FDI In Insurance: इंश्योरेंस अमेंडमेंट बिल पर भारत सरकार जल्फैदी सला ले सकती है. अगर इंश्योरेंस अमेंडमेंड बिल को हरी झंडी मिल जाती है तो सीएनबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, इंश्योरेंस सेक्टर में 100 फीसदी एफडीआई का रास्ता खुल जाएगा. इसका मतलब है कि विदेशी निवेशक पूरी तरह से किसी भारतीय इंश्योरेंस कंपनी को खरीद सकते हैं या कोई भी विदेशी इंश्योरेंस कंपनी बिना किसी भारतीय शेयरहोल्डर के भारत में इंश्योरेंस का कारोबार कर सकती है. इससे उन इंश्योरेंस कंपनियों को काफी फायदा होगा, जो अभी तक शेयर बाजार में लिस्टेड नहीं हैं.
कंपोजिट इंश्योरेंस लाइसेंस मिलना संभव होगा
इंश्योरेंस अमेंडमेंट बिल के कानून के तौर पर लागू होने के बाद कंपोजिट इंश्योरेंस लाइसेंस मिलना भी शुरू हो जाएगा. इससे सभी इंश्योरेंस कंपनियों को फायदा होगा. लाइफ इंश्योरेंस कंपनियां हेल्थ इंश्योरेंस कारोबार में उतर पाएंगी और हेल्थ इंश्योरेंस कंपनियां लाइफ इंश्योरेंस कारोबार में कदम बढ़ा सकेंगी.
इंश्योरेंस कंपनी के नॉन इंश्योरेंस कंपनी से मर्जर पर नहीं रहेगी रोक
इंश्योरेंस अमेंडमेंट बिल इंश्योरेंस कंपनी की नॉन इंश्योरेंस कंपनी के साथ मर्जर की रोक भी खत्म कर देगा. मैक्स फाइनेंशियल के लिए इससे सबसे ज्यादा फायदा होने की उम्मीद है. उसकी इंश्योरेंस और नॉन इंश्योरेंस कंपनी के बीच मर्जर की संभावना है. अभी इंश्योरेंस कंपनी का मर्जर दूसरी इंश्योरेंस कंपनी से ही हो पाता है.
अभी एजेंट सिर्फ एक लाइफ, एक जनरल और एक हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी से ही करार कर सकते हैं. आगे यह भी बाधा दूर हो जाएगी. यह एलआईसी और एसबीआई लाइफ जैसी दूसरी कंपनियों के लिए बड़ा निगेटिव होगा. वहीं प्राइवेट लाइफ इंश्योरेंस कंपनियों के लिए पॉजिटिव होगा. अभी एजेंट सिर्फ एक लाइफ, एक जनरल और एक हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी से ही करार कर सकते है इसके अलावा सभी इंश्योरेंस कंपनियों के इन्वेस्टमेंट रेगुलेशन में बदलाव आ सकता है. एलआईसी जैसी कंपनियों पर इसका पॉजिटिव असर पड़ेगा.
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