New India Co-Operative Bank: न्यू इंडिया कोऑपरेटिव बैंक में हुए घोटाले ने हजारों जमाकर्ताओं को खून के आंसू रोने के लिए मजबूर कर दिया है. किसी की बेटी की शादी पर आफत आ गई है तो कोई गंभीर बीमारी में इलाज के लिए भी पैसे नहीं निकाल पा रहा है. किसी के बेटे के स्कूल की फीस पर संकट है तो किसी के खाने के लाले पड़ गए हैं. रिजर्व बैंक ने छह महीने के लिए इस बैंक से किसी भी राशि के निकालने, लोन लेने या पैसा जमा करने पर रोक लगा दी है. ऐसी स्थिति में जिन लोगों ने अपनी पूरी जमा पूंजी केवल इसी बैंक में डाल रखी थी, उनके तो बर्बाद होने की नौबत आ गई है.
डिपॉजिट इंश्योरेंस देगा डूबते को तिनके का सहारा
टूटते भरोसे और खत्म होती आशा के बीच न्यू इंडिया कोऑपरेटिव बैंक के जमाकर्ताओं के लिए डिपॉजिट इंश्योरेंस डूबते को तिनके का सहारा लेकर आया है. यह जमाकर्ताओं को फिलहाल पांच लाख रुपये तक की राशि निकालने में मदद करेगा. हर बैंक को अपने यहां डिपॉजिट का इंश्योरेंस रिजर्व बैंक की सब्सिडियरी डिपॉजिट इंश्योरेंस क्रेडिट गारंटी कोऑपरेशन यानी डीआईसीजीसी के साथ कराना पड़ता है. इसी कोऑपरेशन से पांच लाख रुपया तक निकालने के लिए बैंक के ग्राहक दावा कर सकते हैं. यह राशि उन्हें 90 दिनों के भीतर मिल जाएगी. इसके लिए डीआईसीजीसी की वेबसाइट पर जाकर आवेदन करना होगा. फिर कस्टमर के दावों और कागजात की जांच कर पैसे का भुगतान कर दिया जाएगा. क्लेम स्टेटस को ट्रैक करने के लिए आप इसी वेबसाइट पर जाकर दावा सूचक ट्रैकर की मदद ले सकते हैं. इस ट्रैकर को डीआईसीजीसी ने लॉन्च किया है. ट्रैकर आपको यह बता देगा कि आपके दावे की स्थिति क्या है और इस प्रक्रिया में अभी क्या चल रहा है. इसी के आधार पर आप यह अनुमान लगा सकेंगे कि कब तक आपको यह भुगतान प्राप्त होगा और उसके मुताबिक आप अपनी जरूरतों की प्लानिंग कर सकेंगे.
14 मई तक निकाल सकते हैं पांच लाख रुपये
न्यू इंडिया कोऑपरेटिव बैंक के जमाकर्ताओं को भी डीआईसीजीसी से 14 मई तक 5 लाख रुपये निकालने की अनुमति दी गई है. इसके तहत बैंक के 90 प्रतिशत (1,30,000) जमाकर्ताओं की जमा राशि पूरी तरह इंश्योर्ड है. डीआईसीजीसी ने अपनी वेबसाइट पर कहा है कि इन जमाकर्ताओं को अनिवार्य रूप से अपना दावा 30 मार्च तक जमा करना है और यह राशि उनके वैकल्पिक बैंक के खाते में जमा करा दी जाएगी. इस जमा राशि में करीब 68 प्रतिशत एफडी है, जबकि बचत खाते में 28 प्रतिशत है.
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