Digital Fraud Cases: डिजिटल फ्रॉड से कई सौ करोड़ का नुकसान, लोकसभा में सरकार ने पेश किए आंकड़े

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देश में पिछले 10 सालों में जैसे-जैसे डिजिटल ट्रांजेक्शन बढ़े हैं उसी तर्ज पर डिजिटल फ्रॉड और उससे लोगों को होने वाला नुकसान में भी बढ़ोतरी हुई है. लोकसभा में पूछे कि एक सवाल के जवाब में वित्त मंत्रालय द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक बैंकों और वित्तीय संस्थाओं को जो शिकायतें मिली हैं, उसके मुताबिक जहां साल 2014-15 में लोगों को धोखाधड़ी के जरिए 18.46 करोड़ का नुकसान हुआ था, वहीं मौजूदा वित्तीय वर्ष में दिसंबर महीने तक ही यह आंकड़ा 107 करोड़ के पार पहुंच चुका है.

कब कितना हुआ नुकसान

लोकसभा में वित्त मंत्रालय से सवाल पूछा गया था की पिछले 10 सालों में साइबर फ्रॉड के जरिए जनता को कितना नुकसान हुआ है. इसी सवाल का जवाब देते हुए वित्त मंत्रालय ने वित्त वर्ष 2014-15 से लेकर मौजूदा वित्त वर्ष तक के आंकड़े सदन के सामने रखे हैं.

हालांकि वित्त मंत्रालय ने यह भी बताया है कि इस तरह के धोखाधड़ी की सीमित जानकारी मौजूद है. खास तौर पर वह जानकारी जो कि बैंकों या वित्तीय संस्थानों के पास दर्ज़ हुए आंकड़ों से सामने आई है. इस जानकारी के मुताबिक, वित्तीय वर्ष 2014-15 में जहां 18.46 करोड रुपए का नुकसान दर्ज किया गया था, वहीं वित्तीय वर्ष 2015-16 में यह बढ़कर करीब 27 करोड़ हो गया. वित्तीय वर्ष 2016-17 में करीब 28 करोड़ और वित्तीय वर्ष 2017-18 में ये करीब 80 करोड़ तक पहुंच गया.

2023-24 में सबसे ज्यादा ठगी हुई

साल दर साल यह आंकड़ा लगातार बढ़ता ही जा रहा है. बात की जाए वित्तीय वर्ष 2023-24 की तो इस वित्तीय वर्ष में पिछले 10 सालों के आंकड़ों के मुताबिक अब तक की सबसे ज्यादा धोखाधड़ी के मामले दर्ज हुए और लोगों को नुकसान पहुंचा है. इस वित्तीय वर्ष के दौरान करीबन 177 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी दर्ज की गई.

वहीं बात की जाए मौजूदा वित्तीय वर्ष यानी 2024-25 की तो इसमें भी शुरूआती 9 महीने यानी अप्रैल से लेकर दिसंबर तक करीब 107 करोड़ से ज्यादा की धोखाधड़ी ऑनलाइन या डिजिटल माध्यम से की जा चुकी है.

यह पूरे आंकड़े है

यहां फिर यह बता देना जरूरी है कि यह आंकड़े देश भर में हुए सभी तरह के डिजिटल फ्रॉड के नहीं हैं. यह सीमित आंकड़े सिर्फ कमर्शियल बैंक या वित्तीय संस्थान के पास जो शिकायतें आई हैं, उसके हैं. यानी इस लिहाज से बात करें तो देश में हर साल डिजिटल फ्रॉड के माध्यम से कई सौ करोड़ रुपये का नुकसान जनता को पहुंचाया जा रहा है.

सरकार लगातार सचेत कर रही है

हालांकी, सरकार ने लोकसभा में दिए जवाब में इस बात का भी जिक्र किया है कि सरकार लगातार ग्राहकों और नागरिकों को सचेत करने के लिए भी कदम उठा रही है. इतना ही नहीं इस तरीके के डिजिटल और ऑनलाइन फ्रॉड को कैसे रोका जाए उसको लेकर भी कड़े कदम उठाए जा रहे हैं.

सरकार इसके साथ ही यह भी सुनिश्चित करने की कोशिश की है कि जिन लोगों के साथ इस तरह से डिजिटल धोखाधड़ी होती है, उनको होने वाले नुकसान से बचाए जा सके और इसके लिए अलग-अलग प्लेटफॉर्म्स तैयार किए गए हैं जहां पर उपभोक्ता अगर उनके साथ किसी भी तरीके के धोखाधड़ी हो रही है तो उसकी शिकायत दर्ज करवा सके, जिससे कि जल्द से जल्द अपराधी तक पहुंच जाएं और उपभोक्ता को कोई नुकसान से बचाया जा सके.

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