Premanand Ji Maharaj: ‘भगवान के नाम रुपी जहाज में बैठ जाओं, बिना प्रयास के पास हो जाएगा’ जानें प्रेमानंद जी महाराज की विचार

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Premanand Ji Maharaj Anmol Vachan: प्रेमानंद जी महाराज एक महान संत और विचारक हैं जो जीवन का सच्चा अर्थ समझाते और बताते हैं. प्रेमानंद जी के अनमोल विचार जीवन को सुधारने और संतुलन बनाएं रखने में मार्गदर्शन करते हैं.

प्रेमानंद जी महाराज कहते हैं चाहे जितना शुभ कर्म कर लो लेकिन अगर भगवान के नाम का जप नहीं करते तो आपका कल्याण नहीं होगा. भजन करना बहुत महत्वपूर्ण माना गया है, चाहे आप जितना बड़ा शुभ काम कर लो, भजन और भगवान का नाम जपना अत्यंत जरुरी माना गया है. अगर आपने भगवान के नाम का जप नहीं किया सब कुछ अधूरा है.

भगवान के नाम रुपी जहाज में बैठ जाओं, बिना प्रयास के पास हो जाएगा. नानक नाम जहाज है, चढ़े सो उतरे पार, यदि पूर्व के पर्वत जैसे आपके पाप हैं और आप नाम जप करते हैं तो नाम जप के प्रभाव से पर्वत जैसे पाप नष्ट हो जाएंगे. भगवान का नाम जहाज़ की तरह है, जो श्रद्धा करने वालों को गुरु पार उतारता है. इसीलिए भगवान के नाम का जप निरंतर करते रहें.

भगवान का नाम कल्पवृक्ष है जो इच्छा करोगे मिलता चला जाएगा. भगवान अपने भक्तों की हर इच्छा को सुनते हैं. जीव स्वभाविक चाह करता है सुख की जो जगत में नहीं है, जगत में माया है, माया में छल है सुख नहीं सुख का छलावा है, जिसे तुम सुख समझते हो सुख की छाया है. समझ पड़ती नहीं यह मेरे गिरधर की माया है. सुख तो केवल भगवान में है. पूरे जगत को भगवान का स्वरुप समझो, निरंतर भगवान का नाम समर्ण करों, तुम सुखी नहीं परम सुखी हो जाओगे.

इसीलिए ईश्वर का नाम लेना और उनकी भक्ति करना मनुष्य को अपना कर्म समझकर करना चाहिए. भगवान आपके साथ हमेशा और सदा खड़े रहेंगे.

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