मनोज बाजपेयी ने हाल ही में अपने एक इंटरव्यू में बताया कि उन्होंने एक गंभीर बीमारी के कारण अपनी पूरी लाइफस्टाइल बदल ली. दरअसल, मनोज बाजपेयी की मां को पेट का कैंसर था. जिसके कारण वह खुद भी काफी वक्त तक बीमार हो गए थे. मनोज बाजपेयी ने अपने स्वास्थ्य और बीमारी के स्ट्रगल के बारे में खुलकर बात की है. जिसमें उनके शुरुआती अभिनय करियर के दौरान अक्सर बीमार रहना और अपने माता-पिता की बीमारियों से निपटना शामिल है. वे अपने स्वस्थ जीवनशैली विकल्पों के बारे में भी मुखर रहे हैं, जिसमें पिछले 14 वर्षों से रात का खाना नहीं खाना और बैलेंस डाइट और एक्सरसाइज पर ध्यान केंद्रित करना शामिल है.
मनोज बाजपेयी की जिंदगी इस बीमारी की वजह से चेंज हो गई
स्वास्थ्य को लेकर शुरुआती संघर्ष: मनोज बाजपेयी ने साझा किया है कि वे अपने शुरुआती अभिनय करियर के दौरान अक्सर बीमार रहते थे. और उन्होंने आर्थिक रूप से संघर्ष किया. उन्होंने यह भी याद किया कि कैसे उन्होंने अपनी अभिनय क्षमताओं पर सवाल उठाया और सोचा कि जो लोग उनके अभिनय की तारीफ कर रहे थे. वे उनका मज़ाक उड़ा रहे थे.
एक बेहतर लाइफस्टाइल के लिए अच्छी डाइट है जरूरी
स्वस्थ जीवनशैली: मनोज बाजपेयी ने एक स्वस्थ जीवनशैली अपनाई है, जिसमें पिछले 14 सालों से रात का खाना नहीं खाना और संतुलित आहार और व्यायाम पर ध्यान केंद्रित करना शामिल है. वे दोपहर के भोजन में चावल, रोटी और अपना पसंदीदा शाकाहारी या मांसाहारी व्यंजन खाते हैं, जिसके बारे में उनका कहना है कि इससे उन्हें संतुलित वजन बनाए रखने में मदद मिलती है.वे योग और ध्यान भी करते हैं.
पिता की मृत्यु: मनोज बाजपेयी ने अपने पिता की मृत्यु के बारे में बताया और बताया कि कैसे उन्होंने अपने गंभीर रूप से बीमार पिता से “उनके शरीर को छोड़ देने” की विनती की.
मां की बीमारी: मनोज बाजपेयी ने यह भी याद किया कि कैसे उनके पिता के निधन के बाद उनकी माँ ने दिल्ली से वह गांव चली गई. लेकिन जब उनके पेट का कैंसर फिर से उभर आया तो उन्हें इलाज के लिए वापस दिल्ली बुला लिया गया.
पेट के कैंसर के लक्षण
पेट के पसलियों के सबसे ऊपर लेयर और उसे ठीक नीचे पेट लेयर में कैंसर होते हैं. हेल्थ एक्सपर्ट के मुताबिक पेट का कैंसर पेट के किसी भी हिस्से में हो सकता है. दुनिया के ज़्यादातर हिस्सों में पेट का कैंसर पेट के मुख्य हिस्से में होता है. इस हिस्से को पेट का शरीर कहा जाता है. पेट का कैंसर गैस्ट्रोएसोफेगल जंक्शन से शुरू होने की अधिक संभावना है. यह वह हिस्सा है जहां आपके द्वारा निगले गए भोजन को ले जाने वाली लंबी नली पेट से मिलती है. भोजन को पेट तक ले जाने वाली नली को एसोफैगस कहा जाता है.
दरअसल, पेट के कैंसर के लक्षण हर इंसान पर अलग-अलग दिखाई देते हैं. पेट के कैंसर के मरीज का इलाज इस बात पर निर्भर करता है कि कैंसर कहां है ? और कितनी दूर तक फैल चुका है. आजकल की खराब लाइफस्टाइल के कारण लोग अक्सर इस गंभीर बीमारी के चपेट में आ जाते हैं.
पेट के कैंसर होने पर कोई खास ऐसे लक्षण नहीं जो दिखाई देते हैं लेकिन आम से लक्षण को भी अगर आप गौर करेंगे तो इसका वक्त रहते इलाज संभव है. इसके लक्षण नॉर्मल से होते हैं. अगर इसका वक्त रहते इलाज नहीं किया गया तो यह शरीर के दूसरे अंगों में भी तेजी से फैल जाती है.
1. पेट में तेज दर्द-सूजन
पेट में कैंसर होने पर पेट में तेज दर्द और सूजन हो सकती है. अगर बिना किसी कारण दर्द लगातार बना है तो तुरंत सावधान हो जाना चाहिए. अक्सर दर्द पेट और सूजन पेट के ऊपरी हिस्से में होता है. ट्यूमर का साइज जैसे-जैसे बढ़ने लगता है पेट का दर्द भी बढ़ने लगता है. ऐसी कंडीशन में तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिए.
2. पेट में ब्लोटिंग की प्रॉब्लम
खानपान सही न रहने की वजह से पेट में ब्लोटिंग की प्रॉब्लम हो जाती है. ये नॉर्मल भी हो सकता है लेकिन अगर लंबे समय से ब्लोटिंग हो रही है तो पेट के कैंसर का लक्षण हो सकता है. अगर पेट हमेशा फूला महसूस होता है तो इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए. तुरंत चेकअप करवाना चाहिए, जिससे ब्लोटिंग का सही कारण पता चल सके.
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3. सीने में जलन
सीने में जलन और दर्द भी एब्डोमिनल कैंसर के ही लक्षण हो सकते हैं. जब पेट में कैंसर होता है, तब पाचन खराब हो जाता है. इससे सीने में जलन और एसिड रिफ्लक्स की समस्या ट्रिगर कर सकती है. लंबे समय तक ऐसा रहने पर तुरंत डॉक्टर को दिखाना चाहिए.
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