Logistics infrastructure: देश के विकास का कायापलट कर देने वाले मेगा प्रोजेक्ट पर भारत सरकार 11 लाख 17 हजार करोड़ खर्च करने जा रही है. इसके तहत चुनी गई 434 परियोजनाएं भारत में रोजगार, विकास और समृद्धि के सपनों को नई उड़ान देगी. भारत सरकार के वित्त मंत्रालय ने पिछले दिनों इन परियोजनाओं को परियोजनाओं को मंजूरी दी है. पीएम गतिशक्ति योजना के तहत धरातल पर उतरने के बाद ये परियोजनाएं भारत में लॉजिस्टिक इन्फ्रासट्रक्चर का सीन ही चेंज कर देंगी. इसके तहत तीन बड़े इकोनॉमिक कॉरीडोर बनाए जाने हैं. इनमें से एक एनर्जी, मिनरल और सीमेंट कॉरीडोर होगा. दूसरा पोर्ट कनेक्टिविटी और तीसरा ट्रैफिक डेंसिटी कॉरीडोर होगा.
रोडवेज, रेलवे, वाटरवेज और एयरवेज के बनेंगे मल्टीमोडल जंक्शन
पीएम गतिशक्ति योजना के तहत देश में कई स्थानों पर रोडवेज, रेलवे, वाटरवेज और एयरवेज के मल्टीमोडल जंक्शन बनेंगे. इसके तहत इंडस्ट्री के कच्चा और तैयार माल को बहुत जल्दी एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाया जा सकेगा. इस तरह लॉजिस्टिक लागत घटने से देश में तैयार माल सस्ते होंगे, जिससे लोगों को अपनी जरूरतों पर कम खर्च करने होंगे और निर्यात के लिए भारतीय माल विश्व बाजार में कांपीटिशन में शामिल हो सकेंगे. इसके तहत भारत सरकार 31 अक्टूबर 2024 तक 91 कार्गो टर्मिनल्स को मंजूरी दे चुकी है. नए टर्मिनल विकसित करने के 339 प्रस्ताव के बारे में भारत सरकार के स्तर पर विचार चल रहा है.
देश में 434 मेजर इकोनॉमिक कॉरीडोर बनेंगे
पीएम गति शक्ति योजना के तहत देश में 434 मेजर इकोनॉमिक कॉरीडोर बनाए जाएंगे. इनमें से 192 कॉरीडोर एनर्जी, मिनरल और सीमेंट कॉरीडोर के लिए होंगे. 200 हाई ट्रैफिक डेंसिटी रूट होंगे. 42 रूट पोर्ट कनेक्टिविटी पर फोकस करेंगे. इनमें से 156 परियोजनाओं का डीपीआर तैयार हो चुका है. इनमें से चुनी गई 68 परियोजनाओं के तहत 6,290 किलोमीटर के कनेक्टिविटी ट्रैक तैयार किए जाएंगे. इनके लिए सरकार एक 1,11,663 करोड़ रुपये मंजूर कर चुकी है. इनके अलावा 10,603 करोड़ की इकोनॉमिक कॉरीडोर परियोजनाओं पर 2,25,301 करोड़ रुपये खर्च होंगे.
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