इस बैंक में नौकरी करते थे नई सीएम रेखा गुप्ता के पिता, हरियाणा से दिल्ली आने का यही था कारण

भारतीय जनता पार्टी ने दिल्ली के नए सीएम के नाम को लेकर घोषणा कर दी है. दिल्ली का नया सीएम रेखा गुप्ता को बनाया जाएगा. ऐसे में हम आपको बताते हैं कि हरियाणा की रेखा गुप्ता दिल्ली कैसे पहुंची. इसके साथ ही उन्होंने अपना सफर राजनीति में कैसे और कब शुरू किया. रेखा गुप्ता, जो आज दिल्ली की शालीमार बाग विधानसभा सीट से विधायक हैं, भारतीय जनता पार्टी के महत्वपूर्ण चेहरों में से एक हैं. रेखा गुप्ता न केवल एक वरिष्ठ नेता हैं, बल्कि वह दिल्ली भाजपा की महासचिव और भाजपा महिला मोर्चा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष के पद पर भी कार्यरत हैं. 

इस वजह से हरियाणा से दिल्ली पहुंची थीं रेखा गुप्ता    

50 वर्षीय रेखा गुप्ता का जन्म 1974 में हरियाणा के जींद जिले के नंदगढ़ गांव में हुआ था. उनके पिता स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) में अधिकारी के पद पर कार्यरत थे. रेखा का परिवार 1976 में दिल्ली शिफ्ट हो गया, जब वह केवल दो साल की थीं. दिल्ली में आकर रेखा ने अपनी शिक्षा की शुरुआत की और यहीं से उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा से लेकर उच्च शिक्षा तक का सफर तय किया.

दिल्ली यूनिवर्सिटी की रह चुकी हैं छात्र संघ की अध्यक्ष 

रेखा गुप्ता दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (DUSU) की पूर्व अध्यक्ष और महासचिव रह चुकी हैं. इसके साथ ही वह दिल्ली बीजेपी महिला मोर्चा की महासचिव भी रह चुकी हैं और पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी समिति की सदस्य भी रही हैं. रेखा गुप्ता ने 1992 में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के सदस्य के रूप में अपनी राजनीतिक यात्रा शुरू की थी. 1996-97 में वह दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (DUSU) की अध्यक्ष बनीं, जहां उन्होंने छात्र मामलों को लेकर कई अहम मुद्दों को उठाया. 

2007 में पहली बार बनी थीं पार्षद, रह चुकी हैं मेयर  

2007 में वह उत्तर पश्चिमी दिल्ली के पीतमपुरा से पार्षद चुनी गईं और वहां पर लाइब्रेरी, पार्क और स्विमिंग पूल जैसी सार्वजनिक सुविधाओं में सुधार किया. 2012 में भी उन्हें फिर से चुना गया और बाद में वह दक्षिण दिल्ली नगर निगम (SDMC) की महापौर भी बनीं, जहां उन्होंने प्रशासनिक अनुभव हासिल किया. 

महिलाओं को उच्च शिक्षा दिलाने में की थी मदद 

रेखा गुप्ता ने “सुमेधा योजना” भी शुरू की, जिसका उद्देश्य आर्थिक रूप से कमजोर महिला छात्रों को उच्च शिक्षा प्राप्त करने में मदद करना था. महिला कल्याण और बाल विकास समिति की प्रमुख के रूप में उन्होंने महिला सशक्तिकरण के लिए कई पहल कीं. रेखा गुप्ता ने हमेशा समाज के पिछड़े वर्गों और महिलाओं के लिए काम किया है और उनकी सशक्तिकरण की दिशा में कई योजनाएं चलाई हैं. उनका समाज सेवा में योगदान उनके परिवार की सार्वजनिक कल्याण में रुचि से प्रेरित रहा है. 

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कलिंगा इंस्टीट्यूट ऑफ इंडस्ट्रियल टेक्नोलॉजी में होते हैं कौन-कौन से कोर्स, जहां नेपाली छात्रा ने किया सुसाइड?

ओड़िशा में स्थित कलिंगा इंस्टीट्यूट ऑफ इंडस्ट्रियल टेक्नोलॉजी (KIIT) में एक नेपाली छात्रा ने आत्महत्या कर ली. छात्रा का शव हॉस्टल के कमरे में मिला. मामले में पुलिस की कार्रवाई जारी है. इस संस्थान की ओर से तमाम कोर्स ऑफर किए जाते हैं. आइए जानते हैं इस संस्थान में कौन-कौन से कोर्स कराए जाते हैं.

ग्रेजुएट कोर्स

कलिंगा इंस्टीट्यूट ऑफ इंडस्ट्रियल टेक्नोलॉजी में ग्रेजुएट से लेकर पीएचडी तक कई कोर्स चलाए जाते हैं. ग्रेजुएट प्रोग्राम की बात करें तो बी.टेक (4 वर्ष), बायोटेक्नोलॉजी (डुअल डिग्री – बी.टेक और एम.टेक) (5 वर्ष), बी.एससी नर्सिंग (4 वर्ष), बीए एलएलबी, बीबीए एलएलबी, बीएससी एलएलबी (5 वर्ष), बीबीए (3 वर्ष), बीसीए (3 वर्ष), बीएससी, बैचलर ऑफ डिजाइन (फैशन/टेक्सटाइल) (4 वर्ष), बैचलर इन फिल्म एंड टेलीविजन प्रोडक्शन (3 वर्ष), बैचलर ऑफ आर्किटेक्चर (5 वर्ष), बी.टेक (लेट्रल एंट्री) (3 वर्ष), बैचलर ऑफ कम्युनिकेशन एंड जर्नलिज्म (3 वर्ष), बैचलर ऑफ आर्ट्स (बी.ए.), बी.डिजाइन, बी.फार्मा, डी.फार्मा और बी.कॉम जैसे कोर्स मौजूद हैं.  

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पोस्ट ग्रेजुएट कोर्स

उधर पोस्ट ग्रेजुएट प्रोग्राम की बात करें तो संस्थान की तरफ से एमसीए (2 वर्ष), एम.टेक (2 वर्ष), एम.एससी (बायोटेक्नोलॉजी / एप्लाइड माइक्रोबायोलॉजी) (2 वर्ष), एम.डिजाइन (इंटीरियर डिजाइन), एम.एससी नर्सिंग (2 वर्ष), एमबीए, एमबीए (रूरल मैनेजमेंट), एमबीए (एग्रीबिजनेस मैनेजमेंट), एलएलएम (1 वर्ष), मास्टर ऑफ पब्लिक हेल्थ (2 वर्ष), मास्टर ऑफ हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन (2 वर्ष), मास्टर ऑफ लाइब्रेरी एंड इंफॉर्मेशन साइंस (एम.लिब.आई.एससी) (2 वर्ष), एम.एससी (कंप्यूटर साइंस), मास्टर इन स्पोर्ट्स एंड योगिक साइंसेज (2 वर्ष), एमए इन इकोनॉमिक्स, एमए इन सोशियोलॉजी, एमए इन इंग्लिश, एमए साइकोलॉजी (ऑनर्स), एम.आर्क (अर्बन डिजाइन), मास्टर ऑफ कम्युनिकेशन एंड जर्नलिज्म (2 वर्ष) और एम.एससी (फिजिक्स / केमिस्ट्री / मैथमैटिक्स एंड डेटा साइंसेज) (2 वर्ष) जैसे कोर्स उपलब्ध हैं. साथ ही संस्थान की तरफ से पीएचडी भी कराई जाती है.

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NIRF में अच्छी रैंकिंग

कलिंगा इंस्टीट्यूट ऑफ इंडस्ट्रियल टेक्नोलॉजी की तरफ से विभिन्न स्कॉलरशिप भी छात्र-छात्राओं के लिए उपलब्ध हैं. साल 2024 में कलिंग इंस्टीट्यूट ऑफ इंडस्ट्रियल टेक्नोलॉजी (KIIT) को भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय की तरफ से जारी नेशनल इंस्टीट्यूशनल रैंकिंग फ्रेमवर्क (NIRF) में भारतीय विश्वविद्यालयों में 15वां स्थान प्राप्त हुआ था. कलिंग इंस्टीट्यूट ऑफ इंडस्ट्रियल टेक्नोलॉजी (KIIT) को टाइम्स हायर एजुकेशन की तरफ से 2023 में एशिया के सर्वश्रेष्ठ विश्वविद्यालयों की रैंकिंग में 147वां स्थान प्राप्त हुआ था.

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Assistant Professor Jobs 2025: 400 से ज्यादा पदों पर होगी असिस्टेंट प्रोफेसर की भर्ती, लाखों में है सैलरी, ऐसे करें अप्लाई

उत्तराखंड सरकार ने राज्य के सरकारी मेडिकल कॉलेजों में असिस्टेंट प्रोफेसर के 439 खाली पदों को भरने का ऐलान किया है. राज्य के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने यह जानकारी दी और बताया कि चिकित्सा शिक्षा विभाग ने इन पदों पर भर्ती के लिए प्रस्ताव उत्तराखंड चिकित्सा सेवा चयन बोर्ड (UKMSSB) को भेज दिया है. यह कदम राज्य में मेडिकल कॉलेजों में फैकल्टी की कमी को दूर करने के लिए उठाया गया है.

पदों की संख्या और आरक्षण

स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि 439 पदों में से 218 पद जनरल केटेगरी के लिए, 112 पद अनुसूचित जाति (SC) के लिए, 9 पद अनुसूचित जनजाति (ST) के लिए, 68 पद ओबीसी के लिए और 32 पद आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) के लिए आरक्षित किए गए हैं. इस प्रकार, अलग-अलग वर्गों के लिए उचित आरक्षण सुनिश्चित किया गया है, ताकि विभिन्न जातियों और वर्गों के योग्य उम्मीदवार इन पदों पर आवेदन कर सकें.

इन विभागों में होनी है नियुक्ति

डॉ. रावत ने यह भी बताया कि राज्य के विभिन्न मेडिकल कॉलेजों के दो दर्जन से ज्यादा विभागों में असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति की जाएगी. इनमें से कुछ प्रमुख विभाग में एनेस्थीसिया, एनाटॉमी, बायोकेमिस्ट्री, ब्लड बैंक, कम्युनिटी मेडिसिन, डेंटिस्ट्री, डर्मेटोलॉजी, इमरजेंसी मेडिसिन, फॉरेंसिक मेडिसिन, जनरल मेडिसिन, जनरल सर्जरी, माइक्रोबायोलॉजी, गायनी, ऑप्थेल्मोलॉजी, ऑर्थोपेडिक्स, ओटो राइनो लैरिंजोलॉजी, पैथोलॉजी, पीडियाट्रिक्स, फार्माकोलॉजी, फिजिकल मेडिसिन और रिहेबिलिटेशन, फिजियोलॉजी, साइकैट्रिस्ट, रेडियोडाइग्नोसिस, रेडियोथेरेपी, और रेस्पिरेटरी जैसे महत्वपूर्ण विभाग शामिल हैं. इसके अलावा, डॉ. रावत ने चिकित्सा शिक्षा निदेशक को निर्देश दिया कि प्रिंसिपल्स और एसोसिएट प्रोफेसर के प्रोन्नति के पदों को भी जल्द से जल्द भरा जाए.

ये है भर्ती का शेड्यूल

इस भर्ती का शॉर्ट नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया है और भर्ती से संबंधित विस्तृत जानकारी 19 फरवरी 2025 को जारी की जाएगी. इसके बाद, 1 मार्च 2025 से ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया शुरू होगी और आवेदन की लास्ट डेट 21 मार्च 2025 होगी. साथ ही आवेदन शुल्क भी 21 मार्च तक जमा किया जा सकेगा.

इस पद पर लाखों रुपये तक की है सैलरी 

उत्तराखंड मेडिकल कॉलेजों में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर नियुक्त होने वाले उम्मीदवारों को वेतनमान लेवल-11 के तहत 67,700 रुपये से लेकर 2,08,700 रुपये तक मिलेगा. यह सरकारी टीचिंग पदों पर नौकरी पाने के इच्छुक उम्मीदवारों के लिए एक बेहतरीन अवसर हो सकता है. अगर आप भी इस भर्ती में आवेदन करना चाहते हैं, तो उत्तराखंड चिकित्सा सेवा चयन बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर पूरी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं.

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शिक्षा में डिजिटल क्रांति के लिए इस राज्य ने लॉन्च किए नए पोर्टल, जानें कैसे होगा काम  

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मंगलवार को राज्य में उच्च एवं तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए छह नए पोर्टल लॉन्च किए. इन पोर्टलों के माध्यम से विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में प्रशासनिक कार्यों को सुचारू और पारदर्शी बनाया जाएगा. इसके साथ ही, मुख्यमंत्री ने रांची विज्ञान केंद्र में नवाचार केंद्र का उद्घाटन किया और प्रस्तावित रांची विश्वविद्यालय परिसर एवं साइंस सिटी के मॉडल का अनावरण भी किया.

उच्च शिक्षा को नई दिशा

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इस अवसर पर कहा कि झारखंड उच्च शिक्षा के क्षेत्र में एक नई दिशा की ओर बढ़ रहा है. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा हम उच्च शिक्षा को आधुनिक और सरल बनाने की दिशा में काम कर रहे हैं. उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग के तहत आने वाले सभी विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों के कामकाज को डिजिटल माध्यम से सुलभ बनाने के लिए इन ऑनलाइन सुविधाओं की शुरुआत की गई है.

छह नए पोर्टल से होगी प्रशासनिक कार्यों में पारदर्शिता

राज्य सरकार द्वारा लॉन्च किए गए ये छह पोर्टल विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों के प्रशासनिक और शैक्षणिक कार्यों को बेहतर बनाएंगे. इन पोर्टलों की मदद से शिक्षकों एवं छात्रों को कई सुविधाएं ऑनलाइन उपलब्ध होंगी, जिससे शिक्षा प्रणाली अधिक प्रभावी और पारदर्शी बनेगी.

  • वेतन निर्धारण एवं सत्यापन पोर्टल
  • सीएम फेलोशिप योजना
  • प्रशिक्षुता प्रबंधन प्रणाली
  • निजी विश्वविद्यालय प्रबंधन प्रणाली
  • गैर-वित्तपोषित महाविद्यालय अनुदान पोर्टल
  • शिक्षण प्रबंधन प्रणाली

रांची विश्वविद्यालय का नया परिसर और साइंस सिटी का निर्माण

इस अवसर पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने रांची विश्वविद्यालय के नए भवन के मॉडल का भी अनावरण किया. सरकारी विज्ञप्ति के अनुसार, विश्वविद्यालय का नया अत्याधुनिक परिसर 87 एकड़ भूमि पर चेदी में विकसित किया जाएगा. इस पर 1,100 करोड़ रुपये की लागत आएगी और यह परिसर 30,000 विद्यार्थियों को विश्वस्तरीय शिक्षा सुविधाएं प्रदान करेगा.

इसके साथ ही, राज्य सरकार ने रांची स्थित क्षेत्रीय विज्ञान केंद्र को साइंस सिटी में अपग्रेड करने की योजना बनाई है. इस परियोजना पर 270 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे और यह 25 एकड़ भूमि में विकसित होगी. इसके निर्माण से वैज्ञानिक पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और छात्रों के लिए एक नया सीखने का केंद्र बनेगा.

राज्य में शिक्षा को नई ऊंचाइयां देने की पहल

झारखंड सरकार का यह कदम राज्य के शिक्षा क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण सुधार की दिशा में देखा जा रहा है. डिजिटल पोर्टलों की शुरुआत और नए शैक्षणिक परिसर के निर्माण से विद्यार्थियों एवं शिक्षकों को आधुनिक सुविधाओं का लाभ मिलेगा. इससे न केवल शिक्षा व्यवस्था को मजबूती मिलेगी बल्कि शोध और नवाचार को भी प्रोत्साहन मिलेगा.

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UPSC CSE 2025 के लिए अब इस डेट तक कर सकते हैं अप्लाई, एक क्लिक में पढ़ें पूरी डिटेल्स

जो उम्मीदवार यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा 2025 के लिए आवेदन नहीं कर सके थे, उनके लिए जरूरी खबर है. आयोग ने एक फिर से परीक्षा के लिए आवेदन करने की लास्ट डेट को आगे बढ़ा दिया है. अब उम्मीदवार 21 फरवरी, 2025 तक ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं. यूपीएससी ने अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर एक नोटिस जारी कर यह जानकारी दी.

आयोग ने यह भी बताया कि सिविल सेवा परीक्षा (प्रारंभिक)-2025 और भारतीय वन सेवा (प्रारंभिक)-2025 के लिए आवेदन जमा करने की समयसीमा 21 फरवरी 2025 शाम 6 बजे तक रहेगी. यह दूसरी बार है जब यूपीएससी ने आवेदन की अंतिम डेट को आगे बढ़ा दिया है. इससे पहले आयोग ने आवेदन की अंतिम तिथि 11 फरवरी 2025 तय की थी, जिसे बाद में बढ़ाकर 18 फरवरी 2025 कर दिया गया था. अब इसे फिर से बढ़ाकर 21 फरवरी 2025 कर दिया गया है. उम्मीदवारों के लिए 22 फरवरी 2025 से 28 फरवरी 2025 तक सुधार विंडो भी खोली जाएगी, जिसमें वे अपने आवेदन में आवश्यक संशोधन कर सकते हैं.

परीक्षा का आयोजन

सिविल सेवा परीक्षा 2025 की अधिसूचना जनवरी में जारी की गई थी. यूपीएससी के मुताबिक सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा 25 मई 2025 को आयोजित की जाएगी. इस परीक्षा के माध्यम से 979 पदों पर भर्ती की जाएगी, जिनमें से 38 पद बेंचमार्क विकलांगता श्रेणी के लिए रिजर्व्ड हैं.

यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा भारत की सबसे प्रतिष्ठित परीक्षाओं में से एक है, जिसके माध्यम से भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस), भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) और भारतीय विदेश सेवा (आईएफएस) सहित अन्य केंद्रीय सेवाओं के लिए चयन किया जाता है. उम्मीदवारों को प्रारंभिक परीक्षा, मुख्य परीक्षा और साक्षात्कार के तीन चरणों से गुजरना होगा.

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ऑनलाइन आवेदन प्रणाली में बदलाव

यूपीएससी ने हाल ही में ऑनलाइन आवेदन प्रणाली में कुछ बदलाव भी किए हैं. कुछ उम्मीदवारों ने आवेदन प्रक्रिया के दौरान तकनीकी समस्याओं की शिकायत की थी, जिसके बाद आयोग ने इसे और सुचारू बनाने के लिए आवश्यक सुधार किए हैं. उम्मीदवार आधिकारिक वेबसाइट upsconline.gov.in के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं.

कैसे करें आवेदन?

जो भी उम्मीदवार यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा 2025 में शामिल होना चाहते हैं, वे जल्द से जल्द आवेदन कर लें. आवेदन करने के लिए upsconline.gov.in पर जाएं और आवश्यक विवरण भरकर फॉर्म सबमिट करें.

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फैशन की दुनिया में बनना है धुरंधर तो एडमिशन के लिए बेस्ट हैं ये कॉलेज, कोर्स-फीस समेत जानें हर बात

फैशन इंडस्ट्री में करियर बनाने का सपना देख रहे हैं? यह क्षेत्र ग्लैमर, क्रिएटिविटी और बेहतरीन अवसरों से भरा हुआ है. लेकिन इस इंडस्ट्री में कदम रखने के लिए सही कॉलेज और कोर्स का चयन बेहद जरूरी है.

यदि आपको फैशन की दुनिया में नाम कमाना है और एक सफल करियर बनाना है, तो सही कॉलेज और कोर्स का चुनाव बेहद आवश्यक है. देश में कई टॉप फैशन संस्थान हैं, जो क्रिएटिविटी और प्रोफेशनल स्किल्स को निखारने के लिए बेहतरीन शिक्षा देते हैं. यहां से पढ़ाई करने के बाद फैशन डिजाइनर, स्टाइलिस्ट, टेक्सटाइल एक्सपर्ट जैसे फील्ड में बेहतरीन करियर बनाया जा सकता है. आइए जानते हैं देश के टॉप फैशन कॉलेज, उनके कोर्स और फीस के बारे में.

नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फैशन टेक्नोलॉजी (NIFT)

नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फैशन टेक्नोलॉजी (NIFT) भारत में फैशन एजुकेशन के लिए सबसे टॉप संस्थान माना जाता है. देशभर में इसके 18 कैंपस हैं. यहां से पढ़ाई करने के बाद स्टूडेंट्स को बड़े ब्रांड्स और फैशन इंडस्ट्री में काम करने का मौका मिलता है.

संस्थान में बैचलर ऑफ डिजाइन (B.Des), मास्टर ऑफ डिजाइन (M.Des), फैशन मैनेजमेंट जैसे कोर्स कराए जाते हैं. इस कोर्स की अवधि 3-4 साल (अंडर ग्रेजुएट), 2 साल (पोस्ट ग्रेजुएट) है. फीस करीब 3-6 लाख रुपये से प्रति वर्ष है. एडमिशन प्रोसेस की बात करें तो NIFT एंट्रेंस एग्जाम के आधार पर दाखिला मिलता है.

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पर्ल एकेडमी (Pearl Academy)

पर्ल एकेडमी भारत के प्राइवेट फैशन संस्थानों में एक बड़ा नाम है. यहां फैशन डिजाइन से लेकर मीडिया तक के कोर्स ऑफर किए जाते हैं. इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स से ट्रेनिंग और इंटरनेशनल एक्सपोजर इसकी खासियत है. यहां फैशन डिजाइन, कम्युनिकेशन डिजाइन, स्टाइलिंग जैसे कोर्स कराए जाते हैं. कोर्स की अवधि 3-4 साल (अंडर ग्रेजुएट), 2 साल (पोस्ट ग्रेजुएट) है. फीस की बात करें करीब 4-8 लाख रुपये प्रति वर्ष है. पर्ल एकेडमी एंट्रेंस टेस्ट और इंटरव्यू के जरिए दाखिला मिलता है.

एमिटी स्कूल ऑफ फैशन टेक्नोलॉजी

एमिटी यूनिवर्सिटी का यह विभाग फैशन डिजाइन, टेक्नोलॉजी और मार्केटिंग में आधुनिक शिक्षा देता है. यहां छात्रों को थ्योरी और प्रैक्टिकल दोनों में विशेषज्ञता दी जाती है. बैचलर ऑफ फैशन डिजाइन, फैशन टेक्नोलॉजी जैसे कोर्स कराए जाते हैं. कोर्स की अवधि 3-4 साल है. फीस करीबन 3-6 लाख रुपये सालाना है. मेरिट और इंटरव्यू के आधार पर चयन किया जाता है.

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राजस्थान में निकली लेक्चरर के पदों पर भर्ती, जानें कौन और कब तक कर सकता है अप्लाई

राजस्थान पब्लिक सर्विस कमीशन (RPSC) ने सरकारी टीचर बनने का सपना देख रहे अभ्यर्थियों के लिए एक महत्वपूर्ण भर्ती निकाली है. RPSC ने आठ विभिन्न विषयों के लिए लेक्चरर पदों पर आवेदन आमंत्रित किए हैं.

इस भर्ती के लिए ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया 20 फरवरी 2025 से शुरू होगी. इच्छुक उम्मीदवार RPSC की आधिकारिक वेबसाइट rpsc.rajasthan.gov.in या SSO पोर्टल sso.rajasthan.gov.in पर जाकर आवेदन कर सकते हैं. आवेदन की अंतिम डेट 21 मार्च 2025 निर्धारित की गई है.

जरूरी पात्रता

इस भर्ती में भाग लेने के लिए उम्मीदवारों को मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय या संस्थान से आयुर्वेद में पोस्ट ग्रेजुएशन डिग्री होनी चाहिए. साथ ही उम्मीदवार की आयु 20 से 45 वर्ष के बीच होनी चाहिए. आरक्षित श्रेणियों के उम्मीदवारों को सरकारी नियमों के अनुसार आयु में छूट दी जाएगी. इस भर्ती के लिए शैक्षिक योग्यता और आयु सीमा के अलावा अन्य मापदंडों का पालन करना जरूरी होगा.

इतना देना होगा आवेदन शुल्क

भर्ती के लिए आवेदन करने वाले कैंडिडेट्स को आवेदन शुल्क का भुगतान करना होगा. आवेदन पत्र भरते समय उम्मीदवारों को निर्धारित शुल्क का भुगतान करना होगा. सामान्य (अनारक्षित), पिछड़ा वर्ग क्रीमी लेयर और अति पिछड़ा वर्ग क्रीमी लेयर के उम्मीदवारों के लिए आवेदन शुल्क 600 रुपये है. वहीं, अनुसूचित जाति (SC), अनुसूचित जनजाति (ST), पिछड़ा वर्ग नॉन क्रीमी लेयर (OBC NCL), अति पिछड़ा वर्ग नॉन क्रीमी लेयर और दिव्यांग उम्मीदवारों के लिए शुल्क 400 रुपये रखा गया है.

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परीक्षा पैटर्न

इस भर्ती में उम्मीदवारों का चयन लिखित परीक्षा के आधार पर किया जाएगा. लिखित परीक्षा में कुल 150 बहुविकल्पीय प्रश्न पूछे जाएंगे. प्रत्येक प्रश्न के लिए 1 अंक निर्धारित किया जाएगा. परीक्षा को दो भागों में विभाजित किया गया है:

  • पार्ट A: राजस्थान जनरल नॉलेज से 40 प्रश्न
  • पार्ट B: संबंधित विषय से 110 प्रश्न

चयन प्रक्रिया

उम्मीदवारों को परीक्षा में कुल 2 घंटे 30 मिनट का समय मिलेगा. ध्यान देने वाली बात यह है कि इस परीक्षा में माइनस मार्किंग का प्रावधान भी है. यानी प्रत्येक गलत उत्तर के लिए 1/3 अंक की कटौती की जाएगी. इसलिए उम्मीदवारों को प्रश्न पत्र हल करते समय सावधानी बरतने की आवश्यकता होगी.

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UNESCO: दुनिया के 40% एजुकेशन सिस्टम में स्मार्टफोन पर बैन, भारत में अब तक कोई कानून नहीं

दुनिया भर में कम से कम 79 शिक्षा प्रणालियों ने स्कूलों में स्मार्टफोन पर बैन लगा दिया है, क्योंकि कई देशों में बच्चों के शिक्षा पर स्मार्टफोन के प्रभाव और उनकी कॉन्फिडेंशियल डाटा को लेकर बहस जारी है. यूनेस्को की ग्लोबल एजुकेशन मॉनिटरिंग (GEM) टीम के अनुसार, 2023 के अंत तक 60 शिक्षा प्रणालियों ने विशेष कानूनों या नीतियों के तहत स्कूलों में स्मार्टफोन पर बैन लगा दिया था, जो कुल रजिस्टर्ड शिक्षा प्रणालियों का 30 प्रतिशत है. 2024 के अंत तक, इसमें 19 और प्रणालियां जुड़ीं, जिससे कुल संख्या 79 (40 प्रतिशत) हो गई. भारत ने अभी तक शिक्षा संस्थानों में स्मार्टफोन के उपयोग पर कोई विशेष कानून या नीति नहीं बनाई है.

चीन और फ्रांस में डिजिटल ब्रेक 

कुछ बैन पिछले एक साल में और सख्त हो गए हैं. उदाहरण के तौर पर, चीन के झेंगझौ शहर ने प्राथमिक और माध्यमिक स्कूलों में फोन के उपयोग को और भी सख्त कर दिया, और अब माता-पिता से यह लिखित सहमति ली जाती है कि फोन शैक्षिक कारणों से जरूरी है. फ्रांस में, निचले माध्यमिक स्कूलों में ‘डिजिटल ब्रेक’ की सिफारिश की गई है, जो पहले से लागू अन्य शिक्षा स्तरों पर फोन पर बैन के साथ जोड़ा गया है. वहीं, सऊदी अरब ने स्वास्थ्य कारणों से विकलांगता समूहों के विरोध के बाद अपना बैन वापस ले लिया.

यूएस में 50 राज्यों में से 20 में अब स्मार्टफोन पर नियम लागू

यूएस में 50 राज्यों में से 20 में अब स्मार्टफोन पर नियम लागू हैं. उदाहरण के तौर पर, कैलिफोर्निया में Phone-Free School Act और फ्लोरिडा में K-12 कक्षाओं में फोन पर बैन है. इन नियमों में कुछ राज्यों में स्कूलों को यह तय करने की छूट दी गई है कि वे क्लास में फोन के उपयोग पर कौन सी नीति लागू करेंगे. इंडियाना में, उदाहरण के लिए, स्कूल बोर्ड को यह नीति तैयार करनी होती है कि क्या छात्र लंच के समय फोन का उपयोग कर सकते हैं और उल्लंघन करने पर क्या परिणाम होंगे. कुछ देशों में कॉन्फिडेंशियल चिंताओं के कारण शिक्षा सेटिंग्स से कुछ विशेष एप्लिकेशन को भी प्रतिबंधित किया गया है. डेनमार्क और फ्रांस ने Google Workspace पर बैन लगा दिया है, जबकि जर्मनी के कुछ राज्यों ने Microsoft उत्पादों पर बैन लगाया है.

स्कूली बच्चे मानसिक तौर पर नहीं तैयार 

रिस्ट्रिक्शन शिक्षा स्तर के अनुसार भिन्न होते हैं. अधिकतर देश प्राथमिक स्कूलों पर ध्यान केंद्रित करते हैं, जबकि कुछ देशों जैसे इजराइल ने किंडरगार्टन तक भी स्मार्टफोन के उपयोग पर बैन लगाया है. तुर्कमेनिस्तान ने तो इस बैन को माध्यमिक स्कूलों तक बढ़ा दिया है. आयरलैंड के सेंट पैट्रिक प्राइमरी स्कूल की प्रिंसिपल राचेल हार्पर ने कहा, ‘हमने देखा कि नौ साल के बच्चे भी स्मार्टफोन मांग रहे थे, और यह स्पष्ट था कि ये बच्चे इन उपकरणों और डिजिटल दुनिया के जटिलताओं को समझने के लिए मानसिक रूप से तैयार नहीं थे.’

16 प्रतिशत देशों ने शिक्षा में डेटा कॉन्फिडेंशियल 

इसके अलावा, जब कुछ एप्लिकेशन उपयोगकर्ता डेटा इकट्ठा करते हैं जो इन एप्लिकेशनों के काम करने के लिए जरूरी नहीं होता, तो कॉन्फिडेंशियल डाटा के मुद्दे भी उत्पन्न होते हैं. 2023 तक, केवल 16 प्रतिशत देशों ने शिक्षा में डेटा गोपनीयता को कानूनी रूप से सुनिश्चित किया था. एक रिसर्च के अनुसार, अगर छात्रों के पास मोबाइल फोन होता है, तो वह पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित नहीं कर पाते हैं. कुछ देशों में स्मार्टफोन को स्कूलों से हटाने से शिक्षा में सुधार देखा गया है, खासकर उन छात्रों के लिए जो अपनी कक्षा के अन्य छात्रों से कम प्रदर्शन कर रहे थे.

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CBSE Board Exam 2025: क्या लीक हो गए सीबीएसई बोर्ड परीक्षा के पेपर? बोर्ड ने जारी किया बयान; अफवाहों के प्रति किया अलर्ट 

CBSE Board Exam 2025: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) की 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाएं 15 फरवरी से शुरू हो चुकी हैं. परीक्षाओं का आयोजन 4 अप्रैल, 2025 तक होना है. इस बीच कई सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर दावा किया जा रहा है कि बोर्ड परीक्षा के पेपर लीक हो गए हैं. इस मामले पर सीबीएसई ने आधिकारिक बयान जारी किया है, जिसमें छात्रों व अभिभावकों को ऐसी सूचनाओं के प्रति अलर्ट किया गया है, साथ ही कानूनी कार्रवाई की चेतावनी भी दी गई है. 

केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की ओर आधिकारिक बयान जारी कर कहा गया है कि संज्ञान में आया है कुछ असमाजिक तत्वों द्वारा सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म यूट्यूब, फेसबुक, एक्स पर बोर्ड परीक्षाओं के पेपर लीक होने का दावा किया जा रहा है और पेपर्स को लेकर गलत जानकारी शेयर की जा रही है. सीबीएसई ने कहा है कि सोशल मीडिया पर किए जा रहे ऐसे सभी दावे निराधार हैं और इनका मकसद छात्रों और अभिभावकों के बीच अनाश्यक माहौल बनाना है. 

सीबीएसई ने दी कार्रवाई की चेतावनी

सीबीएसई ने कहा है कि बोर्ड परीक्षाओं के पेपर लीक होने वाली सभी सूचनाओं पर नजर रखी जा रही है और उनके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है. सीबीएसई ने अपने बयान में आगे कहा है कि बोर्ड ऐसे अपराधियों की पहचान करके उन पर मुकदमा चलाने के लिए कानून प्रवर्तन एजेंसियों के साथ मिलकर काम कर रहा है. ऐसी भ्रामक सूचनाएं फैलाने वाली गतिविधियों में शामिल असामाजिक तत्वों को भारतीय न्याय संहिता की धाराओं के तहत परिणाम भुगतने होंगे. 

सीबीएसई ने दिया निष्पक्ष परीक्षाएं आयोजित कराने का आश्वासन

सीबीएसई के सभी छात्रों और अभिभावकों को निष्पक्ष और नकलविहीन परीक्षाएं कराने का आश्वासन दिया है. साथ ही अपील की है कि वे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर किए जा रहे दावों पर विश्वास न करें और किसी तरह के भ्रम में नहीं आएं. बोर्ड की ओर से परीक्षाओं को सुचारू रूप से आयोजित कराने के लिए पर्याप्त इंतजाम किए गए हैं. 

मिल सकती है ये सजा 

बता दें, सीबीएसई के अनुचित साधनों के खिलाफ नियमों के अनुसार, परीक्षाओं को लेकर अफवाह फैलाने वाले छात्रों को सजा भी हो सकती है. नियम के अनुसार, सोशल मीडिया परीक्षा संबंधी कोई भी सामग्री साझा करना व झूठे दावे करना अपराध की श्रेणी में आता है. अपराध सिद्ध होने पर इस गतिविधि में शामिल छात्रों को वर्तमान और अगले 3 सालों तक सभी विषयों की परीक्षाओं में बैठने से रोका जा सकता है.

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देश में कितनी सेंट्रल यूनिवर्सिटीज, किसके दायरे में आती है कौन-सी यूनिवर्सिटी?

Education News: देश में हर वो छात्र जो उच्च शिक्षा पाना चाहता है उसकी इच्छा होती है कि वह किसी केंद्रीय विश्वविद्यालय से शिक्षा प्राप्त करे. कई सेंट्रल यूनिवर्सिटी में दाखिले के लिए आपको अच्छी परसेंटेज चाहिए होते हैं तो कई सेंट्रल यूनिवर्सिटी में दाखिले के लिए उनका खास एंट्रेंस टेस्ट देना अनिवार्य होता है. आज हम आपको बताएंगे कि भारत में कितने केंद्रीय विश्वविद्यालय हैं और किसके अंडर में आते हैं. भारत में कुछ प्रमुख केंद्रीय विश्वविद्यालय हैं. जिनमें जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी दिल्ली. जामिया मिल्लिया इस्लामिया नई दिल्ली. अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी अलीगढ़ और बनारस हिंदू विश्वविद्यालय शामिल हैं.

देश में कितने केंद्रीय विश्विद्यालय, किसके अधीन

आपको बता दें कि इस वक्त भारत में करीब 56 केंद्रीय विश्वविद्यालय मौजूद हैं. भारत में केंद्रीय विश्वविद्यालय केंद्र सरकार के अधीन आते हैं और इनका संचालन केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय (Ministry of Education) के अंडर में किया जाता है. इन विश्वविद्यालयों को संसद के अधिनियम (Act of Parliament) के तहत स्थापित किया जाता है और ये यूजीसी (University Grants Commission – UGC) के दिशा-निर्देशों के अनुसार काम करते हैं. इन विश्वविद्यालयों के प्रमुख कुलपति होते हैं जिनकी नियुक्ति भारत के राष्ट्रपति करते हैं. आमतौर पर कुलपति का कार्यकाल 5 साल का होता है या जब तक वे 70 वर्ष की उम्र तक नहीं पहुंचते. उन्हें सरकार विशेष स्थिति में वक्त से पहले भी हटा सकती है.

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ये हैं प्रमुख केंद्रीय विश्वविद्यालय

भारत में कुल 56 विश्वविद्यालय हैं जिनमें दाखिले के लिए अलग अलग कॉर्स के एंट्रेंस एग्जाम देने होते हैं. आइए आपको देश के कुछ प्रमुख और बड़े केंद्रीय विश्वविद्यालयों के बारे में बताते हैं. इन यूनिवर्सिटीज में दाखिला लेने हर छात्र का सपना होता है और इनमें दाखिले के लिए कड़ी मेहनत करनी होती है. यहां हॉस्टल से लेकर के मैस तक की सुविधा होती है. इन सभी का संचालन भारत सरकार की संस्थाएं करती हैं.

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU), दिल्ली
जामिया मिल्लिया इस्लामिया (JMI), नई दिल्ली
दिल्ली विश्वविद्यालय (DU)
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (AMU)
बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU)
हैदराबाद विश्वविद्यालय (UoH)
केंद्रीय विश्वविद्यालय अजमेर राजस्थान
इलाहबाद यूनिवर्सिटी

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पुलिस का DGP ज्यादा पावरफुल होता है या आर्मी में जनरल, किसकी सैलरी होती है ज्यादा?

Education News: आपने अक्सर टीवी फिल्मों और खबरों में आर्मी जनरल और पुलिस महकमें में डीजीपी के बारे में सुना ही होगा. ये दोनों ही पद अपने अपने क्षेत्र के वरिष्ठ और उच्च पद होते हैं. आज हम आपको बताएंगे कि सेना के आर्मी जनरल और भारतीय पुलिस अधिकारी के डीजीपी की पावर्स में क्या क्या अंतर होता है. वैसे तो दोनों ही देश की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार होते हैं. आर्मी जनरल देश की बाहरी सुरक्षा देखते हैं तो वहीं डीजीपी आंतरिक सुरक्षा के लिए जिम्मेदार होते हैं.

कौन कितना शक्तिशाली

दरअसल, भारतीय सेना के जनरल और राज्य पुलिस के डीजीपी (Director General of Police) दोनों ही अपने-अपने क्षेत्रों में सर्वोच्च पदों पर होते हैं, लेकिन उनकी शक्तियां, ज़िम्मेदारियां और प्रभाव अलग अलग होते हैं. आर्मी जनरल राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए ज़िम्मेदार होते हैं और सीधे रक्षा मंत्रालय व राष्ट्रपति को रिपोर्ट करते हैं. उनकी शक्तियां युद्ध और सीमाओं की सुरक्षा में निर्णायक होती हैं. तो वहीं डीजीपी राज्य की आंतरिक कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए जिम्मेदार होते हैं और राज्य सरकार को रिपोर्ट करते हैं.

अगर शक्ति की बात करें, तो भारतीय सेना का जनरल डीजीपी से अधिक शक्तिशाली होता है, क्योंकि वह संप्रभुता और राष्ट्रीय रक्षा से जुड़ा होता है. वहीं डीजीपी किसी भी राज्य में पुलिस का सर्वोच्च पद होता है जो सीधा राज्य के गृह सचिव और मुख्यमंत्री को रिपोर्ट करता है.

किसका कितना होता है वेतन

आर्मी जनरल और डीजीपी की सैलरी की अगर बात की जाए तो भारतीय सेना के जनरल की सैलरी 2,50,000 रुपये महीने तक होती है इसके अलावा इन्हें दूसरे भत्ते भी मिलते हैं. जैसे सरकारी आवास, वाहन, सुरक्षा, मेडिकल, कैंटीन सुविधाएँ, उच्च स्तर की पेंशन. अगर बात करें भारतीय पुलिस के डीजीपी की तो एक डीजीपी का वेतन 2,25,000 रुपये महीने तक होता है इसके अलावा इन्हें सरकारी बंगला, वाहन, सुरक्षा, मेडिकल, DA (महंगाई भत्ता), पेंशन भी सरकार की ओर से दी जाती है.

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पढ़ने का कोई शॉर्टकट नहीं, 15 से 16 घंटे पढ़कर बनी IAS ऑफिसर, पढ़िए ऐसी ही एक अधिकारी की Success Story

UPSC की डगर इतनी आसान नहीं होती है. उसके लिए कई त्याग करने पड़ते हैं. फिर वो आपकी नींद हो या शौक सब किनारे रखना पड़ता है. हम आपके लिए एक खास सीरीज ‘सक्सेस मंत्रा’ लेकर आए हैं, जिसमें आज हम बात कर रहे हैं IAS वंदना मीणा की. उनकी कहानी किसी के लिए भी प्रेरणा देने वाली है. वह राजस्थान के एक छोटे से गांव टोकसी से आती हैं, जहां लोगों के पास ज्यादा संसाधन नहीं होते, लेकिन वंदना ने अपनी मेहनत और लगन से यह साबित कर दिया कि अगर ठान लिया जाए तो किसी भी लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है.

वंदना का बचपन बहुत साधारण था. उनके माता-पिता का जीवन भी काफी संघर्षपूर्ण था. उनके पिता पृथ्वीराज मीना दिल्ली पुलिस में काम करते थे और उनकी मां संपाती देवी एक गृहिणी थीं. वंदना की पढ़ाई में हमेशा रुचि रही और उन्होंने हमेशा अच्छा करने की कोशिश की. बचपन में ही वह गांव में अपनी पढ़ाई कर रही थीं, लेकिन बाद में परिवार के साथ वह दिल्ली आ गईं. दिल्ली आने के बाद, वंदना ने सेंट कोलम्बा स्कूल में पढ़ाई की और फिर दिल्ली विश्वविद्यालय से मैथ्स ऑनर्स में डिग्री हासिल की.

15-16 घंटे पढ़ाई करती थीं वंदना 

वंदना का मानना था कि सफलता के लिए मेहनत और लगन सबसे जरूरी है. जब उन्होंने UPSC की तैयारी शुरू की, तो वह हर दिन 15-16 घंटे पढ़ाई करती थीं. अगर सामान्य दिन होते, तो भी वह 10 घंटे तक पढ़ाई करती थीं. उन्होंने कभी भी शॉर्टकट को नहीं अपनाया, बल्कि वह मानती थीं कि अगर किसी भी लक्ष्य को पाना है, तो उसे पूरी मेहनत से हासिल करना चाहिए.

कड़ी महनत से हासिल की AIR 331  

वंदना ने अपनी शिक्षा के दौरान हमेशा अच्छा प्रदर्शन किया. स्कूल और कॉलेज दोनों जगह वह अव्‍ल अंक लाती थीं. उनका सपना हमेशा से UPSC की परीक्षा पास करने का था. उन्होंने पूरी तैयारी की और 2021 में UPSC परीक्षा में ऑल इंडिया रैंक 331 प्राप्त की. उनकी सफलता ने न केवल उनके परिवार को गर्व महसूस कराया, बल्कि उनके गांव और स्कूल को भी गर्वित किया. 

शॉर्टकट नहीं कड़ी महनत है सफलता का तरीका 

जब वंदना के UPSC के परिणाम घोषित हुए, तो उन्होंने अपनी दोनों स्कूलों का दौरा किया और वहां उनका स्वागत किया गया. वह अपनी सफलता का श्रेय अपनी कठिन मेहनत और समर्पण को देती हैं. वंदना के मुताबिक, सफलता किसी भी शॉर्टकट से नहीं मिलती, बल्कि पूरी मेहनत और समर्पण से ही सफलता प्राप्त होती है.

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TATA Memorial Center Recruitment 2025: सरकारी नौकरी का बेहतरीन मौका, सिर्फ इंटरव्यू देकर पा सकेंगे जॉब, जानिए कैसे करें अप्लाई

टाटा मेमोरियल सेंटर (TMC) ने सरकारी नौकरी की तलाश कर रहे उम्मीदवारों के लिए शानदार अवसर प्रस्तुत किया है. TMC ने बिहार के मुजफ्फरनगर में विभिन्न पदों के लिए भर्ती का ऐलान किया है. इन पदों में साइंटिफिक असिस्टेंट नेटवर्किंग, किचन सुपरवाइजर, हाउसकीपिंग, फार्मासिस्ट, टेक्नीशियन, पंप ऑपरेटर, फायरमैन और कई अन्य पद शामिल हैं. यदि आप इन पदों के लिए योग्य हैं और एक प्रतिष्ठित सरकारी संस्थान में नौकरी की तलाश कर रहे हैं, तो यह आपके लिए एक बेहतरीन अवसर है. इच्छुक उम्मीदवार टाटा मेमोरियल सेंटर की आधिकारिक वेबसाइट tmc.gov.in पर जाकर आवेदन कर सकते हैं.

टीएमसी बिहार भर्ती 2025: वैकेंसी डिटेल्स 

टाटा मेमोरियल सेंटर ने विभिन्न पदों के लिए कुल 33 वैकेंसी निकाली हैं. इन पदों के लिए आवेदकों से आवेदन मांगे गए हैं. नीचे कुछ महत्वपूर्ण पदों और उनकी वैकेंसी की जानकारी दी जा रही है:

साइंटिफिक असिस्टेंट नेटवर्किंग – 02 पद

किचन सुपरवाइजर – 01 पद

हाउसकीपिंग सुपरवाइजर – 01 पद

असिस्टेंट मेडिकल सोशल वर्कर – 01 पद

फार्मासिस्ट – 02 पद

साइंटिफिक असिस्टेंट (आईटी प्रोग्रामर) – 01 पद

टेक्नीशियन (CSSD) – 01 पद

टेक्नीशियन (बायोकेमिस्ट्री) – 01 पद

टेक्नीशियन (हेमोटोलॉजी) – 01 पद

टेक्नीशियन (माइक्रोबायोलॉजी) – 01 पद

टेक्नीशियन (पैथोलॉजी) – 01 पद

टेक्नीशियन (Phlebotomist) – 01 पद

एमआरडी टेक्नीशियन – 01 पद

स्पीच स्पेलोइंग – 01 पद

टेक्नीशियन (नेटवर्किंग) – 01 पद

पंप ऑपरेटर – 04 पद

फायरमैन – 06 पद

नर्स – 04 पद

कुक – 02 पद

एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया

टाटा मेमोरियल सेंटर की इस भर्ती के लिए उम्मीदवारों को अलग-अलग पदों के लिए निर्धारित योग्यताओं को पूरा करना होगा. इन योग्यताओं में विभिन्न शैक्षिक योग्यता जैसे 10वीं, 12वीं, आईटीआई, डिप्लोमा, बीए, बीएससी, जनरल नर्सिंग एंड मिडवाइफरी डिप्लोमा, ऑनकोलॉजी नर्सिंग में डिप्लोमा, बीसीए, कंप्यूटर साइंस ग्रेजुएट, बीएससी (होटल मैनेजमेंट) आदि शामिल हैं. इसके साथ ही, उम्मीदवारों के पास संबंधित पद के लिए 1-3 वर्षों का कार्य अनुभव भी होना चाहिए.

कैसे करें आवेदन

इच्छुक उम्मीदवार टाटा मेमोरियल सेंटर की आधिकारिक वेबसाइट tmc.gov.in पर जाकर आवेदन कर सकते हैं. वेबसाइट पर जाकर आपको भर्ती से संबंधित सभी जानकारी, आवेदन प्रक्रिया और महत्वपूर्ण डेट के बारे में जानकारी प्राप्त हो जाएगी. उम्मीदवारों को वेबसाइट पर आवेदन करने के लिए अपनी शैक्षिक योग्यता, अनुभव और अन्य आवश्यक दस्तावेज अपलोड करने होंगे. आवेदन शुल्क और अन्य विवरण भी वेबसाइट पर दिए जाएंगे.

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10वीं पास युवाओं के लिए सरकारी नौकरी का बेहतरीन मौका, बिना पेपर के मिल रही है नौकरी, जानिए कैसे करें अप्लाई

भारत पोस्ट ने 2025 में ग्रामीण डाक सेवक (GDS) की भर्ती के लिए एक शानदार मौका दिया है. इस भर्ती में कुल 21,413 रिक्तियों को भरा जाएगा. यह भर्ती कई राज्यों में आयोजित की जाएगी, जिनमें उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, बिहार, छत्तीसगढ़, दिल्ली, राजस्थान, हरियाणा, झारखंड, और मध्य प्रदेश शामिल हैं. आवेदन की प्रक्रिया 10 फरवरी 2025 से शुरू हो चुकी है और उम्मीदवारों के पास आवेदन करने की लास्ट डेट 3 मार्च 2025 है. इच्छुक उम्मीदवार indiapostgdsonline.gov.in वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं.

इस भर्ती में विभिन्न पदों पर नियुक्तियां की जाएंगी, जिनमें ब्रांच पोस्ट मास्टर (BPM) और असिस्टेंट ब्रांच पोस्ट मास्टर (ABPM)/डाक सेवक शामिल हैं. इन पदों पर नियुक्ति के लिए राज्यवार पदों का विवरण उपलब्ध है. उम्मीदवार अपनी राज्यवार पदों को देखने के लिए आधिकारिक नोटिफिकेशन को ध्यान से पढ़ सकते हैं.

ये है एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया

इस भर्ती में आवेदन करने के लिए कुछ आवश्यक योग्यता और आयु सीमा तय की गई है:

शैक्षिक योग्यता: उम्मीदवार को किसी मान्यता प्राप्त बोर्ड से 10वीं कक्षा पास होना चाहिए. इसके साथ ही, उम्मीदवार को उस राज्य की स्थानीय भाषा का ज्ञान होना चाहिए, जहां से वह आवेदन कर रहे हैं. इस भाषा को उम्मीदवार ने 10वीं तक पढ़ा होना चाहिए.

ये है एज लिमिट 

न्यूनतम आयु: 18 वर्ष
अधिकतम आयु: 40 वर्ष (3 मार्च 2025 तक)
आरक्षित श्रेणियों के उम्मीदवारों को सरकारी नियमों के अनुसार आयु में छूट भी दी जाएगी.

इतनी मिलेगी सैलरी:

इस भर्ती में चयनित उम्मीदवारों को अच्छा वेतन मिलेगा:

ब्रांच पोस्ट मास्टर (BPM) को 12,000 से 29,380 रुपये तक मासिक वेतन मिलेगा.
असिस्टेंट ब्रांच पोस्ट मास्टर (ABPM)/डाक सेवक को 10,000 से 24,470 रुपये तक मासिक वेतन मिलेगा.

ये है सिलेक्शन प्रोसेस 

भारत पोस्ट की इस भर्ती के लिए कोई लिखित परीक्षा नहीं होगी. उम्मीदवारों का चयन केवल उनकी 10वीं कक्षा के अंकों के आधार पर मेरिट लिस्ट से किया जाएगा. इसलिए, जो उम्मीदवार इस भर्ती में भाग लेना चाहते हैं, उन्हें अपनी 10वीं कक्षा के अंकों पर ध्यान केंद्रित करना होगा.

इस पोस्ट पर अप्लाई करने के लिए लगेगा ये आवेदन शुल्क:

इस भर्ती के लिए आवेदन शुल्क भी निर्धारित किया गया है:

सामान्य और ओबीसी (Other Backward Classes) उम्मीदवारों के लिए आवेदन शुल्क: 100 रुपये
एससी (Scheduled Caste), एसटी (Scheduled Tribe), पीडब्ल्यूडी (Person with Disability), और महिला उम्मीदवारों के लिए आवेदन शुल्क: कोई शुल्क नहीं है.

इस तरह करें आवेदन

इच्छुक उम्मीदवार indiapostgdsonline.gov.in वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं. आवेदन की प्रक्रिया पूरी करने के बाद, उम्मीदवारों को अपना आवेदन पत्र और भुगतान विवरण का एक प्रिंटआउट अपने पास रखना होगा. आवेदन की लास्ट डेट 3 मार्च 2025 है, और इस डेट के बाद कोई आवेदन स्वीकार नहीं किया जाएगा. इस भर्ती में उम्मीदवारों को ग्रामीण डाक सेवक के रूप में कार्य करने का अच्छा अवसर मिलेगा. इस प्रकार, जो उम्मीदवार भारत पोस्ट में नौकरी करना चाहते हैं, उनके लिए यह एक बेहतरीन मौका है. आवेदन करने से पहले, सभी उम्मीदवारों को भर्ती संबंधी पूरी जानकारी पढ़नी चाहिए और अपने दस्तावेज सही तरीके से अपलोड करने चाहिए.

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