तुहिन कांत पांडेय ने संभाल लिया नए सेबी चीफ का कार्यभार, अब क्या शेयर बाजार में थमेगी गिरावट!

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SEBI News: शेयर बाजार के रेगुलेटर सेबी के नए चेयरमैन तुहिन कांत पांडेय ने पारदर्शिता और ‘टीम-वर्क’ पर ध्यान केंद्रित करने का वादा किया है. तुहिन कांत पांडेय ने शनिवार को सेबी के 11वें चेयरमैन के रूप में कार्यभार संभालने पर ये बातें कही. अब तक वित्त सचिव के रूप में कार्य कर रहे पांडेय ने सेबी को एक ऐसा ‘मजबूत बाजार संस्थान’ बताया, जिसे वर्षों से विभिन्न दिग्गजों ने आकार दिया है. 

तुहिन कांत पांडेय ने सेबी में अपने कार्यकाल के एजेंडे के बार में कुछ भी कहने से इंकार कर दिया. साथ ही पूर्व सेबी चीफ माधबी पुरी बुच के विवादों से भरे कार्यकाल पर कुछ कहने से बचते नजर आए. बुच पर उनके कार्यकाल के अंतिम कुछ महीनों में अनियमितताओं के कई आरोप लगे थे. बुच पांडेय के बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स में सेबी मुख्यालय पहुंचने पर मौजूद नहीं थीं. बताया जाता है कि वह अस्वस्थ हैं और उन्हें कोविड संक्रमण है. 

केंद्र सरकार ने गुरुवार 27 फऱवरी को तुहिन कांत पांडेय को सेबी का चेयरमैन नियुक्त करने का फैसला किया था. नए सेबी प्रमुख ने कहा, सेबी एक बहुत मजबूत बाजार संस्था है. इसे वर्षों से लगातार अग्रणी लोगों के साथ बनाया गया है और यह प्रक्रिया आगे भी जारी रहेगी.  नए चेयरमैन ने अपने उद्देश्यों को रेखांकित करते हुए चार टी- विश्वास (ट्रस्ट), पारदर्शिता (ट्रांसपेरैंसी), टीमवर्क और प्रौद्योगिकी (टेक्नोलॉजी) को अपने मुख्य ध्यान वाले क्षेत्रों के रूप में बताया. 

उन्होंने कहा, “मुझे लगता है कि ये चार तत्व सेबी को विशिष्ट बनाते हैं, और हम दुनिया में सबसे अच्छे बाजार संस्थानों में से एक बनाना जारी रखेंगे.” पिछले कुछ महीनों में सेबी में कुछ गतिविधियां देखने को मिली हैं, जहां इसके कर्मचारियों के एक बड़े वर्ग ने प्रबंधन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया था. 

तुहिन कांत पांडेय ऐसे समय में सेबी के प्रमुख का पद संभालेंगे जब विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) की निकासी के बाद बाजार में मंदी का दबाव देखने को मिल रहा है. जनवरी से अब तक विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने एक लाख करोड़ रुपये से अधिक की निकासी की है. 

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