Health Budget 2025: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण संसद में अपना 8वां बजट और मोदी सरकार 3.0 का पहले बजट पेश कर रही हैं. वित्तमंत्री हेल्थ बजट पर बोल रही हैं. उन्होंने कहा कि कैंसर हॉस्पिटल में डे-केयर की शुरुआत की जाएगी. ताकि इससे कैंसर मरीजों की खास देखभाल हो सके. कैंसर इतनी खतरनाक और जानलेवा बीमारी है कि वह मरीज और उसके घरवालों को आर्थिक, मानसिक और शारीरिक सभी तरफ से नुकसान पहुंचाती है. अब लेकिन सरकार की तरफ से कैंसर हॉस्पिटल में डे-केयर स्थापित की जाएगी. जिसके जरिए इलाज के साथ-साथ मरीज और उनकी फैमिली को मनोवैज्ञानिक सहायता और व्यावहारिक सहायता भी दी जाएगी. डे केयर सेंटर रोगियों को उसी दिन इलाज करवाने और घर जाने की अनुमति देते हैं. जिससे उन्हें तेज़ी से ठीक होने और समय और पैसे बचाने में मदद मिल सकती है.
डे-केयर क्या होता है और ये कैसे काम करता है?
डे केयर सेंटर कीमोथेरेपी इन्फ्यूजन की सुविधा देते हैं. जिसे किसी निजी लाउंज या कॉमन एरिया में दिया जा सकता है. डे केयर सेंटर रोगियों और उनके परिवारों को कैंसर की चुनौतियों से निपटने में मदद करने के लिए परामर्श और अन्य सहायता प्रदान करते हैं.डे केयर सेंटर रोगियों को साइड इफ़ेक्ट को मैनेज करने में मदद कर सकते हैं और मालिश या एक्यूपंक्चर जैसी मेडिकल सहायता देता है.
साथ ही कैंसर और दूसरी गंभीर बीमारियों की दवा की कीमत कम कर दी जाएगी. ताकि इलाज के दौरान दवा की कीमत के कारण आम लोगों को एक आर्थिक दिक्कत से गुजरना पड़ता है. निर्मला सीतारमण ने एलान किया कि केंद्र सरकार राज्यों के सहयोग से गांवों में आम लोगों के कल्याण के लिए स्वास्थ सुरक्षा देते हुए इस बजट में 200 कैंसर डे केयर केंद्र खोले जाने की घोषणा की गई है. इससे गांव के मरीजों शुरुआती चेकअप में सहायती मिलेगी.
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