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India vs Australia Border Gavaskar Trophy 2024: बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी 2024 का महत्व भारतीय क्रिकेट टीम अच्छे से समझती है. न्यूजीलैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज में 0-3 की हार के बाद भारत वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल (WTC Final 2025) की रेस से बाहर होने की कगार पर है. अब अगर टीम इंडिया को बिना किसी पर निर्भर रहते फाइनल में पहुंचना है तो बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी (BGT 2024) में कम से कम चार जीत दर्ज करनी होंगी. मगर भारतीय टीम में फिलहाल ऐसी कई खामियां हैं, जो उसकी हार का कारण बन सकती हैं.
1. रोहित शर्मा और विराट कोहली की खराब फॉर्म
रोहित शर्मा पहला टेस्ट खेलेंगे या नहीं, अभी कुछ स्पष्ट नहीं हो पाया है. लेकिन उनके वापस आने के बाद भी टीम इंडिया पर शायद ज्यादा फर्क ना पड़े क्योंकि पिछली 10 टेस्ट पारियों में उन्होंने सिर्फ 133 रन बनाए हैं, जिनमें मात्र एक अर्धशतक आया है. दूसरी ओर विराट कोहली का भी कुछ यही हाल है, जिन्होंने इस साल 12 पारियों में केवल 250 रन बनाए हैं. पिछले दिनों रिकी पोंटिंग ने जिक्र किया था कि कोहली का इस साल टेस्ट औसत सिर्फ 22.73 का है, जो वाकई में टीम इंडिया के लिए चिंता का विषय है.
2. मोहम्मद शमी की गैरमौजूदगी
2023 वर्ल्ड कप में आई चोट के एक साल बाद मोहम्मद शमी ने मैदान में वापसी की है. रणजी ट्रॉफी के मैच में बंगाल के लिए उन्होंने 2 पारियों में 7 विकेट लेने के अलावा बैटिंग में भी 39 रनों का योगदान दिया. शमी की वापसी शानदार रही, लेकिन पूरी तरह दुरुस्त ना होने के कारण वो बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के लिए भारतीय स्क्वाड का हिस्सा नहीं हैं. शमी बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में बहुत प्रभावी रहे हैं और 11 मैचों में 40 विकेट झटक चुके हैं. उन्होंने ऑस्ट्रेलिया में 8 मैच खेलकर 31 विकेट लिए हैं, लेकिन ये रिकॉर्ड बेकार साबित होते प्रतीत हो रहे हैं क्योंकि शमी के बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में खेलने की संभावनाएं ना के बराबर हैं. शमी का होना ना केवल भारतीय गेंदबाजी को अनुभव प्रदान करता बल्कि टीम को एक विकेट टेकिंग गेंदबाज भी मिल जाता.
3. दबाव में टीम इंडिया
बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी 2024 से ठीक पहले भारतीय टीम को अपने ही घर पर न्यूजीलैंड के हाथों टेस्ट सीरीज में 0-3 से करारी शिकस्त मिली है. ऑस्ट्रेलियाई दौरे पर रवाना होने से पहले हेड कोच गौतम गंभीर का कहना था कि उनके और टीम के ऊपर कोई दबाव नहीं है और बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में टीम अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करेगी. मगर जब किसी टीम को 12 साल बाद किसी घरेलू सीरीज में हार का झटका लगे तो दुनिया की टॉप टीमें भी मानसिक दबाव में बिखर सकती हैं. वहीं वर्ल्ड टेस्ट चैंपियंशिप फाइनल का दबाव भी भारतीय टीम की हार का कारण बन सकता है.
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