Ola Electric Mobility: इलेक्ट्रिक टूव्हीलर मैन्युफैक्चरिंग कंपनी ओला इलेक्ट्रिक मोबिलिटी की मुश्किलें थमने का नाम नहीं ले रही है. कंपनी को घटते टूव्हीलर सेल्स का सामना करना पड़ रहा है. तो अब कंपनी की सब्सिडियरी कंपनी ओला इलेक्ट्रिक मोबिलिटी सेल टेक्नोलॉजीज को एडवांस केमिस्ट्री सेल (Advanced Chemistry Cell ) के लिए प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव स्कीम (Production Linked Incentive Scheme) में पीएलआई एसीसी (“PLI ACC”) के तहत निर्धारित लक्ष्यों को हासिल करने से चूक को लेकर आईएफसीआई लिमिटेड से पत्र मिला है. कंपनी पीएलआई-एसीसी योजना के तहत तय उत्पादन और निवेश संबंधी मानदंडों को पूरा नहीं कर सकी है.
ओला इलेक्ट्रिक ने शेयर बाजार को रेगुलेटरी फाइलिंग के तहत दी गई जानकारी में बताया कि हमें 28 जुलाई, 2022 के कार्यक्रम समझौते की अनुसूची एम के अनुसार लक्ष्य (माइलस्टोन-1) पूरा नहीं कर पाने के लिए आईएफसीआई लि. से एक पत्र मिला है. कंपनी इस संबंध में संबंधित अधिकारियों से जुड़ी हुई है और उचित प्रतिक्रिया दाखिल करने की प्रक्रिया में है.
कंपनी की पूर्ण स्वामित्व वाली सब्सिडियरी कंपनी ओला इलेक्ट्रिक मोबिलिटी सेल टेक्नोलॉजीज ने इस योजना का लाभ उठाने के लिए भारी उद्योग मंत्रालय के साथ एक समझौता किया था. योजना के तहत आईएफसीआई लि. को पीएलआई एसीसी योजना के लिए परियोजना प्रबंधन एजेंसी नियुक्त किया गया था.
इस बारे में पूछे जाने पर ओला के प्रवक्ता ने कहा, ‘‘हमने मार्च, 2024 में अपनी गीगा फैक्ट्री में परीक्षण उत्पादन शुरू किया और मई, 2024 में हमारे लिथियम-आयन सेल के लिए सफलतापूर्वक बीआईएस प्रमाण पत्र प्राप्त किया है. हमने पहले ही वित्त वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही से अपने सेल के वाणज्यिक उत्पादन शुरू होने की घोषणा कर दी है और हम निर्धारित समयसीमा में कार्य पूरा करने के लिए योजना के अनुसार आगे बढ़ रहे हैं.’’प्रवक्ता ने कहा कि ओला इलेक्ट्रिक सरकार की पीएलआई एसीसी योजना के तहत भारत में वाणिज्यिक रूप से लिथियम-आयन सेल का विनिर्माण करने वाली पहली कंपनी होगी.
शेयर बाजार में भी ओला इलेक्ट्रिक का स्टॉक अपने निचले स्तर 53.62 रुपये पर 4 मार्च के सेशन में जा गिरा. स्टॉक अपने लाइफटाइम हाई से 66 फीसदी और आईपीओ में इश्यू प्राइस 76 रुपये से करीब 30 फीसदी नीचे आ गया है.
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