबूत रही. लगातार चौथे दिन मजबूती के साथ 99.5 प्रतिशत शुद्धता वाला सोना भी 2,000 रुपये की तेजी के साथ 93,700 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया, जो इसका अबतक का सर्वकालिक उच्चस्तर रहा.

इससे पहले सोने का भाव 91,700 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था. सोने की कीमत में एक दिन में सबसे अधिक उछाल 10 फरवरी को दर्ज किया गया था, जब इसमें 2,400 रुपये प्रति 10 ग्राम की तेजी आई थी। इस साल अबतक सोने की कीमत एक जनवरी के 79,390 रुपये प्रति 10 ग्राम से 14,760 रुपये या 18.6 प्रतिशत बढ़ चुकी है. 

डिस्क्लेमर: (यहां मुहैया जानकारी सिर्फ़ सूचना हेतु दी जा रही है. यहां बताना जरूरी है कि मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है. निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें. ABPLive.com की तरफ से किसी को भी पैसा लगाने की यहां कभी भी सलाह नहीं दी जाती है.)

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Anant Ambani Padyatra: ब्राह्मणों का हुजूम, मुर्गियों का रेस्क्यू और रात में सड़कों पर सफर… यहां देखिए अनंत अंबानी की पैदल यात्रा की तस्वीरें

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Gold Price: अब तक की सबसे ऊंची कीमत पर पहुंचा सोना, अब गहना बनवाने के लिए बेचनी पड़ेगी जमीन!

Gold Price: भारत में शादियों का सीजन शुरू होने से पहले ही सोने के दाम आसमान पर पहुंच गए हैं. 1 अप्रैल को MCX (मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज) पर सोने की कीमतें अब तक के सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच गईं. जून 2025 के कॉन्ट्रैक्ट के लिए सोने की कीमत 91,400 रुपये प्रति 10 ग्राम तक जा पहुंच गई है. हालांकि, शाम 5:50 बजे तक यह थोड़ा गिरकर 91,120 रुपये प्रति 10 ग्राम पर ट्रेड कर रहा था.

चांदी थोड़ी सस्ती हुई

सोने की बढ़ती कीमतों के बीच चांदी में हल्की गिरावट देखने को मिली. शाम 7:35 बजे MCX पर चांदी 99,829 रुपये प्रति किलो पर ट्रेड कर रही थी, जो पिछले बंद स्तर 1,00,065 प्रति किलो से 0.24 फीसदी कम थी.

लगातार क्यों बढ़ रहे हैं सोने के दाम

अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी सोने ने नया रिकॉर्ड बनाया. AP की रिपोर्ट के मुताबिक, मंगलवार सुबह गोल्ड की कीमत 3,175 डॉलर प्रति औंस तक पहुंच गई, जो इस साल की शुरुआत में 2,700 डॉलर प्रति औंस थी. इसके पीछे अमेरिकी निवेशकों का इक्विटी बाजार से पैसा निकालकर सुरक्षित निवेश जैसे सोना और सरकारी बॉन्ड में डालना एक बड़ी वजह मानी जा रही है. इसके अलावा, अमेरिकी टैरिफ पॉलिसी की अनिश्चितता, कमजोर अमेरिकी डॉलर, रूस-यूक्रेन युद्ध और मध्य पूर्व में बढ़ता तनाव भी सोने की कीमतें बढ़ा रहा है.

क्या और बढ़ेंगे सोने के दाम?

एक्सपर्ट्स का मानना है कि आने वाले हफ्ते में सोने की कीमतों में जबरदस्त उतार-चढ़ाव देखने को मिलेगा. दरअसल, अमेरिका के नए टैरिफ पॉलिसी को लेकर अनिश्चितता के चलते सोने की कीमतें और ऊपर जा सकती हैं.

अगर 2 अप्रैल को घोषित किए जाने वाले अमेरिकी टैरिफ उम्मीद से कम हुए, तो मुनाफा वसूली देखने को मिल सकती है. आपको बता दें, MCX पर सोना 2025 में अब तक 18 फीसदी चढ़ चुका है और इस हफ्ते 88,500 से 92,500 के दायरे में ट्रेड कर सकता है.

क्या अभी सोने में निवेश करना सही?

एक्सपर्ट्स मानते हैं कि दुनियाभर में बढ़ती महंगाई और अमेरिका की संभावित नीतियों के चलते सोने की कीमतें अभी और ऊपर जा सकती हैं. ऐसे में निवेशकों को किसी भी फैसले से पहले बाज़ार पर नज़र बनाए रखनी चाहिए.

डिस्क्लेमर: (यहां मुहैया जानकारी सिर्फ़ सूचना हेतु दी जा रही है. यहां बताना जरूरी है कि मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है. निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें. ABPLive.com की तरफ से किसी को भी पैसा लगाने की यहां कभी भी सलाह नहीं दी जाती है.)

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LPG सस्ती, टोल महंगा… UPI से लेकर इनकम टैक्स तक आज से सबकुछ बदल गया, ये हैं 15 बड़े बदलाव

एक अप्रैल 2025 से नया वित्तीय वर्ष शुरू होते ही कई सारे बदलाव हो गए हैं, जिसका आपके जीवन पर सीधा असर होगा. वो चाहे बात सिलेंडर के दाम में कमी की हो या फिर बैंकिंग सिस्टम में बदलाव और पेंशन स्कीम की. ऐसे में आइये जानते हैं कि वो क्या 10 बड़े बदलाव हैं, जो नए वित्त वर्ष के पहले दिन से लागू हो गए और आपकी जेब पर उसका क्या प्रभाव पड़ने जा रहा है:

1-गैस सिलेंडर सस्ता:

दिल्ली से लेकर मुंबई और चेन्नई तक गैस सिलेंडर की कीमतें कम हुई. कॉमर्शिल गैस सिलेंडर में 40 रुपये तक कमी का एलान किया गया है. जबकि, घरेलू गैस सिलेंडर पर किसी तरह का बदलाव नहीं हुआ है. इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन के मुताबिक, राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में कॉमर्शियल गैस सिलेंडर की कीमत अब 1762 रुपये हो गए और इसमें 41 रुपये की कमी की गई है. जबकि कोलकाता में 44 रुपये 50 पैसे कम होने के बाद कॉमर्शियल गैस सिलेंडर की नई कीमत 1868.50 रुपये हो गई है. जबकि, देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में कॉमर्शियल गैस सिलेंडर की कीमतों में 42 रुपये की कटौती की गई है, जिसके बाद अब ये 1713 रुपये 50 पैसे का हो गया है. तो वहीं अगर चेन्नई की बात करें तो वहीं पर 43 रुपये 50 पैसे की कमी के बाद सिलेंडर की नई कीमत 1921 रुपये 50 पैसे हो गई है

2- 12 लाख तक आय करमुक्त

नए वित्त वर्ष में अब 12 लाख रुपये तक की कमाई पर आपको कोई टैक्स नहीं देना होगा. केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए पेश बजट में वेतनभोगियों और मध्यमवर्ग को बड़ी राहत दी थी. यानी अब 12 लाख 75 हजार रुपये की आय करमुक्त होगी. 75 हजार रुपये का स्टैंडर्ड डिडक्शन मिलेगा.

3-UPS में बदलाव

एक अप्रैल से यूनिफाइड पेंशन स्कीम ने पुरानी पेंशन स्कीम की जगह ले ली, जो 2024 के अगस्त में सरकार की तरफ से शुरू की गई. यूपीएस से करीब 23 लाख केन्द्रीय सरकारी कर्मचारियों पर असर होगा. 

4-क्रेडिट कार्ड नियम में बदलाव

नए वित्त वर्ष पर स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, एक्सिस बैंक और आईडीएफसी ने अपने क्रेडिट कार्ड के नियमों में बदलाव का एलान किया है. नए नियम के तहत रिवॉर्ड प्वाइंट्स, फीस और अन्य बदलाव किए गए हैं, साथ ही पहले मिलने वाले कैशबैक और ऑफर्स में कटौती हुई है.

5-जेट ईंधन सस्ता

हवाई यात्रा नए वित्त वर्ष में सस्ता होने की उम्मीद है. ऑयल कंपनियों ने हवाई जहाज में इस्तेमाल होने वाले ईंधन की कीमतों में कमी है. राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में जेल ईंधन की कीमत जहां 90 हजार रुपये प्रति लीटर से कम हो गए, वहीं मुंबई में इसकी नई कीमत 84 हजार रुपये प्रति किलोलीटर से कम हुई है. हालांकि, चेन्नई और कोलकाता में एटीएफ के दाम अब भी 90 हजार किलोलीटर से ज्यादा बने हैं.

6-बैंक मिनिमम बैलेंस 

मिनिमम बैंलेंस की न्यूनत राशि को सभी सरकारी बैंक जैसे- एसबीआई, केनरा और पीएनबी ने बढ़ाने का एलान किया है. हालांकि, ये न्यूनतम बैलेंस अर्बन, सेमी अर्बन और ग्रामीण इलाकों के आधार पर तय हुई है. अगर कोई खाताधारक उस न्यूनतम बैलेंस से महीने में कम रखता है तो उस पर पेनाल्टी लगेगी.

7- महंगी होगी गाड़ियां

आज से गाड़ियां भी महंगी होने जा रही है. एक तरफ जहां बीएमडब्ल्यू से लेकर मारुति सुजुकी, टाटा मोटर्स और किया ने गाड़ियों की कीमत बढ़ाने का ऐलान किया है तो वहीं दूसरी तरफ महिन्द्रा एंड महिन्द्रा और एसयूवी ने भी इसकी कीमत बढ़ा दी है.

8- UPI नियम में चेंज

बढ़ते डिजिटल ट्रांजेक्शन और उसमें यूपीआई की भूमिका को देखते हुए नेशनल पेमेंट्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया ने इसकी सुरक्षा को लेकर कई नियम जारी किए. इसे एक अप्रैल से लागू कर दिया गया है, जिसके बाद फोन पे, गूगल पे के यूपीए से जुड़े बंद पड़े मोबाइल नंबरों को धीरे-धीरे हटाने का निर्देश दिए गए हैं.

9- महंगा हुआ टोल

आज ने नेशनल हाईवे अथॉोरिटी ऑफ इंडिया ने टोल टैक्स महंगा कर दिया है. यानी अब पहले से ज्यादा पैसा टोल पर देना होगा. एनएचएआई ने देश के अलग-अलग टोल और नेशनल हाइवे पर अलग-अलग चार्ज को मंजूर दी है, जो लागू हो चुका है. 

10-फिजिकल स्ंटाप पेपर बंद

उत्तर प्रदेश में 1 अप्रैल से 10 हजार से लेकर 25 हजार रुपये के फिजिकल स्टांप पेपर को बंद कर दिया गया. डिजिटल को बढ़ावा देने के उद्देश्य से शुरू किए गए सरकार के इस कदम ने न सिर्फ ट्रांसपेरेंसी बढ़ेगी बल्कि ई-स्टांपिंग से लोगों को काफी सहूलियत होगी.

11- जीएसटी रुल्स में बदलाव

जीएसटी यानी गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स नियमों में भी कुछ अहम बदलाव एक अप्रैल से होने जा रहा है. 180 दिनों से ज्यादा पुराने आधार दस्तावेज पर ई-वे बिल नहीं बनाए जाएंगे. साथ ही, जीएसटी पोर्टल पर मल्टी फैक्टर ऑथेंटिकेशन होगा.

12-डिजिलॉकर में बदलाव

डिजिलॉकर में भी कुछ बदलाव किए गए हैं, जिसके बाद अब निवेशक डिमैट एकाउंट होल्टिंग स्टेटमेंट और कंसोलिडेटिड एकाउंट स्टेटमेंक को डिजिलॉक में रख पाएंगे. ऐसे करने के सेबी का मकसद डॉक्यूमेंट्स खोने या भूलने से बचाने के साथ निवेश प्रबंधन को आसान बनाना है.

13- होम लोन रुल्स में बदलाव

आज से होम लोन के नियम भी अब बदल गए हैं. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की तरफ से प्रायरिटीज सेक्टर लेंडिंग में नया नियम लागू किया, जो 2020 के पुराने नियमों को रिप्लेस करेगा.

14- म्यूचुअल फंड रुल में बदलाव

आज से आपको म्यूचुअल फंड के नियम में भी बदलाव दिखेगा. सेबी के नए नियम के मुताबिक, नए फंड ऑफर के जरिए जुटाए गए फंड को 30 कारोबारी दिनों के भीतर ही निवेश करना होगा.

15-FASTag  महाराष्ट्र में कंपल्सरी

अब आर्थिक राजधानी मुंबई में फास्टटैग को अनिवार्य कर दिया गया है. किसी गाड़ी पर फास्टटैग नहीं होगा तो ड्राईवर या फिर गाड़ी मालिक को दोगुने कैश देना होगा. डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने के उद्देश्य से इसे लागू किया गया है. हालांकि, देश के कई हिस्से में इसे पहले ही लागू कर दिया गया था.

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ट्रंप के टैरिफ का खौफ: खुलते ही क्रैश हुआ शेयर मार्केट, सेंसेक्स 500 अंक फिसला; निफ्टी का भी हाल बेहाल

Share Market Today: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप 2 अप्रैल से सभी देशों पर रेसिप्रोकल टैरिफ लगाने जा रहे हैं. इसे लेकर शेयर बाजार में हलचल है. निवेशक भी घबराए हुए हैं. इसके चलते ग्लोबल लेवल पर मार्केट में उतार-चढ़ाव का रूख जारी है. आलम यह है कि आज बीएसई सेंसेक्स 532 अंकों की भारी गिरावट के साथ 76882 के लेवल पर खुला. वहीं, एनएसई का निफ्टी 50 इंडेक्स भी 178 अंकों की गिरावट के साथ 23341 अंकों पर खुला. 

कुछ ऐसा है ग्लोबल मार्केट का हाल

ग्लोबल मार्केट से मिल रहे संकेतों के आधार पर यह कहा जा सकता है कि आज मंगलवार को घरेलू शेयर मार्केट हाल बेहाल रह सकता है क्योंकि भले ही एशियाई बाजारों में तेजी देखने को मिल रही है, लेकिन यूएस स्टॉक मार्केट में मिलाजुला कारोबार देखने को मिला.

अमेरिकी डॉलर इंडेक्स 104 के पार फिलहाल 104.1460 पर है. जबकि  अमेरिका के 10 साल वाले सरकारी बॉन्ड की यील्ड हल्की सुस्ती के साथ 4.21 फीसदी पर आ गई है. एक तरफ कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट आई है, जबकि सोने की कीमतें बढ़ती जा रही हैं. 

एशियाई बाजारों का हाल

मंगलवार को एशियाई बाजारों में कारोबार की शुरुआत बढ़त के साथ हुई. जापान का निक्केई इंडेक्स पिछले सेशन में अपने आठ महीने के सबसे निचले स्तर से रिकवरी करते हुए 1 फीसदी तक की बढ़त हासिल की, वहीं टॉपिक्स इंडेक्स 1.34 परसेंट तक चढ़ा. हालांकि, GIFT निफ्टी में कारोबार की शुरुआत गिरावट के साथ हुई, जो करीब 200 अंक फिसलकर 23,450 के नीचे ट्रेड कर रहा है.

चीन के शंघाई कम्पोजिट में भी हल्की बढ़त देखने को मिली. हॉन्ग कॉन्ग का बाजार हैंग सेंग भले ही सोमवार को 1.3 फीसदी गिरावट के साथ बंद हुआ, लेकिन मंगलवार को सुबह इसमें करीब 1 परसेंट तक की देखी गई. कोरिया का बाजार कोस्पी 1.4 फीसदी की तेजी के साथ कारोबार कर रहा है. 

सोना-चांदी और कच्चा तेल

ट्रंप के टैरिफ के खौफ के बीच सोने और चांदी कीमत लगातार बढ़ती जा रही है. सोने की हाजिर कीमत 3,134.04 डॉलर प्रति औंस  तक आ गई है. अमेरिकी सोना वायदा 0.3 फीसदी की वृद्धि के साथ 3,160.00 डॉलर पर पहुंच गया. वहीं ट्रेड वॉर की आशंकाओं के बीच कच्चे तेल की कीमत में गिरावट आई है. ब्रेंट क्रूड 0.1 फीसदी की गिरावट के साथ 74.90 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा है. वहीं,  यूएस वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट क्रूड 71.37 डॉलर पर आ गया है. 

इन्हें हुआ फायदा, नुकसान में ये

आज के कारोबार में आज के कारोबार में निफ्टी पर बैंक, आटो, फाइनेंशियल, आईटी, मेटल, फार्मा और रियल्टी इंडेक्स लाल निशान में हैं, जबकि एफएमसीजी इंडेक्स हरे निशान में ट्रेड कर रहे हैं. अब तक के ट्रेडिंग सेशन में ITC, POWERGRID, NESTLEIND, ZOMATO के शेयर फायदे में हैं, जबकि  INFY, HCLTECH, HDFCBANK, TECHM, BAJFINANCE के शेयरों में गिरावट देखने को मिल रही है. 

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मरीजों के लिए बुरी खबर लेकर आ रहा है अप्रैल, 1 तारीख से महंगी हो जाएंगी 900 दवाइयां

अगर आप ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, हार्ट डिजीज, इंफेक्शन जैसी बीमारियों के इलाज में इस्तेमाल होने वाली जरूरी दवाइयां लेते हैं, तो यह खबर आपके लिए है. 31 मार्च तक आप जिन दवाइयों के लिए कम पैसा खर्च कर रहे थे, उनके लिए आज रात के 12 बजे के बाद से ही यानी 1 अप्रैल 2025 से ही ज्यादा पैसे चुकाने होंगे. सबसे बड़ी बात की इस फैसले से 900 से ज्यादा जरूरी दवाइयों की कीमतों में 1.74 फीसदी की बढ़ोतरी होने जा रही है.

क्यों महंगी हो रही हैं दवाइयां

सरकार की राष्ट्रीय औषधि मूल्य निर्धारण प्राधिकरण (NPPA) हर साल जरूरी दवाओं के दाम Wholesale Pricing Index (WPI) के आधार पर तय करता है. 2024 के लिए WPI में 1.74 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है, जिससे कंपनियों को बिना सरकारी मंजूरी के दाम बढ़ाने की अनुमति मिल गई है. NPPA के अनुसार, “कैलेंडर वर्ष 2024 में WPI 1.74 फीसदी बढ़ा है, इसलिए कंपनियां दवाओं की खुदरा कीमतें इसी दर से बढ़ा सकती हैं.”

किन दवाइयों के बढ़ेंगे दाम?

एंटीबायोटिक्स

Azithromycin (250 mg) – 11.87 रुपये प्रति टैबलेट

Azithromycin (500 mg) – 23.98 रुपये प्रति टैबलेट

Amoxicillin + Clavulanic Acid Dry Syrup – 2.09 रुपये प्रति ml

एंटीवायरल दवाइयां

Acyclovir (200 mg) – 7.74 रुपये प्रति टैबलेट

Acyclovir (400 mg) – 13.90 रुपये प्रति टैबलेट

मलेरिया की दवा

Hydroxychloroquine (200 mg) – 6.47 रुपये प्रति टैबलेट

Hydroxychloroquine (400 mg) – 14.04 रुपे प्रति टैबलेट

पेनकिलर दवाइयां

Diclofenac – 2.09 रुपये प्रति टैबलेट

Ibuprofen (200 mg) – 0.72 रुपये प्रति टैबलेट

Ibuprofen (400 mg) – 1.22 रुपये प्रति टैबलेट

डायबिटीज की दवा

Dapagliflozin + Metformin Hydrochloride + Glimepiride – 12.74 रुपये प्रति टैबलेट

स्टेंट की कीमतें भी बढ़ेंगी

1 अप्रैल से कोरोनरी स्टेंट की कीमतें भी WPI के आधार पर बढ़ाई जाएंगी.

Bare-metal stent – 10,692.69 रुपये

Drug-eluting stent – 38,933.14 रुपये

आम आदमी की जेब पर होगा असर

जरूरी दवाइयों की कीमत बढ़ने से आम जनता की जेब पर असर पड़ेगा. खासकर उन लोगों के लिए मुश्किलें बढ़ सकती हैं, जो पहले से ही महंगाई और स्वास्थ्य खर्चों का सामना कर रहे हैं. हालांकि, सरकार का कहना है कि यह मूल्य वृद्धि आवश्यक थी, ताकि दवा कंपनियां लागत बढ़ने के कारण उत्पादन जारी रख सकें. अब देखना होगा कि आने वाले दिनों में आम लोगों को इस बढ़ोतरी का कितना असर झेलना पड़ेगा.

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आदित्य बिड़ला ग्रुप ने ITC से की बड़ी डील, 3498 करोड़ रुपये में बेचा पल्प एंड पेपर बिजनेस

आदित्य बिड़ला ग्रुप से जुड़ी एक बड़ी खबर सामने आ रही है. दरअसल, इस कंपनी की रियल एस्टेट शाखा, आदित्य बिड़ला रियल एस्टेट लिमिटेड (ABREL) ने एक बड़ा कदम उठाते हुए ITC को अपने पल्प और पेपर बिज़नेस को 3,498 करोड़ रुपये में बेचने की मंजूरी दे दी है.

कंपनी के मुताबिक, यह सौदा Century Pulp and Paper (CPP) को ITC को सौंपने के लिए किया गया है, जिससे शेयरधारकों को अधिक मूल्य प्राप्त हो सके और कंपनी अपने रियल एस्टेट कारोबार पर पूरा ध्यान केंद्रित कर सके.

ABREL ने क्या कहा

ABREL के मैनेजिंग डायरेक्टर आर. के. डालमिया ने कहा, “हम कंपनी के ट्रांसफॉर्मेशन के दौर में हैं और यह निर्णय हमें हमारे रियल एस्टेट बिज़नेस को आगे बढ़ाने में मदद करेगा.” उन्होंने आगे बताया कि CPP की गिनती हमेशा बेहतरीन प्रदर्शन और उच्च स्थिरता मानकों वाली कंपनियों में रही है. अब इसे ITC जैसे मजबूत खिलाड़ी के हाथों में सौंपकर हम इसे अगले स्तर पर ले जाना चाहते हैं.

ITC की रणनीति

ITC ने इस सौदे को अपनी ग्रोथ स्ट्रेटेजी का अहम हिस्सा बताया. कंपनी ने कहा कि इससे पेपरबोर्ड और स्पेशलिटी पेपर्स कारोबार को नई गति मिलेगी और एक नए लोकेशन पर इसकी क्षमता बढ़ाने का मौका मिलेगा.

कैसा रहा ABREL का परफॉर्मेंस?

वित्त वर्ष 2025 के पहले नौ महीनों में पल्प और पेपर कारोबार ने 2,382.50 करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित किया, जो पिछले साल की तुलना में 5.34 फीसदी कम है. वहीं, कंपनी का रियल एस्टेट कारोबार तेजी से बढ़ा है. वित्त वर्ष 2025 के पहले नौ महीनों में इसका राजस्व 777.71 करोड़ रुपये रहा, जो पिछले साल के मुकाबले पांच गुना ज्यादा है. वहीं, वित्त वर्ष 2024 में यह बढ़कर 832.21 करोड़ रुपये हो गया, जो सालाना आधार पर छह गुना वृद्धि है.

रियल एस्टेट में बिड़ला ग्रुप का विस्तार

ABREL मुंबई, बेंगलुरु, नेशनल कैपिटल रीजन (NCR) और पुणे जैसे प्रमुख शहरों में प्रीमियम आवासीय परियोजनाओं पर काम कर रही है. ग्रुप की सहायक कंपनी बिड़ला एस्टेट्स ने हाल ही में गुरुग्राम में Birla Arika परियोजना के तहत 3,000 करोड़ रुपये के घर बेचे हैं. कंपनी ने पुणे में भी अपना पहला प्रोजेक्ट लॉन्च किया है, जिसका अनुमानित राजस्व 2,700 करोड़ रुपये है.

क्या होगा आगे?

इस सौदे के तहत 14,980 करोड़ रुपये के चल रहे आवासीय प्रोजेक्ट्स और 48,367 करोड़ रुपये के आगामी प्रोजेक्ट्स पर काम जारी रहेगा. यह ट्रांजैक्शन अगले छह महीनों में पूरा होने की उम्मीद है, जिसमें CCI (Competition Commission of India) और अन्य वैधानिक मंजूरियां आवश्यक होंगी.

सौदे में किसने निभाई अहम भूमिका?

इस डील में JM Financial Limited ने एक्सक्लूसिव फाइनेंशियल एडवाइजर की भूमिका निभाई, जबकि AZB & Partners ने लीगल एडवाइजर के रूप में सहयोग किया.

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Yes Bank को आयकर विभाग का 2209 करोड़ रुपये का टैक्स नोटिस, बैंक ने दिया ये जवाब

यस बैंक ने शनिवार को कहा कि उसे एसेसमेंट ईयर 2019-20 का 2209 करोड़ रुपये के टैक्स का नोटिस मिला है. बैंक की तरफ से जारी एक आधिकारिक बयान में बताया गया कि उसे आयकर विभाग से धारा 156 के तहत ये नोटिस मिला है और इसमें टैक्स देनदारी की मांग की गई है.

यस बैंक का कहना है कि वे आयकर विभाग के इस नोटिस के खिलाफ उचित कानूनी कदम उठाएंगे. बैंक ने आगे कहा कि इस टैक्स नोटिस का विश्लेषण कर रहे हैं और कानूनी और नियामक आवश्यकताओं के अनुसार उचित कदम उठाने के लिए परामर्श कर रहा है.  

यस बैंक की तरफ से ये कहा  गया है कि इस नोटिस की वजह से उसके फाइेंशियल, ऑपरेशंस या किसी अन्य गतिविधियों पर कोई प्रतिकूल असर की कोई संभावना नहीं है.

बैंक ने कहा कि एसेसमेंट ईयर 2019-20 के लिए इनकम टैक्स एक्ट 1961 की धारा 144 के अंतर्गत साल 2021 में 30 सितंबर को एक ऑर्डर मिला था. जिसमें पहले दाखिल इनकम टैक्स रिटर्न में क्लेम किए गए रिफंड के अनुरूप बैंक को रिफंड दिया गया था. अप्रैल 2023 में इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की तरफ से इस संबंधित एसेमेंट ईयर को फिर से री-ओपन किया गया था.

बैंक की तरफ से जारी बयान में आगे कहा गया कि आयकर विभाग की फेसलेस यूनिट ने 2025 में 28 मार्च को री-एसेसमेंट ऑर्डर पास किया और इसमें कोई एडिशंस नहीं किए गए. ऐसे में बैंक के पास आयकर विभाग की तरफ से कोई बकाया टैक्स नहीं बचता है.

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Gold and Silver Prices Today: अमेरिकी टैरिफ से हलचल के बीच सर्वोच्च स्तर पर पहुंची सोने कीमत, जानिए क्या है लेटेस्ट रेट

Gold and Silver Prices Today: यूनाइटेड स्टेटस की तरफ से टैरिफ लगाने के एलान के बाद जहां अंतरराष्ट्रीय बाजार में हलचल है तो वहीं सोना की कीमत अब तक के सर्वोच्च स्तर पर है. स्पेस्टेटर इंडेक्स के मुताबिक, 10 ग्राम सोने की कीमत 3,080 डॉलर पहुंच गई है. सोना-चांदी की कीमतों में इन दिनों बढ़त देखने को मिल रही है. इंडियन बुलियन एसोसिएशन (IBA) के मुताबिक, 31 मार्च को सुबह 7.20 बजे तक 10 ग्राम 24 कैरेट सोने की कीमत 89,330 रुपये है. जबकि इतने ही ग्राम के 22 कैरेट सोने की कीमत 81,886 रुपये है. पिछले 24 घंटे से सोने की कीमतों में बढ़ोतरी जारी है. 

MCX इंडेक्स पर आज इतनी है सोने-चांदी की कीमत

MCX इंडेक्स पर 10 ग्राम सोने की कीमत 88,850 रुपये है, जो कल के मुकाबले 44 रुपये अधिक है. IBA की वेबसाइट के मुताबिक, 31 मार्च को सुबह 7.20 बजे चांदी की कीमत 1,00,770 रुपये प्रति किलो है. बीते 24 घंटे में चांदी की कीमतों में 999 रुपये तक की बढ़ोतरी हुई है. अगर सिल्वर 900 कॉइन की बात करें, तो 31 मार्च को इनकी कीमत 90,693 रुपये प्रति किलोग्राम है.

वहीं, MCX इंडेक्स पर चांदी की कीमत 23 रुपये बढ़कर 1,00,480 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई है. आइए अब नई दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, कोलकाता, बेंगलुरु और हैदराबाद जैसे देश के कुछ बड़े शहरों में सोने-चांदी की आज की कीमत पर एक नजर डालते हैं. 

  • दिल्ली में आज सोने की कीमत 89,010 रुपये प्रति 10 ग्राम है. वहीं चांदी का भाव 100,410 रुपये प्रति किलोग्राम है. 
  • मुंबई में आज 31 मार्च को 10 ग्राम सोने की कीमत 89,160 रुपये है. जबकि चांदी 1,00,590 रुपये प्रति किलो के भाव से बिक रहा है. 
  • चेन्नई में आज 10 ग्राम सोने का भाव 89,420 रुपये है, जबकि चांदी की कीमत 1,00,880 रुपये प्रति किलो है. 
  • हैदराबाद में आज 10 ग्राम सोने की कीमत 89,310 रुपये और 1 किलो चांदी की कीमत 1,00,740 है. 
  • कोलकाता में आज सोने की कीमत प्रति 10 ग्राम 89,050 रुपये है, जबकि 1 किलो चांदी की कीमत 1,00,450 रुपये है. 
  • बेंगलुरु में आज 10 ग्राम सोने की कीमत 89,230 रुपये है और चांदी की कीमत 1,00,660 रुपये प्रति किलोग्राम है. 

क्यों बढ़ रही सोने की कीमत?

महंगाई और आर्थिक अनिश्चतता के इस दौर में लोग सुरक्षित निवेश के तौर पर सोने की जमकर खरीदारी कर रहे हैं. इसके चलते इसकी कीमतें भी बढ़ती ही जा रही हैं. इधर, केंद्रीय बैंक भी जमकर सोना खरीद रहा है, जिससे बाजार में इसकी डिमांड बढ़ रही है और कीमतें आसमान छू रही हैं. अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में भी सोने की कीमत में रिकॉर्ड तेजी देखने को मिल रही है. 

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एलन मस्क की कंपनी में निवेश करने वाली Alpha Wave Global, अब हल्दीराम में खरीद सकती है हिस्सेदारी!

Haldiram Deal: भारत के सबसे बड़े स्नैक ब्रांड हल्दीराम से जुड़ी एक बड़ी खबर सामने आ रही है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, एलन मस्क की स्पेसएक्स में निवेश करने वाली निवेशक कंपनी Alpha Wave Global अब हल्दीराम स्नैक्स फूड में 6 फीसदी हिस्सेदारी खरीद सकती है. इससे पहले, सिंगापुर की निवेश कंपनी Temasek ने हल्दीराम में 9 फीसदी हिस्सेदारी खरीदी थी.

5,160 करोड़ का होगा निवेश

इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, अगर यह डील होती है, तो Alpha Wave Global हल्दीराम में 5,160 करोड़ का निवेश करेगी. इस डील के बाद हल्दीराम के मालिक अग्रवाल परिवार की हिस्सेदारी 85 फीसदी रह जाएगी. हालांकि, इस बारे में अभी तक न तो हल्दीराम और न ही Alpha Wave Global ने आधिकारिक पुष्टि की है.

Alpha Wave पहले भी कर चुका है भारतीय कंपनियों में निवेश

Alpha Wave Global पहले Falcon Edge Capital के नाम से जानी जाती थी. यह कंपनी यूएई के नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजर शेख तहनून बिन जायेद से जुड़ी हुई है, जिनका बिजनेस साम्राज्य लाखों करोड़ों रुपये का है. Alpha Wave ने दुनिया की बड़ी कंपनियों जैसे SpaceX, Lyft और Klarna में भी निवेश किया है. भारत में भी कंपनी ने VLCC, Lenskart, Chaios और Dream11 जैसी कई स्टार्टअप्स में पैसा लगाया है. हालांकि, हल्दीराम में निवेश करने के बावजूद Alpha Wave को कंपनी के बोर्ड में जगह नहीं मिलेगी. दूसरी ओर, Temasek को कंपनी में एक बोर्ड सीट मिल सकती है.

भारत में स्नैक्स मार्केट का हाल

भारत का स्नैक्स मार्केट 2023 में 42,694 करोड़ का था और हल्दीराम इस सेक्टर का सबसे बड़ा ब्रांड है. कंपनी 500 से ज्यादा तरह के स्नैक्स, मिठाई, रेडी-टू-ईट फूड और ड्रिंक्स बेचती है. वित्तीय वर्ष 2023-24 में हल्दीराम की कुल कमाई 12,800 करोड़ रही. इसमें से 2,580 करोड़ EBITDA (Earnings Before Interest, Taxes, Depreciation, and Amortization) और 1,400 करोड़ का नेट प्रॉफिट था.

भारत की सबसे बड़ी प्राइवेट इक्विटी डील में शामिल होगी यह डील?

सिंगापुर की Temasek पहले ही हल्दीराम में 86,000 करोड़ के वैल्यूएशन पर निवेश कर चुकी है. अब अगर Alpha Wave Global भी निवेश करता है, तो यह भारत की सबसे बड़ी प्राइवेट इक्विटी डील्स में से एक बन सकती है. यूएई के शेख तहनून, जो First Abu Dhabi Bank के चेयरमैन भी हैं, का बिजनेस साम्राज्य 1.5 ट्रिलियन डॉलर का है. अगर यह डील फाइनल होती है, तो इससे हल्दीराम को इंटरनेशनल ग्रोथ के लिए नई ऊंचाइयां मिल सकती हैं. अब सबकी नजर इस पर है कि कंपनी और निवेशक इस डील पर आधिकारिक मुहर कब लगाते हैं. 

डिस्क्लेमर: (यहां मुहैया जानकारी सिर्फ़ सूचना हेतु दी जा रही है. यहां बताना जरूरी है कि मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है. निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें. ABPLive.com की तरफ से किसी को भी पैसा लगाने की यहां कभी भी सलाह नहीं दी जाती है.)

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थम रही है विदेशी निवेशकों की बिकवाली, जानिए अप्रैल में कैसा रहने वाला है भारतीय शेयर बाजार का मूड

भारतीय शेयर बाजार में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) का रुख लगातार तीसरे महीने बिकवाली का रहा. 2025 की शुरुआत से ही ये निवेशक भारतीय बाजार में नेट सेलर बने हुए हैं. नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड (NSDL) के आंकड़ों के मुताबिक, मार्च में FPI ने 3,973 करोड़ रुपये के शेयर बेचे. इससे पहले, जनवरी में 78,027 करोड़ रुपये और फरवरी में 34,574 करोड़ रुपये की बिकवाली हुई थी.

हालांकि, मार्च के आखिरी दिनों में बिकवाली की रफ्तार कुछ धीमी पड़ गई. एक्सपर्ट्स का कहना है कि 21 मार्च से 28 मार्च के बीच विदेशी निवेशकों ने धीरे-धीरे खरीदारी की, जिससे कुल बिकवाली का प्रभाव थोड़ा कम हुआ.

बाजार में सुधार के संकेत

सेंसेक्स अब भी अपने ऑल-टाइम हाई 85,978 अंकों से 8,500 अंक नीचे है. हालांकि, विदेशी निवेशकों ने मार्च के अंतिम हफ्तों में कुछ खरीदारी की, जिससे भारतीय बाजारों को थोड़ी राहत मिली.

अमेरिकी टैरिफ नीति से बाजार में अस्थिरता

वैश्विक बाजारों में अमेरिका की नई टैरिफ नीति को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है. अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने दूसरे कार्यकाल में टैरिफ समानता (Tariff Reciprocity) पर जोर दिया है, जिसके तहत अमेरिका उन्हीं देशों पर उतना ही टैरिफ लगाएगा, जितना वे अमेरिका पर लगाते हैं.

इससे भारतीय शेयर बाजार पर दबाव बना रहा, क्योंकि विदेशी निवेशक इस अस्थिरता से बचने के लिए निकासी कर रहे थे. हालांकि, फरवरी में आए किफायती महंगाई दर के आंकड़ों (Inflation Data) ने भारतीय बाजार को थोड़ा सहारा दिया.

पिछले तीन सालों का बाजार प्रदर्शन

2024 में सेंसेक्स और निफ्टी ने 9-10 फीसदी की बढ़त दर्ज की.

2023 में भारतीय बाजार 16-17 फीसदी बढ़े.

2022 में सिर्फ 3 फीसदी की मामूली बढ़त देखने को मिली.

क्या आगे विदेशी निवेशक खरीदारी करेंगे?

मार्च के अंतिम हफ्तों में विदेशी निवेशकों की हल्की खरीदारी ने संकेत दिए हैं कि वे भारतीय बाजारों में दोबारा दिलचस्पी ले सकते हैं. हालांकि, अमेरिका की टैरिफ पॉलिसी और वैश्विक बाजारों की अस्थिरता अभी भी एक चुनौती बनी हुई है. अब देखना होगा कि अप्रैल में विदेशी निवेशक भारतीय बाजार में वापस लौटते हैं या बिकवाली का सिलसिला जारी रहता है.

डिस्क्लेमर: (यहां मुहैया जानकारी सिर्फ सूचना हेतु दी जा रही है. यहां बताना जरूरी है कि मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है. निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें. ABPLive.com की तरफ से किसी को भी पैसा लगाने की यहां कभी भी सलाह नहीं दी जाती है.)

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कैसा रहेगा 1 अप्रैल से शुरू हो रहा नया वित्त वर्ष निवेशकों के लिए! टैरिफ वार-RBI की कर्ज नीति तय करेगी बाजार की दिशा

Indian Stock Market: इस हफ्ते से नए वित्त वर्ष 2025-26 की शुरुआत हो रही है. छह महीने बिकवाली करने के बाद विदेशी निवेशकों की भारतीय बाजार में वापसी हो रही है. ऐसे में निवेशकों के मन में ये सवाल है कि नया वित्त वर्ष कैसा रहेगा. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ से जुड़े एलानों के साथ अप्रैल 2025 के दूसरे हफ्ते में आरबीआई की मॉनिटरी पॉलिसी कमिटी की बैठक पर भी बाजार की नजर रहेगी जिसमें ब्याज दरों में कमी की उम्मीद की जा रही है. 

बीता हफ्ता शेयर बाजार के लिए मिलाजुला रहा है. इस सप्ताह निफ्टी 50 और सेंसेक्स 30 सूचकांकों में मामूली बढ़त दर्ज की गई, जबकि बीएसई मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांकों ने कमजोर प्रदर्शन किया और गिरावट के साथ बंद हुए. कमजोर वैश्विक संकेतों और आगामी अमेरिकी टैरिफ को लेकर चिंताओं के बावजूद, बाजार में विदेशी निवेशकों की सकारात्मक धारणा जारी रही. बाजार के जानकारों के मुताबिक हाल के महीनों में लगातार बिकवाली के बाद, पिछले कुछ सत्रों में एफआईआई शुद्ध खरीदार बन गए हैं 

नई (अप्रैल) सीरीज के पहले दिन 28 मार्च को बाजार में उतार-चढ़ाव रहा. सेंसेक्स 191.51 अंक या 0.25 प्रतिशत की गिरावट के साथ 77,414.92 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 72.60 अंक या 0.31 प्रतिशत की गिरावट के साथ 23,519.35 पर बंद हुआ. चॉइस ब्रोकिंग के एक नोट के अनुसार, सप्ताह के लिए, सेंसेक्स और निफ्टी में 0.5 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई, महीने के लिए 6 प्रतिशत की वृद्धि हुई और वित्त वर्ष 2024-25 में 5 प्रतिशत की वृद्धि हुई. इस बीच, इंडिया वीआईएक्स 5.31 प्रतिशत गिरकर 12.5750 पर आ गया, जो बाजार में कम अस्थिरता का संकेत देता है. 

बीडीओ इंडिया के फाइनेंशियल सर्विस टैक्स, टैक्स और रेगुलेटरी सर्विस के पार्टनर और लीडर मनोज पुरोहित ने कहा कि एफआईआई प्रवाह हरे निशान में शुरू हुआ है, जिससे वित्त वर्ष के अंतिम सप्ताह के बावजूद भारतीय बाजार में उत्साह लौट आया है, जिसमें आमतौर पर भारी मुनाफावसूली देखी जाती है. उन्होंने आगे कहा, “दूसरी ओर, एफपीआई कम्युनिटी से संबंधित सेबी द्वारा अपनी बोर्ड बैठक में की गई प्रमुख घोषणाओं में से एक ने एफपीआई को प्रोत्साहित किया है.”
कुल मिलाकर, यह पूंजी बाजार नियामक द्वारा समय पर उठाया गया कदम है, जिसमें विदेशी निवेशक भारत के प्रति सतर्क रुख अपना रहे हैं. अब सभी की निगाहें अमेरिका के संभावित टैरिफ प्रतिबंधों और आरबीआई के अपनी समीक्षा बैठक में संभावित दर कटौती पर की जाने वाली आगामी घोषणाओं पर टिकी हैं. 

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मुंबई के जाने-माने बिल्डर के खिलाफ ED ने लिया बड़ा एक्शन, 400 करोड़ फ्राॅड मामले में संपत्ति जब्त

ED Action on Mumbai Builder: प्रवर्तन निदेशालय (ED) के क्षेत्रीय कार्यालय मुंबई ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में बिल्डर ललित टेकचंदानी और उनके सहयोगियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है. इस क्रम में ईडी ने धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत उसकी कई संपत्तियों को कुर्क करने का अनंतिम आदेश जारी है. इनमें दुबई में एक विला, मुंबई में कई आवासीय और कमर्शियल प्रोजेक्ट, पुणे में कई चल और अचल संपत्ति, भूमि पार्सल और फिक्स्ड डिपॉजिट शामिल हैं. इनकी कुल कीमत 44.07 करोड़ रुपये है. 

फ्लैट खरीदारों से 400 करोड़ की धोखाधड़ी

टेकचंदानी और उसके 15 सहयोगियों पर फ्लैट खरीदने वालों से 400 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने के आरोप में मामला दर्ज किया गया है. ईडी की चार्जशीट में आरोप लगाया गया है, पूछताछ से पता चला है कि घर खरीदने वालों से पैसे ऐंठ कर टेकचंदानी ने इस पैसे का इस्तेमाल अपने और अपने परिवार के सदस्यों के नाम पर संपत्तियों को खरीदने के लिए किया. फाइनेंशियल फ्रॉड के इस मामले में ईडी ने इससे पहले शेयरों, म्यूचुअल फंड और फिक्स्ड डिपॉजिट में 158 करोड़ रुपये के इंवेस्टमेंट को जब्त किया था. 

1,700 से ज्यादा लोगों से ऐंठे पैसे

ईडी की जांच के मुताबिक, टेकचंदानी ने एक हाउसिंग प्रोजेक्ट के लिए 1,700 से ज्यादा घर खरीदारों से 400 करोड़ रुपये से ज्यादा जुटाए. बाद में खरीदारों को न तो फ्लैट मिले और न ही रिफंड मिल पाया. जांच में खुलासा हुआ कि घर खरीदने वालों से लिए गए पैसे का इस्तेमाल अलग-अलग नामों से संपत्ति खरीदने में किया गया है. इनमें टेकचंदानी के परिवार के सदस्यों के नाम भी शामिल हैं.  

मार्च 2024 में गिरफ्तार हुआ टेकचंदानी

ED ने यह जांच भारतीय दंड संहिता  (IPC) की विभिन्न धाराओं के तहत तलोजा और चेंबूर पुलिस स्टेशनों में दर्ज दो एफआईआर के आधार पर शुरू की थी. एफआईआर में आरोप लगाया गया है कि टेकचंदानी सहित कई अन्य लोगों ने मिलकर मेसर्स सुप्रीम कंस्ट्रक्शन एंड डेवलपर प्राइवेट लिमिटेड ने नवी मुंबई के तलोजा में एक हाउसिंग प्रोजेक्ट के लिए घर खरीदने वालों से पैसे लिए थे. मार्च 2024 में ललित टेकचंदानी की गिरफ्तारी की गई थी और वह फिलहाल न्यायिक हिरासत में है. 

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NCR में तेजी के साथ उभर रहा सोनीपत, अगर घर लेने का है प्लान जानें क्या कहतें हैं Real Estate एक्सपर्ट

सोनीपत एक उभरते हुए रियल एस्टेट हब के तौर पर तेजी के साथ उभर रहा है. दिल्ली के उत्तरी किनारे पर रणनीतिक रूप से स्थित सोनीपत तेजी से बढ़ते औद्योगिक परिदृश्य और बेहतर बुनियादी ढांचे के साथ, टियर-2 शहर से निवेशकों और व्यवसायों के लिए एक पसंदीदा गंतव्य में बदल रहा है. कुंडली-मानेसर-पलवल (केएमपी) एक्सप्रेसवे, प्रस्तावित रैपिड रेल ट्रांजिट सिस्टम (आरआरटीएस) और हाल ही में दिल्ली से सोनीपत तक मेट्रो विस्तार की मंजूरी जैसे राजमार्गों के माध्यम से बढ़ी हुई कनेक्टिविटी ने शहर के आकर्षण को और बढ़ा दिया है.

सोनीपत का आकर्षण इसकी सस्ती संपत्ति की कीमतों और रहने की कम लागत से उपजा है, जो इसे मध्यम आय वाले आवास और वाणिज्यिक विकास के लिए एक आशाजनक गंतव्य के रूप में स्थापित करता है. दिल्ली-मुंबई औद्योगिक गलियारे (डीएमआईसी) के हिस्से के रूप में योजनाबद्ध स्मार्ट औद्योगिक पार्क और लॉजिस्टिक्स हब सहित हाल ही में बुनियादी ढांचे में प्रगति बड़े पैमाने पर निवेश ला रही है. ₹18,000 करोड़ की लागत से बनने वाला मारुति सुजुकी का आगामी विनिर्माण संयंत्र रोजगार को बढ़ावा देगा और कुशल कार्यबल को आकर्षित करेगा, जिससे आवासीय और वाणिज्यिक दोनों संपत्तियों की मांग बढ़ेगी.

डेटा एनालिटिक्स फर्म प्रॉपइक्विटी के अनुसार, बढ़ते उपभोक्ता विश्वास और आर्थिक लचीलेपन को दर्शाते हुए, भारत के टॉप 30 टियर II शहरों में हाउसिंग सेल्स वित्तीय वर्ष 2023-24 में 11 प्रतिशत बढ़कर लगभग 2.08 लाख यूनिट्स हो गई. बिक्री में यह वृद्धि आर्थिक विकास, बुनियादी ढांचे में प्रगति और मध्यम वर्ग के परिवारों में घर खरीदने की बढ़ती इच्छा सहित कई कारकों से प्रेरित रेजिडेंशियल प्रॉपर्टी की मजबूत मांग को रेखांकित करती है.

नॉर्थ जोन में हाउसिंग सेल्स – भिवाड़ी, जयपुर, मोहाली, लखनऊ, भोपाल, चंडीगढ़, देहरादून, लुधियाना, आगरा, सोनीपत, पानीपत और अमृतसर में हाउसिंग यूनिट्स ने 2023-24 में 26,308 यूनिट्स की बिक्री देखी गई, जो 2022-23 में 24,273 घरों से 8% अधिक है.

शहर के विकसित होते परिदृश्य पर टिप्पणी करते हुए, हीरो रियल्टी के सीईओ मधुर गुप्ता कहते हैं, “रणनीतिक रूप से स्थित सोनीपत अपने बेहतरीन बुनियादी ढांचे के साथ एनसीआर क्षेत्र में रियल एस्टेट पावरहाउस के रूप में तेजी से उभर रहा है. केएमपी एक्सप्रेसवे और आगामी दिल्ली-मुंबईइंडस्ट्रियल कॉरीडोर, उत्तर भारत में एक प्रमुख शिक्षा केंद्र के रूप में सोनीपत की स्थिति के अलावा, इसके विकास को और बढ़ावा दे रहे हैं. आगामी रैपिड रेल ट्रांजिट सिस्टम कनेक्टिविटी को बढ़ाएगा, जिससे एनसीआर रियल एस्टेट परिदृश्य में सोनीपत की प्रमुख भूमिका मजबूत होगी. पिछले साल की शुरुआत में, हीरो रियल्टी ने सोनीपत में अपना प्लॉटेड डेवलपमेंट प्रोजेक्ट, हीरो अर्थ स्वर्णपथ लॉन्च किया था, और खरीदारों से सकारात्मक प्रतिक्रिया पाकर अभिभूत है. इस क्षेत्र की अपार संभावनाएं और हाल के वर्षों में महत्वपूर्ण पूंजी वृद्धि इसे एक आशाजनक निवेश अवसर बनाती है. हम इस क्षेत्र में निरंतर विकास की उम्मीद करते हैं.”

रॉयल ग्रीन रियल्टी के मैनेजिंग डायरेक्टर यशांक वासन ने कहा, “सोनीपत जैसे टियर-2 शहरों में संगठित रियल एस्टेट बाजार का उदय हुआ है, जिससे शहर के लिए उल्लेखनीय वृद्धि और विकास की संभावनाएं पैदा हुई हैं. इस बदलते परिवेश में, दूर से काम करने के बढ़ते चलन के साथ-साथ, सोनीपत वहनीयता और जीवन की गुणवत्ता का एक आकर्षक संयोजन प्रस्तुत करता है. घर खरीदने वाले लोग हरे-भरे इलाकों में बसे इसके विशाल घरों की ओर आकर्षित होते हैं, जो भीड़-भाड़ वाले शहरी इलाकों से एक स्वागत योग्य पलायन प्रदान करते हैं. आगामी रैपिड रेल ट्रांजिट सिस्टम व्यापक एनसीआर क्षेत्र में कनेक्टिविटी को और बढ़ाएगा, जिससे रियल एस्टेट बाजार में एक की प्ल्येयर के रूप में सोनीपत की स्थिति मजबूत होगी.”

विकसित होते बाजार की गतिशीलता पर टिप्पणी करते हुए, नियोलिव के फाउंडर एंड सीईओ मोहित मल्होत्रा ने कहा, “नियोलिव एक दूरदर्शी लोकाचार को अपनाता है, जहाँ नवाचार और अवसर एक दूसरे से मिलते हैं. हमारा मानना है कि सोनीपत जैसे नए युग के शहर भविष्य की आर्थिक गतिशीलता के केंद्र बनेंगे. उनका आकर्षण सामर्थ्य, पहुँच और जीवनशैली सुविधाओं के सामंजस्यपूर्ण मिश्रण में निहित है, जो रहने के नए आरामदायक आश्रय प्रदान करते हैं. जैसे-जैसे रहने की प्राथमिकताएँ विकसित होती हैं और सरकारी पहल जड़ पकड़ती हैं, ये शहर रियल एस्टेट की कहानी को नया रूप देने के लिए विशिष्ट रूप से तैयार हैं, जो निवेशकों, घर के मालिकों और व्यवसायों को समान रूप से आकर्षित करते हैं. सोनीपत बेल्ट के आसपास के क्षेत्र में आने वाले मारुति सुजुकी प्लांट जैसे बड़े वैश्विक स्तर के उद्योगों के उभरने के साथ, ये स्थान मध्यम आय वाले आवास परियोजनाओं और प्लॉट किए गए विकास की मांग को बढ़ाने के लिए तैयार हैं, जो जीवंत आवासीय पड़ोस में बदल रहे हैं”

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ATM निकासी से लेकर LPG कीमतें तक… 1 अप्रैल से होने जा रहे ये बड़े बदलाव, आपकी जेब पर होगा सीधा असर

अगले वित्त वर्ष यानी 1 अप्रैल 2025 में कई बड़े बदलाव होने जा रहे हैं, जिसका आपकी जेब पर सीधा असर होने जा रहा है. यानी घर की रसोई से लेकर बैंक एकाउंट और क्रेडिट कार्डधारकों तक सभी पर इसका असर पड़ने जा रहा है. सबसे पहले बैंक एकाउंट्स और क्रेडिट के बारे में जानते हैं कि क्या कुछ बदलाव होने जा रहा है. 

क्रेडिट कार्ड पर बदलाव

क्रेडिट कार्डधारकों के लिए अगले वित्त वर्ष में कई ऐसे बदलाव होने जा रहे हैं, जो इससे इस्तेमाल करने वालों पर असर डाल सकते हैं. एक तरफ से एबीआई से सिम्पली क्लिक क्रेडिट कार्ड ने स्विगी रिवॉर्ड के प्वाइंट्स को 10 गुणा से घटाकर 5 गुणा करने का एलान किया तो वहीं एयर इंडिया सिग्नेटर पॉइंट्स को 30 से कम कर 10 करने की घोषणा की है.

एलपीजी पर असर

तेल और गैंस वितरण कंपनियां हर महीने की पहले तारीख को रसोई गैस की कीमतों को रिवाइज करती है. ऐसे में अगले महीने की एक तारीख में इसमें आपको कुछ बदलाव देखने को मिल सकता है. हालांकि, लंबे समय से रसोई गैस की कीमतों में किसी तरह का इजाफा नहीं हुई है. लेकिन ऐसे उम्मीद की जा रही है कि नए वित्त वर्ष में रसोई गैस में कुछ राहत मिल सकती है. जबकि, बात अगर अगर गाड़ियों में इस्तेमाल होने वाली सीएनजी की कीमतों की करें तो कुछ बदलाव हो सकते हैं.

बैंक खातों से जुड़े बादलाव

स्टेट बैंक ऑफ इंडिया और पीएनबी समेत कई अन्य बैक ने मिनिमम बैंक बैलेंस में बदलाव कर रहे हैं. अब सेक्टर वाइज के आधार पर ही मिनिमम बैंलेंस की नई सीमा तय होगी और उन पर चार्च किया जाएगा. ऐसे में इसका सीधा बैंक खाता धारकों की जेब पर असर होगा.

गौरतलब है कि अलग-अलग बैंकों की इस वक्त मिनिमम बैंलेंस की सीमा अलग अलग है. अगर उस मिनिमम बैलेंस के नियमों का पालन नहीं किया जाता है, तो बैंक खाताधारकों पर फाइन लगाया जाता है. इसमें आगे कुछ बदलाव हो सकता है.

बंद होंगे कई यूपीआई एकाउंट्स

आजकल पेमेंट के लिए यूपीआई काफी चलन में है. लेकिन ऐसे मोबाइल नंबर जो यूपीआई एकाउंट्स से तो जुड़े हैं लेकिन वे एक्टिव नहीं है तो उसे 1 अप्रैल से बंद कर दिया जाएगा. इसके साथ ही, उसे बैंक के रिकॉर्ड से भी हटा दिया जाएगा. मतलब ये कि आपका कोई मोबाइल नंबर यूपीआई से तो जुड़ा है, लेकिन उसका इस्तेमाल नहीं किया जा रहा है तो फिर उसे बंद कर दिया जाएगा.

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