जैसे भारत में रॉ वैसे पाकिस्तान में क्या? ये एजेंसी कैसे करती है काम, जानें
भारत की रिसर्च एंड एनालिसिस आरएंडएडब्ल्यू लगातार पाकिस्तानी आतंकियों और देश विरोधी शख्सियतों के मारे जाने के बाद चर्चा में आती रहती है. इस विंग पर देश के बाहर होने वाली साजिशों को बेनकाब करने और सूचना इकत्रित कर उनपर काउंटर मेजर उठाने की जिम्मेदारी रहती है. हालांकि उससे ज्यादा चर्चा की में इन दिनों पाकिस्तान की इंटर सर्विस इंटेलिजेंस यानी आईएसआई है. कारण, हाल ही में पाकिस्तान सरकार ने आईएसआई चीफ को बदल दिया है.
लेफ्टिनेंट जनरल मोहम्मद असिम मलिक को नया आईएसआई चीफ चुना गया है. यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है जब वर्तमान चीफ नवीद अंजुम की पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के मामले में कार्यशैली सवालों के घेरे में हैं. आइये जानते हैं कि कैसे काम करती है यह एजेंसी और कैसे उसके मुखिया को चुना जाता है.
1948 में हुआ था आईएसआई का गठन
आईएसआई का गठन 1948 में कश्मीर युद्ध के साथ ही हो गया था. इस विंग को ब्रिटिश इंडियन आर्मी के मेजर जनरल रॉबर्ट कैथोम का ब्रेनचाइल्ड माना जाता है जो बंटवारे के बाद पाकिस्तान सेना में डिप्टी चीफ ऑफ स्टाफ के पद पर तैनात थे. उन्होंने थल सेना, वायु सेना और नौ सेना से लोग शामिल किए जाते हैं. इसके अलावा आम नागरिकाें को भी आईएसआई रिक्रूट करती है.
लेफ्टिनेंट जनरल रैंक का होता है चीफ
आईएसआई का चीफ लेफ्टिनेंट जनरल रैंक का थ्री स्टार जनरल होता है. इसकी नियुक्ति प्रधानमंत्री पाकिस्तानी सेना के प्रमुख की संस्तुति पर करते हैं. सामान्य तौर पर सेना प्रमुख तीनों का पैन
Other News You May Be Interested In
- रोहित शर्मा के फैन ने बदन पर गुदवाया टैटू, भारत-बांग्लादेश के दूसरे टेस्ट से पहले दिखा दिलचस्प नजारा
- IPL 2025 के मेगा ऑक्शन से पहले ‘रिटेन पॉलिसी’ पर आया बड़ा अपडेट, जानें कितने खिलाड़ियों को रोक सकेंगी टीमें
- चुनाव प्रचार के बीच बड़ी मुश्किल में फंसी विनेश फोगाट, NADA ने नोटिस जारी कर 14 दिन के भीतर मांगा जवाब
- बॉलीवुड के दो जिगरी यार का एक जैसा हुआ अंत, बीमारी से लेकर मरने की तारीख सब थी सेम, साथ में दीं कई हिट फिल्में, पहचाना?
- Raj Kapoor की बेटी से सगाई तोड़ी, Sanjay Dutt की बहन से शादी की, फिर भी दूसरी एक्ट्रेस के पीछे पड़ा रहा ये स्टार
- सिर्फ रिजर्वेशन ही नहीं, इन कोटे से भी देश के टॉप संस्थानों में मिल सकता है एडमिशन, जानकर चौंक जाएंगे
- Mark Zukerberg: मार्क जुकरबर्ग 200 बिलियन डॉलर नेटवर्थ के साथ बने दुनिया के तीसरे सबसे अमीर, एलन मस्क, जेफ बेजोस भी हैं इस क्लब में
- Gold Price: सोना 77850 रुपये प्रति 10 ग्राम के ऑलटाइम हाई पर, रिटर्न के मामले में गोल्ड ने सभी एसेट क्लास को छोड़ा पीछे
- सुपरस्टार कंगना रनौत बनीं BJP का बड़ा सिरदर्द, चुनावी समर के बीच यूं बढ़ाई टेंशन; इन 5 बयानों पर पहले भी मच चुका है बवाल
- ‘हरियाणा में तो कुल्हाड़ी पर…’, चुनाव से पहले राकेश टिकैत का दावा, कंगना रनौत के बयान पर BJP के एजेंडा की खोल दी पोल!
- Headache: शाम के वक्त होता है तेज़ सिरदर्द है? तो हो सकती है ये गंभीर बीमारी
- मेडिकल एजुकेटर्स की चुनौतियां दूर करेंगे जेपी नड्डा, NMMTA ने मुलाकात कर बताई अपनी हर दिक्कत
- Jitiya Vrat 2024: वो मां है जनाब कहां मानती है…कई माताओं ने संतान की लंबी उम्र के लिए वृद्धाश्रम में रखा जितिया व्रत
- पैरासिटामोल समेत 53 दवाएं क्वालिटी चेक में फेल, CDSCO की रिपोर्ट में हुआ बड़ा खुलासा
- बोटोक्स या डर्मल फिलर्स दोनों में से कौन है ज्यादा अच्छा? स्किन पर लॉन्ग टाइम फायदा किसका दिखता है
- World Lungs Day 2024: फेफड़े के कैंसर के मरीजों के लिए यह है खास उपाय, मिलेगा तुरंत फायदा
- ‘निशान हाथ है, काम करेगा थप्पड़ का…’, हरियाणा चुनाव से पहले विनेश फोगाट ने दिया बड़ा बयान
- आग गई ICC रैंकिंग, विराट-रोहित का तगड़ा नुकसान, यशस्वी-पंत को हुआ बंपर फायदा
- ईशान किशन को टीम इंडिया में वापसी के लिए अभी करना होगा और इंतजार? इस वजह से नहीं मिल सकेगा मौका
- कानपुर में खेलने से टीम इंडिया ने किया मना? भारत-बांग्लादेश के दूसरे टेस्ट पर मंडराए संकट के बादल
- पीएम मोदी ने चेस ओलंपियाड जीतने वाली टीम इंडिया से की मुलाकात, सामने आया वीडियो
सरकार के खिलाफ काम करने के लगे हैं आरोप
आईएसआई चीफ पर अपनी ही सरकार के खिलाफ काम करने आरोप पहले भी लगते रहे हैं. इमरान खान से पहले नवाज शरीफ, बेनजीर भुट्टो के अलावा कई प्रधानमंत्रियों को आईएसआई चीफ से शिकायतें रहीं कि वे उनकी बजाय सेना प्रमुख के ज्यादा करीबी होते हैं. इसके अलावा उसपर सरकार की मंशा से इतर काम करने का भी आरोप लगता रहा है. कारगिल युद्ध के बाद तत्कालीन पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने तो सेना और आईएसआई पर इसका पूरा ठीकरा फोड़ते हुए अनभिज्ञता जाहिर की थी.
दुनिया की सबसे बड़ी एजेंसी होने का खिताब
आईएसआई को दुनिया की सबसे बड़ी एजेंसी माना जाता है. कहा जाता है कि आईएसआई में करीब दस हजार कर्मचारी हैं. इनके अलावा मुखबिर नेटवर्क को जोड़ लें तो यह संख्या काफी ज्यादा हो सकती है. आईएसआई में तीनों सेनाओं के अलावा पाकिस्तान की विभिन्न पैरा मिलिट्री इकाइयों के अलावा कस्टम, रक्षा मंत्रालय कानूनी विशेषज्ञ शामिल हैं. एजेंसी के लिए फेडरल पब्लिक सर्विस कमीशन के जरिये लोग चुने जाते हैं. इसके बाद उन्हें डिफेंस सर्विस इंटेलिजेंस अकादमी में छह महीने की ट्रेनिंग के बाद पांच साल के लिए सूचनाओं को जुटाने के लिए तैनात किया जाता है. इसके बाद वह संवेदनशील टास्क में लगाए जाते हैं.
आतंकियों का पनाहगार
आईएसआई को आतंकियों का पनाहगार भी कहा जाता है. आईएसआई ने रूस के अफगानिस्तान पर हमले के दौरान अमेरिका की सीआईएस व ब्रिटेन, चीन जैसे विभिन्न देशों की मदद से न सिर्फ अफगानी लड़ाकों को प्रशिक्षण देकर खड़ा किया बल्कि उन्हें हथियार देकर लड़ने में मदद की. इसके अलावा वह कश्मीरी अलगाववादियों को भी भड़काकर घाटी में अशांति फैलाने के लिए आरोपों में घिरा रहा है. इसके अलावा हक्कानी नेटवर्क, हरकत उल मुजाहिद्दीन, अल बद्र और अल कायदा व ओसामा बिन लादेन को पाकिस्तान में शरण देने के बाद तो अमेरिका ने भी आईएसआई की शैली पर सवाल उठाए थे.