कड़ाके की ठंड में नहीं मिल रही है धूप तो विटामिन डी की कमी के कारण शरीर देने लगते हैं ये गंभीर संकेत

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ठंड के मौसम के कारण भारत के अधिकांश हिस्सों में कोहरा छाया हुआ है, ऐसे में धूप मिलना मुश्किल हो गया है. कम धूप के कारण लोग विटामिन डी की कमी से ज्यादातर लोग पीड़ित हैं. इस आर्टिकल में हमने विटामिन डी की कमी के 5 लक्षणों के बारे में विस्तार से बात करेंगे

विटामिन डी एक फैट में घुलनशील विटामिन है. जो शरीर के कामकाज के लिए बहुत ज़रूरी है. वैसे तो इस विटामिन के कई फ़ायदे हैं. लेकिन इनमें सबसे अहम यह है कि विटामिन डी शरीर में कैल्शियम को बनाए रखता है और हड्डियों के स्वास्थ्य को मज़बूत बनाने में मदद करता है. हालांकि, हाल के दिनों में ठंड के मौसम और उच्च घनत्व वाले कोहरे के कारण लोग पर्याप्त धूप नहीं ले पा रहे हैं.

शरीर में विटामिन डी की कमी होने पर क्या होता है?

शरीर में विटामिन डी की कमी से हड्डियों पर असर पड़ता है, हड्डियों से जुड़ी समस्याएं होती हैं. शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता प्रभावित होती है, हृदय संबंधी समस्याएं होती हैं. ऑटोइम्यून समस्याएं होती हैं, न्यूरोलॉजिकल बीमारियां होती हैं और संक्रमण भी होता है। इस विटामिन की कमी से गर्भवती महिलाओं में जटिलताएं भी होती हैं और स्तन, प्रोस्टेट और कोलन कैंसर भी होता है.

विटामिन डी की कमी के 5 लक्षण
अक्सर बीमार महसूस करना विटामिन डी की कमी का एक आम संकेत है, जिसके बारे में बहुत से लोग नहीं जानते हैं। क्योंकि विटामिन डी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है, अगर इसमें कमी हो जाए तो शरीर कई वायरस से लड़ने की क्षमता खोने लगता है। इस वजह से लोग बार-बार बीमार पड़ते हैं. लगातार कमज़ोरी और थकान महसूस होना भी विटामिन डी की कमी का लक्षण हो सकता है। अगर आपको हर समय थकान महसूस होती है, तो इसके पीछे की वजह विटामिन डी की कमी हो सकती है। जो शरीर के एनर्जी लेवल के साथ-साथ आपके मूड को भी प्रभावित करता है.

विटामिन डी की कमी का असर बालों पर भी दिख सकता है

अवसाद भी विटामिन डी की कमी का एक बड़ा संकेत है. लगातार कमज़ोरी और थकान आपके मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकती है. ऐसे लोगों को डिप्रेशन आसानी से घेर लेता है. बालों का बहुत ज़्यादा झड़ना और बालों का ठीक से न बढ़ना भी विटामिन डी की कमी के कारण हो सकता है. हममें से ज़्यादातर लोग नहीं जानते, लेकिन विटामिन डी की कमी से बाल भी प्रभावित होते हैं. इसलिए अगर शैंपू और दवाइयों के बावजूद बालों की सेहत पर कोई असर नहीं पड़ता है, तो अपने विटामिन डी की जांच करवाएं.

जिन लोगों के शरीर में पर्याप्त मात्रा में विटामिन डी नहीं होता है, उनकी त्वचा पर रैशेज और मुंहासे होना आम बात है. ऐसे लोगों की त्वचा समय से पहले बूढ़ी भी दिखने लगती है.

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विटामिन डी की कमी के अन्य लक्षण

शरीर में विटामिन डी की कमी होने पर हड्डियां कमज़ोर होने लगती हैं, ऑस्टियोपोरोसिस, हड्डियों में दर्द, मांसपेशियों में ऐंठन, मांसपेशियों में कमज़ोरी, मांसपेशियों में तेज़ दर्द और जोड़ों में अकड़न महसूस होती है.

कौन से लोगों को ज़्यादा जोखिम है?

जो लोग धूप से बचते हैं, उनमें विटामिन डी की कमी का जोखिम ज़्यादा होता है. जिन लोगों को दूध से एलर्जी है, लैक्टोज़ इनटॉलेरेंस नहीं है या जो वीगन डाइट लेते हैं, उनमें भी विटामिन डी की कमी का जोखिम ज़्यादा होता है. स्तनपान कराने वाली महिलाएं, बड़ी उम्र के लोग, सांवली त्वचा वाले लोग, मोटे लोग और गैस्ट्रिक बाईपास सर्जरी करवाने वाले लोगों में विटामिन डी की कमी का जोखिम ज़्यादा होता है.

Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.

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