Premanand Ji Maharaj Vachan: प्रेमानंद जी महाराज एक महान संत और विचारक हैं जो जीवन का सच्चा अर्थ समझाते और बताते हैं. प्रेमानंद जी के अनमोल विचार जीवन को सुधारने और संतुलन बनाएं रखने में मार्गदर्शन करते हैं.
नाम से ही प्रेम की प्राप्ति होती है. ज्ञान की प्राप्ति होती है. नाम जप से ही लौकिक वैभव, पारलौकिक वैभव की प्राप्ति होती. जो चाहोगे प्राप्त हो जाएगा. जो हिंसा रखने वाले होते हैं, या जो भक्ति विहीन होते हैं उनको जब नारद जी ने उपदेश दिया की आपको निशपाप होने के लिए निरंतर राम नाम जपना होगा. उन्होंने इतना पाप किया था उनके मुख से उच्चारण नहीं हो पा रहा था. उनके मुख से निकला मरा मरा निकला, निरंतर जाप के कुछ समय के बाद राम-राम निकले लगा. नाम के प्रभाव से भगवान की लीलाओं का समयक ज्ञान, भगवान के तत्व का समयक ज्ञान, भगवान से प्रेम सब कुछ नाम जप से प्राप्त हो गया.
अहो भाग्य है वो लोग या धन्यवाद का पात्र हैं वो लोग जिसको लगन लग गई और जो कहता है मैं निरंतर नाम जप करुंगा. जाप से भव सागर पार हो जाएगा, नानक नाम जहाज है चढ़ें सो उतरे पार.. गुरु के नाम से बढ़कर कोई तपस्या नहीं है,गुरु के नाम से बढ़कर कोई ज्ञान नहीं है. हर समय नाम जप करना. नाम जप से बड़ा को व्रत, नाम से बढ़कर कोई दान,नाम से बढ़कर कोई पुण्य नहीं है. इसके जप से कल्याण हो सकता है आपका भी और दूसरों का भी.
नाम जप से ही प्रियता आती है जब पाप नष्ट हो जाते हैं. जब आप नाम जप की शुरूआत करते हैं तो मन में घबराहट होती है, हद्वय में जलन होती है. उसके संसार प्रियता अच्छी लगती है, पर अगर जबरदस्ती नाम जपते रहो तो सब ठीक हो जाएगा. अगर आप नाम जप करते हैं तो इसका अभिमान भी मत करना, गुप्त रखना, यह बात सबसे सामने नहीं कहनी चाहिए आपके चिंतन में बाधा पड़ सकती है. अहंकार नहीं आना चाहिए. इस बात को छुपाएं, लोगों में इस बात को बार बार ना कहें, नाम जप करना और नाम जप सुनने दोनों का एक बरारबर लाभ होता है.
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