दही को अक्सर सुपरफूड के रूप में जाना जाता है. प्रोबायोटिक्स, कैल्शियम और प्रोटीन से भरपूर. लेकिन क्या यह वाकई सभी के लिए एक ही फायदेमंद है? जबकि कई लोग इसकी मलाईदार नेचर और पाचन संबंधी फायदों का भरपूर मजे लेते हैं. दही की उपयुक्तता गुणवत्ता, समय और व्यक्तिगत स्वास्थ्य जैसे कई सारे कारणों पर निर्भर करती है. चीनी या दूसरी मीठी चीजों के साथ मिलाकर दही खाने से इसके कई नुकसान भी हो सकते हैं.
आयुर्वेद के मुताबिक अगर आप दही खाते हैं तो इन बातों का खास ख्याल रखें. साथ ही किन लोगों को दही नहीं खाने चाहिए इसके बारे में भी विस्तार से बताया गया है. कुछ लोगों को दही खाने से पेट फूलना, एलर्जी या बलगम जैसी दिक्कत हो सकती है. एक विशेषज्ञ ने आयुर्वेदिक ज्ञान और आधुनिक विज्ञान द्वारा समर्थित दही के बारे में मिथक और सच्चाई साझा की है. जानें कि किसे इसे नहीं खाना चाहिए, इसे कब खाना चाहिए और अपने शरीर के लिए सबसे अच्छी चीजें कैसे चुनें?
मिथ 1: सभी दही समान रूप से स्वस्थ होते हैं?
फैक्ट: सभी दही समान नहीं होते. डॉ. अवहाद चेतावनी देते हैं, बाजार में मिलने वाली कई दही में चीनी, दूसरे स्वीटनर और संरक्षक मिलाए जाते हैं. जो उनके फायदों को कम करते हैं.
दही में चीनी मिलाकर न खाएं: फ्लेवर्ड दही में प्रति सर्विंग 4-5 चम्मच चीनी हो सकती है. जिससे ब्लड में शुगर लेवल बढ़ सकता है. ये आंत के बैक्टीरिया को नष्ट करते हैं, प्रोबायोटिक लाभों का प्रतिकार करते हैं.
घर का बना या सादा दही चुनें जिसमें जीवित कल्चर हों और कोई एडिटिव्स न हों.
Myths 2: क्या दही सभी लोगों के लिए फायदेमंद होता है?
दुनिया भर में 65% वयस्कों में लैक्टोज पाचन कम हो गया है. जिससे पेट फूलने या दस्त की समस्या हो रही है.
डेयरी एलर्जी: दही में मौजूद दूध प्रोटीन चकत्ते या सांस लेने में समस्या जैसी प्रतिक्रियाओं को ट्रिगर कर सकता है.एलर्जी वाले व्यक्तियों के लिए बिना चीनी वाला बादाम, नारियल या सोया दही बेहतर काम करता है. लैक्टोज असहिष्णुता या डेयरी एलर्जी वाले लोगों के लिए पौधे-आधारित विकल्प एक सुरक्षित विकल्प हो सकते हैं.
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मिथक 3: रात में दही खाना सेहत के लिए अच्छा है?
आयुर्वेद कहता है कि दही खाते वक्त समय का ध्यान रखना ज़रूरी है.रात में दही खाने से बलगम का स्राव बढ़ सकता है और पाचन क्रिया गड़बड़ा सकती है.
रात के समय खाने से बचें: दिन में दही खाएं, खासकर दोपहर के भोजन के साथ. जिन लोगों का शरीर पित्त (उग्र) की प्रवृत्ति वाला होता है. उन्हें दही खाने से पूरी तरह बचना चाहिए. क्योंकि इससे एसिडिटी या सूजन बढ़ सकती है.
Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.
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