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Rohit Sharma press conference: चैंपियंस ट्रॉफी का पहला सेमीफाइनल मैच भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच मंगलवार को खेला जाएगा. इस मुकाबले की पूर्व संध्या पर टीम इंडिया के कप्तान रोहित शर्मा प्रेस कांफ्रेंस में आए. इस दौरान उनसे दुबई में टीम इंडिया को मिल रहे फायदे पर उठ रहे सवालों को लेकर पूछा. कप्तान रोहित ने इसका करारा जवाब दिया. टीम इंडिया टूर्नामेंट (Champions Trophy 2025) के सभी मैच दुबई इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम में ही खेल रही है, यहां तक अगर इंडिया फाइनल में पहुंची तो खिताबी भिड़ंत भी इसी ग्राउंड पर होगी.
चैंपियंस ट्रॉफी 2025 का मेजबान पाकिस्तान है. हालांकि बीसीसीआई ने पहले ही साफ़ कर दिया था कि वह अपनी टीम सुरक्षा कारणों से पाकिस्तान नहीं भेज सकती. तय हुआ कि भारत अपने सभी मैच दुबई में खेलेगी. मेजबान पाकिस्तान को भी भारत के खिलाफ ग्रुप स्टेज का मुकाबला खेलने के लिए दुबई आना पड़ा. इस पर कई लोग सवाल उठा चुके हैं, उनके अनुसार अन्य टीमें अलग अलग ग्राउंड पर खेल रही है जबकि भारत सिर्फ एक ही ग्राउंड पर खेलेगी.
कहा गया कि टीम इंडिया को टूर्नामेंट के दौरान एक ही वेन्यू पर खेलना है तो उसे ट्रेवल भी नहीं करना होगा. जबकि अन्य टीमें पाकिस्तान और दुबई के बीच ट्रेवल करेगी. इसको लेकर कप्तान रोहित शर्मा से प्रेस कांफ्रेंस में पूछा गया तो उन्होंने इसका मुह तोड़ जवाब दिया.
दुबई हमारा घर नहीं, हमें भी पिच के बारे में नहीं पता- रोहित शर्मा
“ऐसा नहीं है कि हम जानते हैं कि इन पिचों पर क्या होने वाला है. हम नहीं जानते कि सेमीफाइनल में किस पिच का इस्तेमाल किया जाएगा, लेकिन जो भी हो, हमें उसके अनुसार ढलना होगा और देखना होगा कि यह कैसा रहता है. और यह हमारा घर भी नहीं है, यह दुबई है. हम यहां बहुत ज़्यादा मैच नहीं खेलते, यह हमारे लिए भी नया है.”
रोहित शर्मा ने आगे कहा, “हमारी टीम ने जो 3 मैच खेले हैं, उनमें सतह की प्रकृति एक जैसी थी, लेकिन सभी मैचों में पिच ने अलग-अलग व्यवहार किया. न्यूजीलैंड के खिलाफ, हमने देखा कि जब उनके तेज गेंदबाजों ने गेंद को स्विंग और सीम किया. पिछले दोनों मैचों में हमारे गेंदबाज पहले गेंदबाजी कर रहे थे और तब हमने ऐसा नहीं देखा था. और शाम को, मौसम यहां थोड़ा ठंडा होता है, इसलिए गेंद के स्विंग होने की संभावना होती है.
उन्होंने आगे कहा “हम यह भी नहीं जानते कि प्रत्येक विकेट कैसा वयवहार करेगा. दिखने में चाहे एक जैसे लगते हों लेकिन जब आप खेलते हैं, तो उनका व्यवहार अलग-अलग होता है. एक बल्लेबाज के रूप में, हमें यह सोचना होगा कि हम कौन से शॉट खेल सकते हैं कौन से नहीं. गेंदबाजों को भी समायोजित करना होगा.”
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