प्रेग्नेंसी कर रहे हैं प्लान तो पल्यूशन से बना लें दूरी, स्पर्म और एग की हेल्थ पर पड़ता है असर

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देश में बढ़ रहे वायु प्रदूषण का असर स्वास्थ्य पर अलग-अलग तरीके से पड़ रहा है. वायु प्रदूषण शरीर में कई बीमारियों को जन्म भी देता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि वायु प्रदूषण का असर प्रेग्नेंसी पर भी पड़ता है. जी हां, रिसर्च के मुताबिक एयर पॉल्युशन स्पर्म (शुक्राणु) काउंट को भी घटाता है. आज हम आपको इसके बारे में विस्तार से बताएंगे.

बेबी प्लान

कपल का बेबी प्लान करना एक आम प्रकिया है. हर कपल बेबी प्लान करने के लिए कई तरह की सावधानियां बरते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि वायु प्रदूषण का असर बेबी प्लान पर भी पड़ता है. आपने अभी तक सुना होगा कि वायु प्रदूषण के कारण सांस लेने से जुड़े दिक्कत होते हैं. लेकिन रिसर्च के मुताबिक वायु प्रदूषण का असर स्पर्म और एग की हेल्थ पर भी पड़ता है. 

वायु प्रदूषण का असर

रिसर्च में खुलासा हुआ है कि एयर पॉल्युशन स्पर्म काउंट पर भी असर डालता है. रिसर्चर ने पाया कि इसके पीछे की वजह आमतौर पर एक न्यूरॉन है, जो स्लीप साइकल और मोटापे से जुड़ा है. यूनिवर्सिटी ऑफ मैरीलैंड स्कूल ऑफ मेडिसिन के रिसर्चर्स ने रिसर्च में पाया कि वायु प्रदूषण की वजह से मस्तिष्क में सूजन पैदा होती है और इससे शुक्राणुओं की संख्या कम होने लगती है. 

महिलाओं पर भी पड़ता है असर

बता दें कि वायु प्रदूषण का असर सिर्फ पुरुषों पर नहीं पड़ता है. बल्कि इसका असर महिलाओं पर भी पड़ता है. पहले भी कई शोध में ये सामने आया है कि व्यक्ति के तनाव में रहने के कारण उसका असर प्रजनन और स्पर्म पर पड़ता है. यही नहीं इमोशनल स्ट्रेस महिलाओं के मासिक धर्म को भी प्रभावित करता है. 

कैसे पड़ता है असर?

वायु प्रदूषण से स्पर्म काउंट कम होने के पीछे दो प्रमुख कारण हैं. दरअसल दूषित हवा में पार्टिकुलेट मैटर, ओजोन, सल्फर डाइऑक्साइड जैसे खतरनाक तत्व होते हैं. यह कार्बनिक यौगिकों के संपर्क में आने से प्रजनन क्षमता को कमजोर करता है. इससे स्पर्म की क्वॉलिटी भी खराब होती है. प्रदूषित हवा में डाइऑक्सिन घटक भी होता है. इससे भी स्पर्म प्रभावित होता है.

चूहों पर किया रिसर्च

बता दें कि शोधकर्ताओं ने इस विषय पर चूहों के ऊपर रिसर्च किया है. मस्तिष्क और यौन अंगों के बीच सीधा संबंध जानने के बाद शोधकर्ताओं ने टेस्ट किया कि क्या सच में वायु प्रदूषण से मस्तिष्क में सूजन बढ़ जाती है. इसके लिए उन्होंने दो चूहों को साफ हवा व दूषित हवा में रखा था. इसके बाद पाया गया है कि वायु प्रदूषण की वजह से एक विशेष प्रकार का न्यूरॉन्स बना है. जो नींद चक्र और मोटापे से जुड़ा होता है. ये न्यूरॉन्स आमतौर पर हाइपोथैलेमस में मिलता है, जो मस्तिष्क का एक हिस्सा है और यह भूख, प्यास और सेक्स ड्राइवर को कंट्रोल करता है. हाइपोथैलेमस में पाया जाने वाला न्यूरॉन्स ही मेन कारण है, जो स्पर्म काउंट को कम करता है.   

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