Ramadan 2025: रमजान में ‘खजूर’ कैसे बना इफ्तार का हिस्सा, पैगम्बर हजरत मोहम्मद से क्या है कनेक्शन

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Ranadan 2025: रमजान के पाक महीने शुरुआत हो चुकी है. खुदा की इबादत का यह महीना मुसलमानों के लिए खास महत्व रखता है. साथ ही इस महीने में खुदा की इबादत भी सख्त नियम के तहत होती है. पूरे दिन बिना भोजन और पानी के रोजा यानी उपवास रखकर रोजेदार खुदा की इबादत से जुड़ते हैं. रमजान के दौरान रोजेदार सुबह सेहरी के साथ रोजे की शुरुआत करते हैं और शाम के वक्त इफ्तार किया जाता है.

खजूर से रोजा खोलना है ‘सुन्नत’ (Sunnah to break the fast with dates)

रोजा खोलने के लिए इफ्तार के समय ‘खजूर’ की भूमिका भी खास रहती है. इस्लाम में खजूर से रोजा खोलने को सुन्नत माना जाता है. इस्लाम में सुन्नत का मतलब है पैगंबर की सीख पर चलना यानी पैगंबर मोहम्मद के बताए हुए नक्शे कदम पर चलना. इस्लाम में मान्यता है कि पैगंबर हजरत मोहम्मद को खजूर काफी पसंद था और वो रोजा खोलते वक्त इसे खाते थे. बाद में यह परंपरा बन गई जोकि आज तक कायम है.

रमजान के महीने में इन दिनों बाजारों में खूब चहल पहल रहती है और इन्हीं चहल पहल के बीच खजूर की दुकानें भी सजती हैं और हर मुसलमान खजूर को जरूर लेना चाहता है, क्योंकि भले ही किसी रोजेदार के पास इफ्तार के समय खाने को कुछ और न हो, लेकिन दो खजूर खाकर रोजा खोलने की चाहत सभी को होती है क्योंकि उनके पैगम्बर को भी खजूर बेहद पसंद थे.

धार्मिक प्रतीक माना जाता है इस किस्म का खजूर

रोजा इफ्तार के वक्त खजूर की मांग को देखते हुए बाजारों में खजूर की कई वैरायटी दुकानों पर देखने को मिल रही है. कुछ ऐसी वैरायटी खजूर की बाजारों में है जो अलग-अलग मुल्क की प्रजाति मानी जाती है. वैसे तो खजूर की अलग-अलग प्रजाति की बात करें तो तकरीबन 200 तरह को खजूर आते हैं जो पूरी देश दुनिया में मिलते हैं. लेकिन रमजान के महीने में रोजेदारों में इफ्तार को लेकर कुछ खास तरह के खजूर को लेने और उसे इफ्तार के समय खाने की कोशिश रहती है जिसके चलते बाजारों में ऊंची कीमतों पर बिक रहे हैं. इन खजूरों की तकरीबन 200 प्रजातियों में कुछ खजूर की मांग ज्यादा है जिसमें , अजवा खजूर सबसे खास माना जाता है ये खजूर एक धार्मिक प्रतीक के रूप में भी गिना जाता है जिसके चलते इसकी मांग मुस्लिमों में ज्यादातर रहती है.

वहीं मेज़दओल खजूर को खजूरों का राजा भी कहा जाता है. इसके साथ ही खूनेजी खजूर, हिलालवी खजूर इसके अलावा अम्बर नाम के खजूर की भी मांग रहती है जोकि दुनिया में सबसे महंगे खजूर में शामिल है. खजूर ज्यादातर अरब या अफ्रीका में पैदा होता है. वहीं भारत में भी अलग-अलग प्रदेशों में खजूर की खेती की जाती है और ऐसे में बाजारों में खजूर स्टोर से लेकर सड़कों पर लगने वाली फेरी में भी खूब दिखाइए दे रहा है. 100 रुपया कीमत से शुरू होकर खजूर शहर में 5 हजार रुपए किलों के हिसाब से बिक रहा है. हर रोजेदार अपनी जरूरत और जेब के मुताबिक इनकी खरीद कर अपने रोजे के दौरान इफ्तार में खजूर को हिस्सा बना रहा है.

शरीर के लिए संजीवनी है खजूर

खजूर के वैसे तो बहुत से फायदे हैं. लेकिन पूरे दिन बिना पानी पिए रोजा रखने वाले रोजेदारों को जब इफ्तार करना होता है तो वो खजूर को ही क्यों पहले खाते हैं इसके पीछे भी वजह है. दरअसल खजूर में ग्लूकोज की मात्रा ज्यादा होती है और पूरे दिन पानी न पीने से शरीर में एनर्जी लेवल कम हो जाता है. लेकिन जैसे ही खजूर खाया जाता है तो वो शरीर में पानी की कमी के साथ ग्लूकोज की भी भरपाई करता है. इसलिए बेहद ताकतवर फल में खजूर की गिनती होती है और इसके कई फायदे भी होते हैं.

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