मेथी के छोटे बीज के हैं बड़े फायदे, कोलेस्ट्रॉल से लेकर शरीर के सूजन को करता है कम

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मेथी के बीज खाना बनाने से लेकर इसके स्वास्थ्य से जुड़े भी कई सारे फायदे हैं. इसके स्वास्थ्य से जुड़े कई सारे फायदे हैं जो हर किसी को जानना चाहिए.  इसमें फाइबर, एंटीऑक्सीडेंट और बायोएक्टिव भरपूर मात्रा में होते हैं. इन बीजों को कोलेस्ट्रॉल कम करने, ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने और सूजन को कम करने में कारगर पाया गया है. कई रिसर्च में इन दावों की पुष्टी की गई है. मेथी को अपनी डाइट का हिस्सा बनाना चाहिए क्योंकि इसके कई सारे हेल्थ बेनिफिट्स हैं.

मेथी के बीज के कई सार फायदे हैं

हाई कोलेस्ट्रॉल का लेवल कम करने से लेकर हृदय संबंधी बीमारियों, जैसे दिल के दौरे और स्ट्रोक का जोखिम कम करता है. मेथी के बीजों में सैपोनिन होते हैं, जो आंतों में कोलेस्ट्रॉल के अवशोषण को रोकने और इसके फायदे पूरे शरीर को बनाने में मदद करते हैं. इसके अलावा इनमें मौजूद हाई लेवल का फाइबर कोलेस्ट्रॉल से जुड़ जाती है और इसे ब्लड सर्कुलेशन में घुसने से करने से रोकती है.

साल 2020 के एक नए रिसर्च ने उच्च कोलेस्ट्रॉल वाले व्यक्तियों में लिपिड प्रोफाइल पर मेथी के बीज के पूरक के प्रभाव की जांच की. परिणामों ने एचडीएल (अच्छा कोलेस्ट्रॉल) को बढ़ाते हुए कुल कोलेस्ट्रॉल, एलडीएल (खराब कोलेस्ट्रॉल) और ट्राइग्लिसराइड्स में कमी का संकेत दिया. रिसर्च में पाया गया कि मेथी में पाई जाने वाली घुलनशील फाइबर के लिए जिम्मेदार ठहराया, जो आंतों में कोलेस्ट्रॉल के अवशोषण को कम करता है.

क्या कहता है रिसर्च?

फाइटोथेरेपी रिसर्च में पब्लिश एक नए रिसर्च में टाइप 2 मधुमेह वाले प्रतिभागियों में इसी तरह के परिणाम देखे गए. शोध में पाया गया कि रोजाना मेथी के बीजों का सेवन करने से एलडीएल कोलेस्ट्रॉल में 8-10% की कमी और एचडीएल कोलेस्ट्रॉल में मामूली वृद्धि हुई. यह दर्शाता है कि बीजों में रक्त शर्करा के लेवल को प्रबंधित करने के साथ-साथ हृदय स्वास्थ्य को बेहतर बनाने की क्षमता है.

मेथी के बीज डायबिटीज मरीजों के लिए काफी ज्यादा फायदेमंद होता है. बीजों में गैलेक्टोमैनन होता है, जो एक तरह का घुलनशील फाइबर है जो पाचन और शर्करा अवशोषण को धीमा कर देता है, जिससे रक्तप्रवाह में ग्लूकोज की कंट्रोल में रहता है. इसके अलावा मेथी में 4-हाइड्रॉक्सीसोल्यूसीन नामक एक एमिनो एसिड होता है. जो इंसुलिन को बढ़ाता है और ग्लूकोज चयापचय को ठीक से काम करने में मदद करता है.

‘इंटरनेशनल जर्नल ऑफ मॉलिक्यूलर साइंस’ में पब्लिश एक रिसर्च ने प्रीडायबिटिक व्यक्तियों में मेथी के पूरक के प्रभाव का मूल्यांकन किया. परिणामों से पता चला कि मेथी के इस्तेमाल के कारण इंसुलिन ठीक से काम करने लगा. टाइप 2 मधुमेह में कंट्रोल हुआ.

इन तरीकों से करें मेथी का इस्तेमाल

भिगोए हुए बीज: मेथी के बीजों को रात भर भिगोएं और सुबह खाली पेट इनका सेवन करें, इससे रक्त शर्करा नियंत्रण में मदद मिलती है.

मेथी की चाय: बीजों को पानी में उबालें और सूजन को कम करने और पाचन में सहायता के लिए छानकर पिएं.

पाउडर के रूप में: मेथी के पाउडर को स्मूदी, दही या करी में मिलाकर आसानी से पोषण बढ़ाएं.

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मेथी के अंकुरित बीज: बीजों को अंकुरित करने से उनका पोषण स्तर बढ़ता है और उन्हें पचाना आसान हो जाता है.

जीर्ण सूजन गठिया, हृदय रोग और ऑटोइम्यून विकारों सहित कई स्वास्थ्य स्थितियों का मूल कारण है. मेथी के बीजों में उच्च एंटीऑक्सीडेंट सामग्री और फ्लेवोनोइड्स और एल्कलॉइड जैसे बायोएक्टिव यौगिकों के कारण मजबूत एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं.

Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.

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