पूर्व PM चंद्रशेखर से लेकर मुरली मनोहर जोशी तक हैं इस यूनिवर्सिटी से पढ़े, जानिए कैसे मिलता है दाखिला

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बनारस हिंदू विश्वविद्यालय, जिसे बीएचयू के नाम से भी जाना जाता है, भारत के सबसे पुराने और प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थानों में से एक है. इस विश्वविद्यालय की स्थापना 1916 में पंडित मदन मोहन मालवीय ने की थी. उनका सपना था कि भारतीय युवाओं को आधुनिक शिक्षा के साथ-साथ भारतीय संस्कृति और मूल्यों का ज्ञान भी मिले.

ये कोर्स यूनिवर्सिटी में हैं उपलब्ध 

काशी के पवित्र नगर में स्थित यह विश्वविद्यालय लगभग 1300 एकड़ में फैला हुआ है. यहां पर छात्रों को साइंस, आर्ट्स, कॉमर्स, लॉ, मेडिसिन, मैनेजमेंट और एग्रीकल्चर जैसे विभिन्न क्षेत्रों में उच्च शिक्षा प्राप्त करने का अवसर मिलता है. विश्वविद्यालय में स्नातक स्तर पर बीए, बीएससी, बीकॉम, बीटेक, एमबीबीएस जैसे कोर्स उपलब्ध हैं. स्नातकोत्तर स्तर पर एमए, एमएससी, एमकॉम, एमटेक, एमबीए और पीएचडी के कार्यक्रम चलाए जाते हैं.

BHU Admission के लिए इन कोर्स में CUET जरूरी

यहां कुछ प्रमुख स्नातक (Hons) पाठ्यक्रमों की सूची दी गई है, जो छात्रों को विभिन्न क्षेत्रों में गहन अध्ययन और पेशेवर कौशल प्राप्त करने का अवसर प्रदान करते हैं. BA (Hons) सोशल साइंसेज, BA (Hons) आर्ट्स, शास्त्री (Hons), BA LLB (Hons), B.Com. (Hons) / B.Com (Hons.) FMM जैसे पाठ्यक्रम छात्रों को उनके विशिष्ट क्षेत्रों में विशेष ज्ञान और कार्यकुशलता प्राप्त करने के लिए तैयार करते हैं.

इसके अलावा, B.Sc. (Hons.) मैथ्स ग्रुप और बायोलॉजी ग्रुप, B.Sc. (Hons.) एग्रीकल्चर, B.Tech. इन डेयरी टेक्नोलॉजी और B.Tech. इन फूड टेक्नोलॉजी पाठ्यक्रम छात्रों को तकनीकी और वैज्ञानिक ज्ञान प्रदान करते हैं. अन्य महत्वपूर्ण पाठ्यक्रमों में बैचलर ऑफ परफॉर्मिंग आर्ट्स (BPA), बैचलर ऑफ फाइन आर्ट्स (BFA), और बैचलर ऑफ वोकेशनल कोर्सेज शामिल हैं, जो विभिन्न कला, संस्कृति, और तकनीकी क्षेत्रों में करियर बनाने के अवसर प्रदान करते हैं. इन सभी पाठ्यक्रमों के माध्यम से छात्र अपनी रुचि के क्षेत्र में विशेषज्ञता प्राप्त कर सकते हैं और अपने पेशेवर जीवन को एक नई दिशा दे सकते हैं.

ये है विभिन्न कोर्स की फीस 

फीस की बात करें तो बीएचयू में शिक्षा तुलनात्मक रूप से सस्ती है. स्नातक स्तर के कोर्स की वार्षिक फीस लगभग 5,000 से 25,000 रुपये के बीच है. हालांकि बीटेक और एमबीबीएस जैसे पेशेवर पाठ्यक्रमों की फीस अधिक होती है, जो कि प्रति वर्ष 30,000 से 2 लाख रुपये तक हो सकती है. विश्वविद्यालय मेधावी और जरूरतमंद छात्रों को स्कॉलरशिप भी देता है.

ये हैं यूनिवर्सिटी में एडमिशन लेने का तरीका

प्रवेश प्रक्रिया की बात करें तो अधिकांश कोर्स में दाखिला राष्ट्रीय स्तर की प्रवेश परीक्षा (CUET) के माध्यम से होता है. कुछ कोर्स के लिए स्नातक पाठ्यक्रमों के लिए बीएचयू अपनी खुद की प्रवेश परीक्षा यूईटी (अंडरग्रेजुएट एंट्रेंस टेस्ट) आयोजित करता है. इंजीनियरिंग में प्रवेश जेईई मेन्स के स्कोर के आधार पर होता है, जबकि एमबीबीएस में दाखिला नीट के माध्यम से होता है. स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों के लिए पीईटी (पोस्टग्रेजुएट एंट्रेंस टेस्ट) की परीक्षा देनी होती है.

सेंट्रल लाइब्रेरी से लेकर हॉस्टल तक की है सुविधा 

विश्वविद्यालय में केवल पढ़ाई ही नहीं, बल्कि खेलकूद और सांस्कृतिक गतिविधियों पर भी खास ध्यान दिया जाता है. यहां के छात्र न केवल शिक्षा में, बल्कि खेल और कल्चर में भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते हैं. यहां कई हॉस्टल्स भी हैं, जहां देश-विदेश से आए छात्र रहते हैं. इसके अलावा, परिसर में एक बड़ा केंद्रीय पुस्तकालय है, जिसमें लाखों किताबें हैं. विश्वविद्यालय का अपना अस्पताल भी है, जो न सिर्फ मेडिकल छात्रों के लिए ट्रेनिंग सेंटर है, बल्कि आम लोगों को भी सस्ती दरों पर इलाज की सुविधाएं देता है.

100 से अधिक सालों का रहा है इस यूनिवर्सिटी का इतिहास 

बीएचयू ने पिछले 100 से अधिक वर्षों में कई प्रतिभाशाली व्यक्तित्वों को तैयार किया है इनमें पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर, जो यहां के छात्र संघ के अध्यक्ष भी रहे, केंद्रीय मंत्री रहे डॉ. मुरली मनोहर जोशी, और वर्तमान केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान प्रमुख हैं. इसके अलावा कई राज्यों के मुख्यमंत्री और राज्यपाल भी बीएचयू के पूर्व छात्र रहे हैं. यह विश्वविद्यालय न केवल शिक्षा का केंद्र है बल्कि भारतीय संस्कृति और परंपराओं को संजोए रखने का एक महत्वपूर्ण स्थल भी है. एडमिशन और फीस से जुड़ी अन्य ताजा जानकारी के लिए विश्वविद्यालय की वेबसाइट (www.bhu.ac.in) देख सकते हैं. 

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