महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय (एमजीसीयू) संसद के एक अधिनियम, केंद्रीय विश्वविद्यालय (संशोधन) अधिनियम 2014 (2014 की संख्या 35) द्वारा अस्तित्व में आया. विश्वविद्यालय 3 फरवरी 2016 को फंक्शनल हो गया. बिहार के मोतिहारी में स्थित यह यूनिवर्सिटी महात्मा गांधी के चंपारण सत्याग्रह के ऐतिहासिक स्थल के नजदीक है. विश्वविद्यालय की स्थापना का मुख्य उद्देश्य उच्च शिक्षा को ग्रामीण क्षेत्रों तक पहुंचाना और गांधीवादी मूल्यों के साथ आधुनिक शिक्षा का समन्वय करना था.
500 एकड़ से अधिक के क्षेत्र में बनी है यूनिवर्सिटी
शुरुआती दिनों में विश्वविद्यालय सीमित संसाधनों और अस्थाई परिसर से अपनी यात्रा शुरू की थी. धीरे-धीरे विस्तार करते हुए अब यह 500 एकड़ से अधिक के क्षेत्र में फैला हुआ है. शुरुआत में केवल कुछ पाठ्यक्रमों के साथ शुरू हुआ यह विश्वविद्यालय अब विभिन्न विषयों में स्नातक, स्नातकोत्तर और शोध कार्यक्रम प्रदान करता है.
इस तरह से होता है एडमिशन
एमजीसीयू में प्रवेश प्रक्रिया काफी पारदर्शी और व्यवस्थित है. स्नातक पाठ्यक्रमों के लिए प्रवेश मुख्य रूप से 12वीं कक्षा के अंकों के आधार पर होता है, जबकि स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों के लिए विश्वविद्यालय अपनी प्रवेश परीक्षा आयोजित करता है. विश्वविद्यालय में प्रवेश के लिए छात्रों को सीयूईटी (कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट) की परीक्षा देनी होती है. इस परीक्षा में प्राप्त अंकों के आधार पर ही दाखिला दिया जाता है. स्नातकोत्तर और पीएचडी पाठ्यक्रमों के लिए, प्रवेश परीक्षा के बाद शॉर्टलिस्ट किए गए उम्मीदवारों का साक्षात्कार या मौखिक परीक्षा भी ली जाती है. विशेष श्रेणियों जैसे SC, ST, OBC और दिव्यांग छात्रों के लिए सरकारी नियमों के अनुसार आरक्षण का प्रावधान है.
40 से अधिक विभाग चल रहे हैं यूनिवर्सिटी में
वर्तमान में विश्वविद्यालय में कई फैकल्टी के अंतर्गत 40 से अधिक विभाग हैं, जो विभिन्न पाठ्यक्रम प्रदान करते हैं. फैकल्टी ऑफ ह्यूमैनिटीज में हिंदी, अंग्रेजी, इतिहास, राजनीति विज्ञान, समाजशास्त्र, फिलॉसफी, मनोविज्ञान जैसे विषय शामिल हैं. साइंस फैकल्टी में भौतिकी, रसायन विज्ञान, गणित, जीव विज्ञान, कंप्यूटर विज्ञान के पाठ्यक्रम हैं. कॉमर्स एंड मैनेजमेंट में बीकॉम, एमकॉम, एमबीए, वित्त प्रबंधन के कोर्स हैं. इसके अलावा एजुकेशन फैकल्टी में बीएड, एमएड, अंतरराष्ट्रीय अध्ययन में अंतरराष्ट्रीय संबंध, क्षेत्रीय अध्ययन और गांधीवादी अध्ययन में गांधीवादी विचार, शांति अध्ययन, संघर्ष समाधान के पाठ्यक्रम प्रदान किए जाते हैं.
ये कोर्स भी पढ़ाए जाते हैं यूनिवर्सिटी में
विशेष रूप से, विश्वविद्यालय ने हाल के वर्षों में डेटा साइंस, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, साइबर सुरक्षा, और जलवायु परिवर्तन अध्ययन जैसे नए-युग के पाठ्यक्रम भी शुरू किए हैं, जो छात्रों को आधुनिक कार्यक्षेत्र की चुनौतियों के लिए तैयार करते हैं. एमजीसीयू की फीस स्ट्रक्चर अन्य निजी विश्वविद्यालयों की तुलना में काफी किफायती है, जो इसके ‘सभी के लिए शिक्षा’ के दर्शन को दर्शाता है.
ये लगती है फीस
M.A./M.Sc.मैथ्स, M.A. (अर्थशास्त्र/राजनीति विज्ञान/समाजशास्त्र/अंग्रेजी/हिन्दी/गांधी अध्ययन/संस्कृत/शिक्षा/लोक प्रशासन), B.L.I.Sc, B.A. (जे.एम.सी), B.Com.(H) और M.Com. के लिए प्रति सेमेस्टर लगभग 5 हजार से 9 हजार रुपये, पेशेवर पाठ्यक्रम B.Tech. और MBA के लिए प्रति सेमेस्टर लगभग 15 हजार-25 हजार रुपये जबकि M.Tech. (Comp. Science) की फीस 12 हजार रुपये और पीएचडी के लिए प्रति सेमेस्टर लगभग 16 हजार से 19 हजार रुपये शुल्क है. M.Sc. (Life Sciences)M.Sc.(Physics/ Chemistry) की फीस 6500 से 9 हजार निर्धारित है. विश्वविद्यालय मेधावी और आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों के लिए स्कॉलरशिप और शुल्क में छूट के विभिन्न प्रावधान भी प्रदान करता है. SC/ST/OBC श्रेणियों के छात्रों को सरकारी नियमों के अनुसार शुल्क में विशेष रियायत दी जाती है.
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