Fatty Liver: अगर आप आईटी सेक्टर में काम करते हैं या फिर आपकी जॉब दिनभर लैपटॉप लेकर कुर्सी पर बैठकर काम करने वाली है तो सावधान हो जाएं. दरअसल, हाल में हुई एक स्टडी में सामने आया है कि भारत में आईटी सेक्टर में काम करने वाले 80 फीसदी से ज्यादा कर्मचारी फैटी लीवर का शिकार हैं. यह स्टडी हैदराबाद यूनिवर्सिटी की ओर से की गई है.
स्टडी में कहा गया है कि 84 फीसदी आईटी कर्मचारी मेटाबोलिक डिसफंक्शन-एसोसिएटेड फैटी लीवर डिजीज (MAFLD) से पीड़ित हैं. इन कर्मचारियों को यह बीमारी लंबे समय तक बैठकर काम करने, स्ट्रेस, अनहेल्दी खानपान और फिजिकल एक्टिविटीज की कमी के कारण हुई है और ऐसे मामले तेजी से बढ़ रहे हैं.
इन कर्मचारियों पर की गई स्टडी
हैदाराबाद यूनिवर्सिटी ने यह स्टडी 345 आईटी कर्मचारियों पर 2023 से 2024 के बीच की. इसमें पाया गया कि 71 फीसदी आईटी कर्मचारी मोटापे का शिकार थे तो 34 फीसदी को मेटाबोलिक सिंड्रोम था. इन लोगों में यह समस्या लगातार बैठकर काम करने, अनियमित नींद, अनहेल्दी खानपान जैसी वजहों से हुई.
क्या है फैटी लीवर
फैटी लीवर एक ऐसी समस्या है, जिसकी शुरुआती स्टेज में इंसान में कोई लक्षण दिखाई नहीं देते हैं. हालांकि, जब यह समस्या बढ़ती है तो व्यक्ति को कई तरह की समस्या होने लगती हैं. जिसमें थकान व कमजोरी, पेट में दर्द, वजन घटना, भूख कम लगना जैसी समस्याएं शामिल हैं. बता दें, मेटाबॉलिक-एसोसिएटेड फैटी लिवर (MAFLD) गंभीर स्वास्थ्य समस्या है. यह एक ऐसी स्थिति है, जिसमें मेटाबॉलिक डिस्फंक्शन के कारण इंसानी लीवर में 5% से अधिक फैट जमा हो जाता है. अगर सही समय पर इस समस्या पर ध्यान न दिया जाए तो यह आगे चलकर लीवर सिरोसिस या फिर कैंसर में भी बदल जाती है.
ऐसे कर सकते हैं बचाव
अगर आप लंबे समय तक बैठकर काम करते हैं तो आपको अपनी आदतों में बदलाव करने की जरूरत है. दिन में कम से कम एक घंटे व्यायाम जरूर करें और तेज कदमों से चलें. लगातार एक स्थिति में बैठे रहने से बचें और हर 45 मिनट बाद कुछ मिनट का ब्रेक लें. अपनी डाइट में ताजे फल, सब्जियों, साबुत अनाज और प्रोटीन से भरे खाने को शामिल करें. ऑयली और मसालेदार खाना खाने से बचें. शराब और स्मोकिंग जैसी बुरी आदतों से परहेज करें और नियमित रूप से अपना टेस्ट जरूर कराएं.
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