कंपनियों की तीसरी तिमाही की रिपोर्ट आने लगी है. ज्यादातर कंपनियों की रिपोर्ट में मुनाफा घटने के रुझान दिख रहे हैं. यहां तक कि भारत सरकार की एक महारत्न कंपनी के मुनाफे में भी गिरावट देखने को मिल रही है. यह कंपनी कोल इंडिया है. वही कोल इंडिया जिसके द्वारा निकाले गए कोयले से देश के अधिकतर हिस्से की बिजली जलती है, तीसरी तिमाही में कोल इंडिया के मुनाफे में 17.49 फीसदी की गिरावट है.
रिपोर्ट के मुताबिक, कोल इंडिया को तीसरी तिमाही में 8481 करोड़ 22 लाख का मुनाफा हुआ है. जो पिछले साल इसी अवधि के दौरान 10,291 करोड़ 71 लाख से काफी कम है. कोल इंडिया को इस दौरान 35,779 करोड़ 78 लाख की आमदनी हुई है. जो पिछले साल इसी अवधि के 36,153 करोड़ 97 लाख से 1.03 फीसदी कम है.
पिछले साल से दो फीसदी अधिक हुआ कोयले का उत्पादन
कोल इंडिया के मुनाफे और आमदनी में भले ही गिरावट है. लेकिन इस साल की तीसरी तिमाही में पिछले साल की तीसरी तिमाही से कोयले का उत्पादन दो फीसदी अधिक हुआ है. पिछले साल इस तिमाही में 198.99 मिलियन टन कोयले का उत्पादन हुआ था. जो इस साल बढ़कर 202.02 मिलियन टन हो गया है. कोल इंडिया की सब्सिडियरी महानदी कोलफील्ड लिमिटेड ने सबसे अधिक 60 मिलियन टन कोयले का उत्पादन किया है. इसके बाद एसईसीएल यानी साऊथ ईस्टर्न कोलफील्ड लिमिटेड ने 40.06 मिलियन टन और एनसीएल ने 38.39 मिलियन टन कोयले का उत्पादन किया है.
नौ महीनों में कोल इंडिया का मुनाफा 25,709 करोड़
पिछले नौ महीनों में कोल इंडिया का मुनाफा 25,709 करोड़ 57 लाख रहा. वहीं कोल इंडिया की आमदनी एक लाख दो हजार 917 करोड़ 27 लाख हुई. हालांकि कोल इंडिया अभी भी मुनाफे में है. लेकिन गिरता मुनाफा आर्थिक जगत के लिए जरूर चिंता का विषय है. यह स्थिति तब है, जब कोल इंडिया के कोयले की जबर्दस्त मांग बनी हुई है. हालांकि विदेश से सस्ते कोयले के आयात के कारण कोल इंडिया की बादशाहत को चुनौती मिलने लगी है.
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