यूपी पुलिस में कॉन्स्टेबल बनना युवाओं के लिए सपने जैसा होता है. सरकारी नौकरी की सुरक्षा, अच्छी सैलरी और समाज में सम्मान के कारण हर साल लाखों युवा इस नौकरी के लिए आवेदन करते हैं. आज हम आपको बताएंगे कि यूपी पुलिस कॉन्स्टेबल को मौजूदा समय में कितनी सैलरी मिलती है और आने वाले 8वें वेतन आयोग से उनकी सैलरी में कितना इजाफा हो सकता है.
कांस्टेबल का वर्तमान सैलरी पैकेज
7वें वेतन आयोग के अनुसार, यूपी पुलिस कॉन्स्टेबल को प्रति माह 21,700 रुपये का बेसिक सैलरी मिलता है. इनका वेतनमान 5,200 से 20,200 तक है और ग्रेड पे 2,000 रुपये है. इस बेसिक सैलरी के अलावा, कई तरह के भत्ते भी मिलते हैं जो कुल इनहैंड सैलरी को बढ़ाते हैं.
मिलने वाले भत्ते
– महंगाई भत्ता (DA)
– मकान किराया भत्ता (HRA)
– यात्रा भत्ता (TA)
– मेडिकल अलाउंस
– सिटी कंपेंसेटरी अलाउंस
– हाई एल्टीट्यूड अलाउंस (पहाड़ी क्षेत्रों में तैनाती पर)
– डिटैचमेंट अलाउंस
– अन्य विशेष भत्ते
इन सभी भत्तों को मिलाकर एक यूपी पुलिस कॉन्स्टेबल की कुल मासिक सैलरी लगभग 30,000 से 35,000 रुपये तक पहुंच जाती है, जो तैनाती के स्थान और अन्य फैक्टर्स पर निर्भर करती है.
जानिए 8वें वेतन आयोग से क्या होगा फायदा
अब बड़ी खबर यह है कि 8वें वेतन आयोग के लागू होने से यूपी पुलिस कॉन्स्टेबल की सैलरी में काफी बढ़ोतरी होने की उम्मीद है. विशेषज्ञों का अनुमान है कि 8वें वेतन आयोग के तहत सरकारी कर्मचारियों की सैलरी में 20-30% तक का इजाफा हो सकता है.
अनुमानित बढ़ोतरी
– वर्तमान बेसिक सैलरी: 21,700 रुपये
– 20% बढ़ोतरी के साथ: लगभग 26,040 रुपये
– 30% बढ़ोतरी के साथ: लगभग 28,210 रुपये
सिर्फ बेसिक सैलरी में ही नहीं, बल्कि सभी भत्तों में भी बढ़ोतरी होने से कुल इनहैंड सैलरी 40,000 से 45,000 रुपये प्रति माह तक पहुंच सकती है.
करियर ग्रोथ और प्रमोशन
यूपी पुलिस में कॉन्स्टेबल की नौकरी सिर्फ अच्छी सैलरी ही नहीं, बल्कि करियर ग्रोथ के बेहतरीन मौके भी देती है. समय के साथ प्रमोशन मिलने पर रैंक बढ़ती है और सैलरी में भी इजाफा होता है.
प्रमोशन का पाथ कुछ इस प्रकार है:
-कॉन्स्टेबल
-हेड कॉन्स्टेबल
-असिस्टेंट सब-इंस्पेक्टर (ASI)
-सब-इंस्पेक्टर (SI)
-इंस्पेक्टर
हर प्रमोशन के साथ वेतनमान और अन्य सुविधाओं में बढ़ोतरी होती है.
अन्य सुविधाएं और लाभ
सैलरी के अलावा, यूपी पुलिस कॉन्स्टेबल को कई अन्य सुविधाएं भी मिलती हैं:
– मेडिकल सुविधाएं
– लीव इनकैशमेंट
– सरकारी आवास या HRA
– PF (प्रॉविडेंट फंड)
– वर्दी और अन्य उपकरण
– समय-समय पर मिलने वाले बोनस
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