DeepSeek: चीनी एआई मॉडल DeepSeek ने तहलका मचा दिया है. ऐप स्टोर पर OpenAI के ChatGPT को जोरदार टक्कर देते हुए डाउनलोड के मामले में यह टॉप पर पहुंच गया है. इसकी सबसे बड़ी खासियत है कि यह सबके लिए फ्री है. तमाम खासियतों के बावजूद अगर डीपसीक की प्राइवेसी पॉलिसी पर नजर डालें, तो पता चलता है कि इसका रजिस्टर्ड ऑफिस चीन में है.
चीन के हाथ लग रही आपकी ये जानकारी
क्या आपको पता है कि डीपसीक अपने यूजर्स की प्रोफाइल से जुड़ी जानकारी जैसे कि नाम, फोन नंबर, पासवर्ड और जन्म तिथि को कहां स्टोर करता है? DeepSeek के FAQ पेज पर दी गई जानकारी के मुताबिक, यह आपके IP एड्रेस, पेमेंट डिटेल, डिवाइस आईडी, कुकीज और AI चैटबॉट पर हुई बातचीत को ट्रैक करता है. इतना ही नहीं, ऑनलाइन आपकी गतिविधियों को ट्रैक करने के लिए DeepSeek कुकीज और वेब बीकन का इस्तेमाल करता है.
डीपसीक के जरिए आपके डिवाइस मॉडल, ऑपरेटिंग सिस्टम तक की जानकारी चीन के हाथ लग जा रही है. ऐप पर यूजर्स की डेटा को चीनी सर्वर पर स्टोर किया जाता है. डीपसीक की वेबसाइट पर मौजूद जानकारी के मुताबिक, आपसे जुटाए गए पर्सनल इनफार्मेशन को पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना में स्थित सुरक्षित सर्वर में स्टोर किया जाता है.
यूजर्स के बीच DeepSeek का जबरदस्त क्रेज
भारत में अभी डीपसीक की पापुलैरिटी पर अभी कोई स्पष्ट जानकारी नहीं है, लेकिन यह अमेरिका में इसे लेकर जबरदस्त क्रेज है. यानी कि अमेरिकी अपनी जानकारी चीनी सर्वरों के हाथों दे रहे हैं. बता दें कि भारत में चीनी ऐप टिकटॉक को 2020 में बैन किया गया. उस दौरान भी सुरक्षा और गोपनीयता के प्रति खतरे को देखते हुए यह एक्शन लिया गया था.
क्या है DeepSeek?
हांग्जो बेस्ड डीपसीक 2023 से एक एआई मॉडल पर काम कर रहा. कंपनी की नींव लियान वेनफेंग ने रखी थी. माना जा रहा है कि इसे AI चैटबॉट ChatGPT को टक्कर देने के लिए ही लॉन्च किया गया है. अन्य अमेरिकी कंपनियों के मुकाबले यह सस्ता है और डेटा पर भी खर्च कम है. रिसर्चर्स के अनुसार, इसे डेवलप करने में महज 6 मिलियन डॉलर ही लगे, जबकि एआई पर अमेरिकी टेक कंपनियों ने खूब पैसे बहाए. DeepSeek के अभी दो मॉडल हैं- R1 और R1 Zero. यूजर्स फिलहाल R1 मॉडल को ही यूज कर सकते हैं.
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