PCOS से कैसे बढ़ जाता है टाइप 2 डायबिटीज का खतरा? इस बात को कतई नजरंदाज न करें महिलाएं

पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (पीसीओएस) टाइप 2 डायबिटीज के जोखिम को बढ़ाता है क्योंकि यह अक्सर इंसुलिन प्रतिरोध का कारण बनता है. जो तब होता है जब शरीर इंसुलिन का प्रभावी ढंग से उपयोग नहीं कर पाता है. PCOS यानी पॉलीसिस्टिक अंडाशय सिंड्रोम एक गंभीर बीमारी बै. इससे अब तक पूरी दुनिया में करीब 116 मिलियन महिलाएं पीड़ित हैं. WHO की रिपोर्ट के मुताबिक PCOS वैसे है तो लाइफस्टाइल से जुड़ी एक गंभीर बीमारी है जो महिलाओं को एक उम्र के बाद होती है. यह एक हार्मोनल इनबैलेंस हैं. जिसमें महिलाओं को ओवरी में सिस्ट में होते हैं. 

इंसुलिन इम्युनिटी

इंसुलिन एक हार्मोन है जो रक्त शर्करा को संतुलित करने में मदद करता है. और इंसुलिन प्रतिरोध शरीर के लिए इंसुलिन का उपयोग करना कठिन बना देता है. पीसीओएस वाली महिलाओं में समान आयु और वजन वाली महिलाओं की तुलना में इंसुलिन-मध्यस्थ ग्लूकोज का सेवन कम होता है.

एण्ड्रोजन प्रोडक्शन

पीसीओएस शरीर में बहुत अधिक एण्ड्रोजन का उत्पादन करने का कारण बन सकता है. जिससे मांसपेशियों और वसा टिश्यूज में इंसुलिन संवेदनशीलता कम हो सकती है.

कई कारण

पीसीओएस और टाइप 2 मधुमेह में सामान्य जोखिम कारक होते हैं, जैसे अधिक वजन होना.

पीसीओएस के साथ होने वाली अन्य स्वास्थ्य समस्याओं में शामिल हैं.

गर्भावती मधुमेह

हृदय रोग

उच्च रक्तचाप

उच्च एलडीएल कोलेस्ट्रॉल और कम एचडीएल कोलेस्ट्रॉल

स्लीप एपनिया

स्ट्रोक

PCOS के कुछ लक्षण शामिल है

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अनियमित मासिक धर्म, अत्यधिक बाल उगना, मुंहासे और वजन बढ़ना. जीवनशैली में बदलाव, जैसे कि स्वस्थ आहार खाना और व्यायाम करना, टाइप 2 मधुमेह के जोखिम को कम करने में मदद कर सकता है. गर्भनिरोधक गोलियाँ मासिक धर्म चक्र को विनियमित करने और लक्षणों को कम करने में भी मदद कर सकती हैं.

PCOS एंड PCOD लाइफस्टाल और खानपान का खास ख्याल रखें

ऐसे में सबसे जरूरी है कि आप अपनी लाइफस्टाइल से जुड़ें खास डाइट का ख्याल रखें. ज्यादा चीनी खाने से शरीर में इंसुलिन रेजिस्टेंस काफी बढ़ जाता है. ऐसी महिलाएं पीसीओएस का शिकार हो सकती हैं. पीसीओएस या पीसीओएडी के दौरान ज्यादा मीठा, स्नैक्स, सोडा और शुगर ड्रिंक्स नहीं पीना चाहिए. इससे समस्या और भी ज्यादा बढ़ सकती है. 

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पीसीओडी को ट्रिगर करती है ये फूड आइटम

पीसीओएस एक ऐसी स्थिति है जिसमें ओवरी नॉर्मल से ज्यादा एग बनाता है. इसके कारण ओवरी में सिस्ट भी बनने लगता है, इसके कारण कई सारी समस्या होने लगती है. जैसे इरेगुलर पीरियड्स, चेहरे पर मुंहासे आना, मोटापा और मूड स्विंग्स होना यह सब पीसीओएस और पीसीओएडी की समस्या है.  यह अक्सर खराब लाइफस्टाइल और डाइट के कारण होती है. आज हम आपको बताएंगे कौन सी चीजें इसे ट्रिगर करती है. 

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पीसीओएस में सभी महिलाएं ग्लूटेन के प्रति संवेदनशील नहीं होती हैं. हालांकि, कम से कम एक महीने तक ग्लूटेन-मुक्त रहने से पीसीओएस के लक्षणों को प्रबंधित करने में मदद मिल सकती है. डेयरी उत्पाद एंड्रोजन के स्तर को बढ़ाने और इंसुलिन प्रतिरोध को खराब करने में मदद करते हैं. डेयरी उत्पादों से दूर रहने से इंसुलिन प्रतिरोध के संघर्ष को प्रबंधित करने में मदद मिल सकती है.

Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.

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